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अंतरिम बजट में खेल-खिलाड़ियों को मिले 3442 करोड़ रुपये कई योजनाओं में की गई कटौती, कुल बजट में 45 करोड़ बढ़े खेलपथ संवाद नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जरूरी वित्तीय कार्यों के प्रबंधन के लिए अंतरिम बजट पेश कर दिया। पूर्ण बजट लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने और नई सरकार के गठन के बाद पेश किया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी खेल बजट को लेकर खिलाड़ियों और खेलों से जुड़े लोगों के मन में काफी आशाएं थीं। इस बार मोदी सरकार ने खेल को 3,442.32 करोड़ रुपये दिए हैं, जोकि पिछले साल पेश किए गए बजट के मुकाबले 45 करोड़ रुपये ज्यादा हैं। पिछले साल केंद्र सरकार ने युवा और खेल मामलों के मंत्रालय के लिए 3397.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जो साल 2022 के बजट से 723.97 करोड़ रुपये ज्यादा था। साल 2022 में भी स्पोर्ट्स बजट में 423.16 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। इस साल पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक ओलम्पिक भी होना है। ऐसे में खेल मंत्रालय और केंद्र सरकार का ध्यान पूरी तरह से ओलम्पिक को लेकर एथलीट्स की तैयारियों पर है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय एथलीट्स ने पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेरी है। चाहे वह 2020-21 टोक्यो ओलंपिक हो या 2022 राष्ट्रमंडल खेल, या फिर 2023 एशियाई खेल, सभी प्रतियोगिताओं में भारत के पदकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जहां टोक्यो ओलंपिक भारत के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक रहा था, वहीं 2023 एशियाई खेलों में भारत ने पहली बार 100 पदकों की संख्या पार की थी। चरणबद्ध तरीके से खेल गतिविधियों की बहाली के बाद भारत ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में कुल सात पदक जीते थे। कोरोना की वजह से तमाम कठिनाइयों और पाबंदियों के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद 2022 में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन शानदार रहा था। भारत ने कुल 61 पदक जीते थे। पिछले साल खेल बजट में बढ़ोतरी का असर यह हुआ कि हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारत ने 'अब की बार 100 (पदक) पार' के नारे को सच कर दिखाया और रिकॉर्ड पदक जीते। केंद्र सरकार द्वारा खेल और खिलाड़ियों पर किए जा रहे खर्च का इसमें अहम योगदान रहा है। ऐसे में इस साल भी खेल बजट में बढ़ोतरी कर सरकार ने खेल के प्रति अपनी भावनाओं को जाहिर किया है। साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक के बाद से खेल बजट पर हर एथलीट की नजर रही है। इस साल ओलंपिक जैसी कई बहुराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होनी हैं। इतना ही नहीं, सरकार की ओर से नई प्रतिभाओं को ढूंढने के लिए 'खेलो इंडिया यूथ गेम्स' और 'नेशनल गेम्स' का भी अहम योगदान रहा है। ऐसे में सरकार की तरफ से खेल बजट में की गई बढ़ोतरी से खेल सुविधाओं में सुधार करने में मदद मिल सकती है। पिछले कुछ वर्षों के खेल बजट की तुलना की जाए तो कोरोना के दौरान इसमें भारी कटौती देखने को मिली थी। साल 2020-21 में खेल बजट 2826.92 करोड़ रुपये का था। 2021-22 में इसमें 606.73 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। यानी 2021-22 में खेल बजट 2250.19 करोड़ रुपये का था। 2022-23 में कुल खेल बजट 3062.60 का था, जिसे रिवाइज कर 2673.35 करोड़ रुपये का कर दिया गया था। पिछले साल यानी 2023-24 में यह 3397.32 करोड़ रुपये का हो गया था। यानी 723.97 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। अब इस बार यानी 2024-25 में खेल बजट को 3442.32 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि 2023 की तुलना में 45 करोड़ रुपये ज्यादा है। खर्च के मुकाबले 20 करोड़ बढ़ा खेलो इंडिया का बजट ओलंपिक समेत तमाम मल्टीस्पोर्ट्स की तैयारियों के लिए विदेश में प्रतिस्पर्धा और अभ्यास का खर्च खेल मंत्रालय ही वहन करता है। खेलो इंडिया के लिए वर्ष 2020-21 के बजट में 890.