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भारतीय पैरालम्पिक समिति के अध्यक्ष का कहना हम आगे बढ़ रहे खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पैरालम्पिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया निर्विरोध भारतीय पैरालम्पिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष चुन लिए गए। उन्होंने मशहूर पैरा एथलीट दीपा मलिक की जगह ली है। देवेंद्र झाझड़िया पर इस साल होने वाले पेरिस पैरा ओलम्पिक में अधिक से अधिक भारती दिव्यांग मेडल जीतें इसकी महती जवाबदेही होगी। पीसीआई के हुए चुनाव में 2004 एथेंस और 2016 रियो पैरालम्पिक में एफ 46 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतने वाले 42 वर्षीय देवेंद्र झाझड़िया एकमात्र उम्मीदवार थे। पीसीआई के चुनाव अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव और पांच कार्यकारी सदस्यों के पदों के लिए हुए। जयवंत हम्मनवर को महासचिव चुना गया। आर चन्द्रशेखर और सत्य प्रकाश सांगवान उपाध्यक्ष जबकि सुनील प्रधान कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य देखेंगे। ललित ठाकुर और टी दिवाकर संयुक्त सचिव बने हैं। शुरू में आठ उम्मीदवारों ने 5 कार्यकारी समिति सदस्यों के पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, लेकिन बाद में उनमें से तीन ने नाम वापस ले लिया। यह औपचारिकताओं को पूरा करना था और निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने झाझरिया के नेतृत्व में सभी नए पदाधिकारियों को चुनाव प्रमाण पत्र सौंपे। गोवा के अंतरराष्ट्रीय कोच और रेफरी जयवंत हम्मनवर को निर्विरोध महासचिव चुना गया। पीसीसीआई के नवनियुक्त अध्यक्ष देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि पेरिस पैरालम्पिक में भारत का लक्ष्य 30 पदक जीतना होगा जो टोक्यो में जीते गए पदकों से 11 अधिक है। भारत ने 2021 में टोक्यो पैरालम्पिक खेलों में पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक जीते थे। झाझड़िया ने इन खेलों में भाला फेंक में रजत पदक हासिल किया था। झाझड़िया ने कहा, 'पेरिस पैरालम्पिक खेलों में हमारा लक्ष्य टोक्यो में जीते गए 19 पदकों से अधिक पदक जीतना होगा। इस बार 30 पार।' उन्होंने कहा, 'हमने 2016 में रियो पैरालम्पिक में अच्छा प्रदर्शन किया था तथा टोक्यो में 19 पदक जीते थे। हमने दिखाया कि भारत पैरा खेलों में तेजी से आगे बढ़ रहा है।' भारत अगर पेरिस पैरालम्पिक में 30 पदक जीतता है तो वह शीर्ष 10 देश में शामिल हो जाएगा।