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ओलम्पिक के चलते साई और खेल संघों को मिलेगा ज्यादा पैसा अहमदाबाद और वाराणसी के लिए जारी हो सकता है अलग बजट खेलपथ संवाद नई दिल्ली। देश में खेलो इंडिया की उड़ान को मजबूत पंख लगाने के लिए केंद्र सरकार अपने खजाने का मुंह खोलने जा रही है। अंतरिम बजट में खेलो इंडिया के लिए नौ सौ करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि आवंटित की जा रही है। खेलो इंडिया के जरिए 2036 के ओलम्पिक की मेजबानी भी निशाने पर होगी। इस राशि के बड़े हिस्से से अहमदाबाद के नारायणपुरा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स और वाराणसी के सिगरा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में निर्माण कार्य कराए जाएंगे। अंतरिम बजट में इस वर्ष होने वाले पेरिस ओलंपिक की तैयारियों का भी ध्यान रखा गया है, जिसके चलते राष्ट्रीय खेल संघों को की जाने वाली आर्थिक मदद और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की सहायता को भी बढ़ाया जा रहा है। हालांकि इस वित्तीय वर्ष (2023-24) के 3397.32 करोड़ के मुकाबले आगामी वित्तीय वर्ष (2024-25) के अंतरिम खेल और युवा मामलों के बजट में 34 सौ करोड़ से अधिक की मामूली बढ़ोतरी की जाएगी। 2023-24 के बजट में खेलो इंडिया के लिए एक हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन संशोधित बजट में यह राशि 880 करोड़ कर दी गई, जिसे बढ़ाकर अब लगभग नौ सौ करोड़ रुपये किया जा रहा है। इसके जरिए देश के चुनिंदा स्थानों पर खेलों के मूलभूत ढांचों के अलावा यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन और खिलाडिय़ों को 50 हजार रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस स्कीम के जरिए नारायणपुरा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में विभिन्न खेल कांप्लेक्सों का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए लगभग तीन सौ करोड़ रुपये निर्धारित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2036 के ओलंपिक की मेजबानी की इच्छा जता चुके हैं। इसके लिए अहमदाबाद रेस में सबसे आगे है। इस वर्ष जुलाई-अगस्त में होने वाले पेरिस ओलंपिक की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए साई का बजट 796 करोड़ से सवा आठ सौ करोड़ रुपये किया जा सकता है, जबकि राष्ट्रीय खेल संघों का बजट सवा तीन सौ से 340 करोड़ रुपये किए जाने की संभावना है। हालांकि अदालत के आदेश पर खेल संघों को खेल मंत्रालय की ओर से आर्थिक मदद नहीं की जा रही है, लेकिन यह राशि सीधे खिलाडिय़ों पर खर्च की जा रही है। इस राशि से भारतीय टीमों के विदेशी दौरे, राष्ट्रीय शिविर, विदेशी कोच जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी हैं। उत्तर-पूर्वी राज्यों पर भी रहेगी नजर खेलों का कुल बजट 27 सौ करोड़ रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है, जबकि युवा मामलों का बजट सवा सात सौ करोड़ के आसपास हो सकता है। मणिपुर में स्थापित किए गए राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए लगभग 90 करोड़ और उत्तर पूर्वी राज्यों में खेलों के विकास के लिए लगभग सवा तीन सौ करोड़ रुपये की राशि निर्धारित किए जाने की उम्मीद है।