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रणजी ट्रॉफी में खेली सबसे बड़ी पारी दोहरा शतक जमाने वाले बने मुंबई के दूसरे युवा बल्लेबाज खेलपथ संवाद बड़ोदरा। वो कहते हैं ना बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां और भी कमाल. कुछ ऐसी ही है सरफराज खान और मुशीर खान की कहानी। दोनों भाई इन दिनों भारतीय क्रिकेट में गजब कर रहे हैं. बड़े भाई सरफराज के बारे में तो आप जानते ही हैं, उन्होंने राजकोट टेस्ट की दोनों पारियों में क्या किया? अब छोटे मियां मुशीर खान के बारे में भी पढ़ लीजिए. इन जनाब ने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच में बड़ौदा के खिलाफ दोहरा शतक लगाया है. सिर्फ 350 गेंदों में इन्होंने ऐसा किया है। मुशीर खान ने बड़ौदा के खिलाफ पहली पारी में 350 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 18 चौके की मदद से अपना दोहरा शतक पूरा किया. मतलब उनकी पारी में छक्का एक भी शामिल नहीं रहा. जबकि ऐसा नहीं है कि वो सिक्स नहीं लगा सकते. छक्के लगाने में मुशीर भी अपने बड़े भाई सरफराज की तरह ही हैं. लेकिन, उन्होंने कोई रिस्की शॉट खेलने के बजाए टीम के बारे में सोचा. मुशीर के बल्ले से निकला दोहरा शतक उनके फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा स्कोर है. ये उनके फर्स्ट क्लास करियर की सबसे बड़ी पारी है, जो कि सिर्फ चौथे मैच में ही आई है. इससे पहले उन्होंने 3 फर्स्ट क्लास मैचों में बस 96 रन बनाए थे. इस दोहरे शतक को जड़कर 18 साल 362 दिन के मुशीर रणजी ट्रॉफी में ऐसा करने वाले मुंबई के दूसरे युवा बल्लेबाज बन गए हैं. इस मामले में रिकॉर्ड वसीम जाफर के नाम है, जिन्होंने 18 साल 262 दिन में दोहरा शतक मुंबई के लिए लगाया था. बड़ौदा के खिलाफ मुशीर का दोहरा शतक सिर्फ उनके कीर्तिमानों के लिए ही खास नहीं रहा. बल्कि, ये इनिंग जिन हालातों में खेली गई, वो भी इसे खास बनाती है. पृथ्वी शॉ, अजिंक्य रहाणे समेत 4 विकेट 100 रन के अंदर गंवाकर मुंबई की टीम एक वक्त मुश्किल में दिख रही थी. लेकिन, मुशीर ने इस हालात को खुद के लिए मौके की तरह भुनाया और दोहरा शतक लगा दिया.