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मेरा युवा भारत के लिए 200 करोड़, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय का घटा बजट खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने खेलों के अंतरिम बजट का समर्थन करते हुए कहा कि ओलम्पिक वर्ष में यह खिलाड़ियों के विशेष अभ्यास कार्यक्रम में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह ओलम्पिक वर्ष है और यह खिलाड़ियों के अभ्यास में सहायक होगा। बढ़े हुए बजट से खिलाड़ी अच्छा प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं और खेल विज्ञान और अन्य सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं, जिससे विश्वस्तर पर उनका प्रदर्शन अच्छा होगा। खेलो इंडिया के बढ़े बजट पर उन्होंने कहा कि यह जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को खोजने में सहायक होगा। बाधाओं के बिना तैयारियां करने के लिए खिलाड़ियों की आर्थिक मदद बेहद अहम है। क्या है खेल बजट में? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना खेलो इंडिया को धार देने के लिए 2024-25 के अंतरिम बजट में इसके लिए 900 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि निर्धारित की गई है। खेलो इंडिया के जरिए 2036 के ओलम्पिक की मेजबानी को हासिल करने के लक्ष्य को साधा जाएगा। इसके जरिए अहमदाबाद के नारायणपुरा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में कई तरह के निर्माण कराए जाएंगे। साथ ही प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में पड़ते सिगरा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में भी निर्माण होंगे। यही नहीं इस वर्ष जुलाई-अगस्त में होने वाले पेरिस ओलंपिक की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खेल संघों और भारतीय खेल प्राधिकरण के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। खेल और युवा मामलों के कुल बजट में 2023-24 के मुकाबले 45 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि की गई है। 2023-24 में तीन हजार तीन सौ 97.32 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया गया था, जबकि खर्च तीन हजार नौ सौ 96.96 रुपये हुआ। इसके मुकाबले 2024-25 के लिए तीन हजार चार सौ 42.32 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अंतरिम बजट में इस बार खेलों के मुकाबले युवा मामलों के मंत्रालय को ज्यादा प्रमुखता दी गई है। पीएम की योजना मेरा युवा भारत के तहत राष्ट्र निर्माण की दिशा में युवाओं के व्यक्तित्व विकास और उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि निर्धारित की गई है। 2023-24 में युवा मामलों का कुल बजट 891.50 करोड़ था, जिसमें 192 करोड़ रुपये की वृद्धि करते हुए एक हजार 83.90 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं खेलों के बजट में 2023-24 में हुए खर्च को ध्यान में रखते हुए 147.49 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। बीते वर्ष के 2505.91 करोड़ के मुकाबले इस बार खेलों का बजट 2358.42 करोड़ रुपये है। खर्च के मुकाबले 20 करोड़ बढ़ा खेलो इंडिया का बजट 2023-24 में खेलो इंडिया के लिए सर्वाधिक 1000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी, लेकिन इस पर 880 करोड़ रुपये ही खर्च हुए, जिसके चलते आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 900 करोड़ रुपये बजट निर्धारण किया गया। खेलो इंडिया के तहत देश में जमीनी स्तर पर खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के अलावा अकादमी, सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना कराई जाती है, साथ ही खेलो इंडिया यूथ, यूनिवर्सिटी, पैरा, विंटर गेम्स के आयोजन के अलावा युवा प्रतिभाओं को 50 हजार रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। साई और खेल संघों की राशि में बढ़ोतरी ओलंपिक की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए साई के बजट में 37 और राष्ट्रीय खेल संघों के बजट में 15 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। साई का बजट 785.52 के मुकाबले 822.6 करोड़ और खेल संघों का बजट 325 के मुकाबले 340 करोड़ किया गया है। हालांकि अदालत के आदेश पर अभी तक खेल संघों की वित्तीय मदद नहीं की जा रही है, लेकिन साई खिलाडिय़ों की तैयारियां और विदेशी दौरे का खर्च उनकी सीधी मदद करके अंजाम दे रहा है। ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए खिलाडिय़ों को इस वर्ष कई सारे क्वालिफाइंग टूर्नामेंट खेलने हैं और विदेशी सेंटरों में तैयारी करना है। राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय का घटा बजट मणिपुर में हिंसात्मक गतिविधियों के चलते राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के विकास पर भी फर्क पड़ा है। जिसके चलते इस बार विश्वविद्यालय के बजट में कटौती गई है। पिछले बजट में विश्वविद्यालय के लिए 107.84 करोड़ रुपये निर्धारित थे जिसमें से 83.21 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। इस बार यहां का बजट 91.90 करोड़ रखा गया है। नेशनल डोप टेस्ट लैबोरेटरी (एनडीटीएल) और राष्ट्रीय डोप रोधी एजेंसी (नाडा) का बजट 19.5 से 22 और 21.73 से 22.30 करोड़ कर दिया गया है। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई) का बजट भी बढ़ाकर 75 से 78.51 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर में खिलाडिय़ों की मदद की जाने वाली आर्थिक राशि 15 से 8 करोड़ रुपये कर दी गई है। खिलाडिय़ों के कैश अवार्ड की राशि को 45 से 39 करोड़ किया गया है।