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60 साल में पहली बार पाकिस्तान गई टेनिस टीम बम निरोधक दस्ता रोजाना करेगा स्टेडियम की जांच खेलपथ संवाद नई दिल्ली। डेविस कप मुकाबले के लिए 60 साल में पहली बार पाकिस्तान पहुंची भारतीय टेनिस टीम के लिए इस देश की यात्रा करने वाले राष्ट्र अध्यक्ष जैसी सुरक्षा मुहैया कराई गई है। खिलाड़ियों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए लागू सुरक्षा योजना के तहत एक बम निरोधक दस्ता हर सुबह इस्लामाबाद स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स की जांच करेगा। यही नहीं, यात्रा के दौरान भारतीय टीम दो एस्कार्ट वाहन की निगरानी में रहेगी। मुकाबला 3-4 फरवरी को खेला जाएगा। पाकिस्तान टेनिस महासंघ (पीटीएफ) सुरक्षा पहलू पर कोई समझौता नहीं करना चाहता। भारतीय खिलाड़ी ज्यादातर आयोजन स्थल और होटल तक सीमित रहेंगे। खिलाड़ियों के लिए यह स्थिति हालांकि थोड़ी कठिन हो सकती है। पीटीएफ अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ आईटीएफ द्वारा अनुमोदित सुरक्षा योजना का पालन कर रहा है। पीटीएफ के महासचिव गुल रहमान ने कहा कि भारतीय टीम 60 साल के बाद पाकिस्तान आई है, लिहाजा हम अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं। भारतीय टीम के चारों ओर सुरक्षा की चार से पांच परतें हैं। मैं इस आयोजन के सुरक्षा प्रबंधक के रूप में, यात्रा के दौरान उनके साथ हूं। भारतीय दल रविवार रात इस्लामाबाद पहुंचा। दल में पांच खिलाड़ी , दो फिजियो और अखिल भारतीय टेनिस संघ के दो अधिकारी हैं। गुल रहमान ने कहा कि यात्रा के समय एस्कॉर्ट वाहन टीम के साथ हैं। टीम वीवीआईपी प्रवेश द्वार से होटल में प्रवेश करती है, जो राज्य के प्रमुखों के लिए आरक्षित है। बम निरोधक दस्ते हर सुबह आयोजन स्थल की जांच करेंगे। कार्यक्रम स्थल पर किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह प्रक्रिया पूरे मुकाबले के दौरान जारी रहेगी। उन्होंने कहा, इस्लामाबाद एशिया के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है। आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में सुरक्षा पहले से ही कड़ी है। यहां लगातार हवाई निगरानी हो रही है। शहर में लगभग दस हजार कैमरे लगे हैं। भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। गुल ने कहा कि भारतीय टीम की मेजबानी करना न केवल पीटीएफ बल्कि पाकिस्तान के लिए भी सम्मान की बात है। हम खेल कूटनीति में विश्वास करते हैं। पाकिस्तान के बेहतरीन टेनिस खिलाड़ियों में से एक अकील खान ने कहा, भारतीय टीम अगर सहज है तो उसे शहर में घूमना चाहिए। अगर वे बाहर नहीं जा सकते हैं, शहर में नहीं जा सकते हैं तो रेस्तरां में जाएं। मैं उन्हें रात्रिभोज के लिए ले जाना चाहूंगा। उन्होंने अचूक सुरक्षा मांगी है। इसलिए ऐसी व्यवस्था की है।