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नोएडा की नायब तहसीलदार के डोपिंग में फंसने से प्रशंसक निराश खेलपथ संवाद नई दिल्ली। एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली देश की नामी पहलवान दिव्या काकरान डोप में फंस गई हैं। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की ओर से लिए गए उनके सैम्पल में प्रतिबंधित स्टेरायड मिथाइल टेस्टोस्टोरॉन और उसके मेटाबोलाइट्स पाए गए हैं। यूपी की अर्जुन अवॉर्डी इस पहलवान को नाडा ने अस्थाई रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। अगर वह नाडा के सुनवाई पैनल के समक्ष अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाईं तो उन पर अधिकतम चार साल का प्रतिबंध लग सकता है। नाडा ने बीते वर्ष 15 दिसम्बर को दिव्या का आउट ऑफ कम्पटीशन सैम्पल मुजफ्फरनगर (यूपी) स्थित उनके आवास से लिया था, जिसकी टेस्टिंग वाडा से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय डोप टेस्ट लैबोरेटरी (एनडीटीएल) में की गई थी। इसी लैब की टेस्टिंग में एनाबॉलिक एंड्रोजेनिक स्टेरायड पाया गया है। नाडा ने 10 जनवरी से दिव्या पर अस्थाई प्रतिबंध लगाया है, जिसके चलते वह राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भी नहीं खेल सकीं। सूत्र बताते हैं कि दिव्या ने बी सैम्पल भी टेस्ट करा लिया है। दिव्या ने 2018 के जकार्ता एशियाई खेलों में 68 किलो भार वर्ग में कांस्य जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2018 और 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी कांस्य पदक जीता। वह दो बार एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और 2017 में उन्होंने राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप का भी स्वर्ण जीता। उन्हें 2020 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों केे दौरान 57 किलो में कांस्य पदक जीतने वाली दिल्ली की पहलवान सिमरन इससे पहले डोप पॉजिटिव पाई जा चुकी हैं। उनके सैम्पल में भी स्टेरायड नॉरएंड्रोस्टोरॉन पाया गया था। दिव्या काकरान के प्रशंसक निराश, नोएडा में नायब तहसीलदार के पद पर हैं तैनात नोएडा में नायब तहसीलदार दिव्या काकरान ने पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदकों की झड़ी लगाकर जिले का नाम रोशन किया। कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में स्वर्ण, वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य, एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी है। इसी कामयाबी के चलते उन्हें अर्जुन और रानी लक्ष्मीबाई अवॉर्ड भी मिल चुका है। डोप टेस्ट में नाम आने से प्रशंसक निराश हैं। अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिव्या काकरान मूल रूप से मुजफ्फरनगर के पुरबालियान गांव की रहने वाली हैं। उनका परिवार दिल्ली में रहता है और ससुराल मेरठ में है। एक साल पहले ही उनकी मूल रूप से शामली के रहने वाले सचिन प्रताप सिंह के साथ शादी हुई थी। खेल कोटे से 2019 में रेलवे में नौकरी पाई थी। दिल्ली के शाहदरा रेलवे स्टेशन पर सीनियर टीटी के पद पर तैनात रहीं। इसके बाद पिछले दिनों ही उन्हें यूपी सरकार ने नायब तहसीलदार बनाया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही उन्हें नियुक्ति पत्र दिया था। पिछले दिनों कुश्ती के विवाद में पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद बृजभूषण शरण का समर्थन के कारण भी चर्चाओं में आई थीं। उधर, सोमवार को डोप टेस्ट में नाम आने के बाद प्रशंसक निराश दिखे। उनके पिता सूरज पहलवान ने हालांकि जानकारी होने से इन्कार किया है। पहलवान दिव्या काकरान इससे पहले मेरठ में किराए के विवाद को लेकर भी सुर्खियों में आई थी। बाद में दोनों पक्षों ने समझौता भी कर लिया था।