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके बाद 2021-22 के खेल बजट में खेलो इंडिया के लिए 232.71 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। वर्ष 2021-22 में इस मद को घटाकर 657.71 करोड़ रुपये कर दिया गया था। वहीं, 2022-23 में खेलो इंडिया कार्यक्रम में 316 करोड़ 29 लाख रुपये का इजाफा किया गया था और इसे बढ़ाकर 974 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2023-24 में खेलो इंडिया के लिए सर्वाधिक 1000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी, लेकिन इस पर 880 करोड़ रुपये ही खर्च हुए, जिसके चलते आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 900 करोड़ रुपये बजट निर्धारण किया गया। खेलो इंडिया के तहत देश में जमीनी स्तर पर खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के अलावा अकादमी, सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना कराई जाती है, साथ ही खेलो इंडिया यूथ, यूनिवर्सिटी, पैरा, विंटर गेम्स के आयोजन के अलावा युवा प्रतिभाओं को 50 हजार रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए बजट में क्या? राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए 2020-21 के बजट में 245 करोड़ रुपये की राशि थी, जिसे 2021-22 में संशोधित किया गया और राशि में 32 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी। 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए बजट को बढ़ाकर 280 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2022-23 के खेल बजट में भी इसे इतना ही रखा गया था। पिछले साल यानी 2023-24 में इसमें 45 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई थी और यह 325 करोड़ रुपये का हो गया था। साल 2024-25 में राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए 340 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो कि पिछले साल से 15 करोड़ रुपये ज्यादा है। भारतीय खेल प्राधिकरण के लिए ये रहा बजट साल 2023-24 में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को मिलने वाले बजट में 36.09 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। साल 2022-23 में यह बजट 749.43 करोड़ रुपये का हो गया था, जो कि 2023-24 के लिए 785.52 करोड़ रुपए किया गया था। 2021-22 में 660.41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि 2020-21 के बजट अनुमान में आवंटन 500 करोड़ रुपये था। साल 2024-25 के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण को 795.77 करोड़ रुपये मिले हैं, जो कि पिछले साल से 10.25 करोड़ रुपये ज्यादा है। NADA और NDTL के लिए भी प्रावधान विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) से संबद्ध राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL), जिसे पहले SAI से धन प्राप्त हुआ था, पिछले साल से यह खेल मंत्रालय से सीधे राशि प्राप्त कर रही है। साल 2023-24 के बजट में नाडा को 21.73 करोड़ रुपये की धनराशि मुहैया कराने का प्रावधान किया गया था, जबकि परीक्षण कराने वाले एनडीटीएल को 19.50 करोड़ रुपये मिले थे। अब 2024-25 के बजट में नाडा को 22.30 करोड़ रुपये और एनडीटीएल को 22 करोड़ रुपये मिले हैं। दुनिया भर के देश खेल उत्कृष्टता के लिए प्रयास कर रहे हैं और एथलीटों के खेल विज्ञान और वैज्ञानिक प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। साल 2023-24 के खेल बजट में राष्ट्रीय खेल विज्ञान और अनुसंधान केंद्र के लिए भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इस साल इसे घटाकर आठ करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय को 2023-24 के बजट में 83.21 करोड़ रुपये मिले थे, जिसे इस साल बढ़ाकर 91.90 करोड़ रुपये कर दिया गया है। खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि में की गई कटौती खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के बजट में 84 करोड़ रुपए से 39 करोड़ रुपए की उल्लेखनीय कमी देखी गई। वहीं, राष्ट्रीय खेल विकास कोष के लिए आवंटन भी 46 करोड़ रुपए से घटाकर 18 रुपए कर दिया गया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खिलाड़ी कल्याण योजना को दो करोड़ रुपये मिले। 'जम्मू और कश्मीर में खेल सुविधा को बढ़ाने' के लिए आवंटन को भी पिछले बजट आवंटन 20 करोड़ रुपये से घटाकर आठ करोड़ रुपये कर दिया गया। पिछले बजट में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आवंटन 15 करोड़ रुपये था, जिसे इस बार घटाकर 0.01 करोड़ रुपये कर दिया गया।