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बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचीं खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम ने अपना स्वप्निल अभियान जारी रखते हुए शनिवार को रोमांचक सेमीफाइनल में दो बार के पूर्व चैम्पियन जापान को 3-2 से हरा दिया और पहली बार बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की दुनिया की 23वें नंबर की जोड़ी, दुनिया की 53वें नंबर की अश्मिता चालिहा और 17 साल की अनमोल खरब ने पहले युगल और दूसरे और निर्णायक एकल में शानदार जीत दर्ज करके भारत को खिताबी मुकाबले में पहुंचाया। फाइनल में रविवार को भारत का सामना थाईलैंड से होगा। जापान की टीम हालांकि दुनिया की चौथे नम्बर की खिलाड़ी अकाने यामागुची, दुनिया की सातवें नम्बर की युकी फुकुशिमा और सयाका हिरोता तथा दुनिया की आठवें नम्बर की जोड़ी मायू मात्सुमोतो और वकाना नागहारा के बिना खेल रही थी। चोट के कारण लम्बे समय बाद वापसी कर रही सिंधू ने चीन की हान युए और हांगकांग की लो सिन यान हैप्पी के खिलाफ जीत दर्ज की थी, लेकिन वह बाएं हाथ की आया ओहोरी के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकीं और पहले मैच यानी एकल मैच में उन्हें 13-21, 20-22 से हार का सामना करना पड़ा। त्रिशा और गायत्री की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 73 मिनट तक चले मुकाबले में दुनिया की छठे नम्बर की खिलाड़ी नामी मात्सुयामा और चिहारू शिदा को 21-17 16-21 22-20 से हराया जिससे भारत ने 1-1 से बराबरी हासिल की। पूर्व विश्व चैम्पियन और मौजूदा नम्बर 20 नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ बाएं हाथ की अश्मिता ने आक्रामक खेल दिखाया। अश्मिता ने अपने ओवरहेड क्रॉस ड्रॉप और जंप स्मैश का अच्छा उपयोग किया। वह ओकुहारा को 21-17, 21-14 से हराने में कामयाब रहीं और भारत को 2-1 की बढ़त दिलाई। तनीषा क्रैस्टो की चोट के कारण सिंधू ने इसके बाद अश्विनी पोनप्पा के साथ जोड़ी बनाई, लेकिन वह दुनिया की 11वें नंबर की जोड़ी रेना मियाउरा और अयाको सकुरामोतो की जोड़ी को हरा नहीं सकीं। 43 मिनट तक चले मुकाबले में सिंधू-पोनप्पा की जोड़ी को 14-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में मुकाबला 2-2 से बराबर हो गया और निर्णायक पांचवें मैच में पहुंचा। ऐसे में अनमोल को दुनिया के 29वें नंबर के खिलाड़ी नात्सुकी निदैरा को हराने की जिम्मेदारी सौंपी गई और भारतीय खिलाड़ी ने एक बार फिर उम्मीद पर खरा उतरते हुए 52 मिनट में 21-14, 21-18 से जीत दर्ज की। फाइनल में पहुंचने के बाद अब भारत की महाद्वीपीय चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण जीतने की उम्मीदें बरकरार हैं। भारत ने 2016 और 2020 संस्करणों में पुरुषों की टीम स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीते थे। भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने क्वार्टर फाइनल में हॉन्गकॉन्ग को 3-0 से शिकस्त दी थी। वहीं, भारतीय पुरुष टीम को क्वार्टर फाइनल में जापान से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था।