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छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 5630 खिलाड़ी दिखा रहे दम खिलाड़ी मशाल उठाएं और भारत का परचम लहराएंः अनुराग ठाकुर खेलपथ संवाद चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने इन खेलों में हिस्सा ले रहे 5630 खिलाड़ियों का आह्वान किया कि आप सब मिलकर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की अलख जगाएं। शुक्रवार को खेलों के शुभारम्भ अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक भी मौजूद थे। यह गेम्स 31 जनवरी तक चलेंगे। छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इन खेलों के जरिए नई प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। यह पहली बार है जब खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन दक्षिण भारत में हो रहा है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इस छठे संस्करण में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 5630 से अधिक युवा एथलीट 26 खेबों विधाओं में अपना दमखम दिखाएंगे। यह खेल पूरे तमिलनाडु में चार स्थानों पर चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरई और त्रिचि में आयोजित किए जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा, ''मैं देश भर से चेन्नई आए सभी एथलीटों और खेल प्रेमियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आप सब मिलकर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की सच्ची भावना का प्रदर्शन कर रहे हैं। तमिलनाडु के गर्मजोशी भरे लोग, खूबसूरत तमिल भाषा, संस्कृति और व्यंजन आपको निश्चित रूप से घर जैसा महसूस कराएंगे।''प्रधानमंत्री ने कहा, ''खेलो इंडिया गेम्स, यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स और खेलो इंडिया पैरा गेम्स आपको खेलने का मौका दे रहे हैं और नई प्रतिभाओं को भी आगे ला रहे हैं। मुझे खुशी है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स का शुभंकर वेलु नचियार है।" इस दौरान अनुराग ठाकुर ने बताया कि खेलो इंडिया जमीनी स्तर की प्रतिभा को तलाश कर उन्हें ओलम्पिक में पदक जीतने लायक बन रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही दृष्टि और मजबूत नेतृत्व का परिणाम है कि आज हमारा भारत ओलम्पिक, पैरालम्पिक, एशियाई, पैरा एशियाई और कॉमनवेल्थ खेल सहित सभी प्रतिस्पर्धाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2030 में यूथ ओलम्पिक और 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। सरकार अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ रही है इसलिए अब आप सभी युवा एथलीटों की भी जिम्मेदारी है कि मशाल उठाएं और भारत का परचम लहराएं।