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स्पिन पिचों पर तेज गेंदबाजों की सफलता से जमा टीम इंडिया का रंग खेलपथ संवाद रांची। भारतीय पिचों पर कुछ समय पहले तक स्पिनर सफलता की गारंटी माने जाते थे, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय तेज गेंदबाजों की सफलता ने इसे झुठलाने का प्रयास किया है। खासतौर पर जसप्रीत बुमराह ने अपनी रिवर्स स्विंग और यॉर्कर से इंग्लैंड के बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी और विशाखापत्तनम टेस्ट को अपने दम पर भारत को जिताया। इस सीरीज में 104 और 91 रन की दो महत्वपूर्ण पारियां खेलने वाले शुभमन गिल ने भी बुधवार को स्वीकार किया कि भले ही पिचें भारतीय तेज गेंदबाजों के पूरी तरह पक्ष में नहीं रही हों, लेकिन महत्वपूर्ण मौकों पर विकेट झटकने की उनकी काबलियत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बड़ा अंतर पैदा किया है। गिल ने माना कि रांची टेस्ट में बुमराह की कमी खलेगी, लेकिन अन्य भारतीय तेज गेंदबाजों के पास भी इन परिस्थितियों में गेंदबाजी करने का काफी अनुभव है, जिससे वे अपना प्रभाव छोड़ सकते हैं। उन्होंने राजकोट टेस्ट में चार विकेट लेने वाले मोहम्मद सिराज का उदाहरण दिया। भारतीय तेज गेंदबाजों ने इस सीरीज में 22 और स्पिनरों ने कुल 36 विकेट लिए हैं। विकेटों की संख्या भले ही स्पिनरों के पक्ष में हो, लेकिन गिल का कहना है कि तेज गेंदबाजों ने हालातों के अनुसार गेंदबाजी कर भारतीय टीम को आगे बनाए रखा। इस सीरीज में बुमराह ने 17, सिराज ने चार और मुकेश कुमार ने एक विकेट लिया है, वहीं स्पिनरों में अश्विन ने 11, रविंद्र जडेजा ने 12, कुलदीप यादव ने आठ और अक्षर पटेल ने पांच विकेट लिए हैं। राजकोट टेस्ट में इंग्लैंंड की दूसरी पारी ऐसी रही, जहां भारतीय स्पिनरों ने आठ विकेट झटके और तेज गेंदबाज को एक विकेट मिला। भारतीय तेज गेंदबाजों ने इस सीरीज में रिवर्स स्विंग का बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल किया है। बुमराह तो खास रहे ही, लेकिन सिराज ने भी राजकोट टेस्ट की पहली पारी में चार विकेट लेकर इंग्लैंड को 319 रन पर समेटने में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने भी इस दौरान रिवर्स स्विंग और यॉर्कर का बखूबी इस्तेमाल किया। यह तेज गेंदबाजों की सफलता ही थी जिसके बलबूते भारत ने इंग्लैंड के बैजबॉल को करारे तरीके से जवाब दिया। इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारतीय स्पिनरोंं के खिलाफ स्वीप, रिवर्स स्वीप का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया, लेकिन बुमराह और सिराज की काट वह नहीं ढूंढ पाए। बुमराह को कार्यभार प्रबंधन के तहत रांची टेस्ट से आराम दिया गया है। गिल कहते हैं कि जैैसा कि उन्होंने विराट भाई के बारे में कहा, ठीक यही बात बुमराह पर लागू होती है। अगर बूम भाई जैसा गेंदबाज नहीं खेल रहा है तो किसी भी टीम को उसकी कमी खलेगी। विशेषकर तब जब वह हमारे तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ हों, लेकिन गिल सिराज का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि उन्होंने भी राजकोट टेस्ट में चार विकेट उखाड़े। उन्होंने यह भी कहा कि कोहली और बुमराह जैसे खिलाडिय़ों की गैरमौजूदगी युवाओं के लिए बड़े मंच पर अपने को साबित करने का बेहतरीन मौका है। उन्होंने इसका उदाहरण अपने पहले ही टेस्ट में राजकोट में दो अर्धशतक लगाने वाले सरफराज खान का दिया। भारत चार स्पिनर उतार सकता है: पोप बुमराह की गैरमौजूदगी में उम्मीद की जा रही है कि रांची में टर्न लेती पिच पर मुकाबला होगा। इंग्लैंड के उपकप्तान ओली पोप का कहना है कि टर्न लेती पिच से उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी, क्यों कि शुरू से स्पिनरों को मदद मिलने से मुकाबला बराबरी का हो जाएगा। इससे टॉस की भूमिका महत्वहीन हो जाएगी और मैदान पर बराबरी की टक्कर होगी। पोप को लगता है कि भारत इस टेस्ट में चार स्पिनर के साथ उतर सकता है। बुमराह के विकल्प के रूप में इस टेस्ट में अक्षर पटेल को उतारा जा सकता है। हैदराबाद टेस्ट में 196 रन की पारी खेलने वाले पोप ने कहा कि अगर पिच स्पिन करेगी तो हमें अधिक स्वीप और नए तरह के शॉट देखने को मिलेंगे। हमने देखा है कि जडेजा, कुलदीप, अश्विन स्पिन पिच पर किस तरह का खतरा पैदा कर सकते हैं। हमारा सर्वश्रेष्ठ प्रयास उन्हें दबाव में बनाकर रखना होगा।