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अनेकों ट्रॉफियां तथा पदक जीतकर दिखाई अपनी बौद्धिक क्षमता
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं हिन्दी, अंग्रेजी ही नहीं देव भाषा संस्कृत में भी किसी से कम नहीं हैं। इस बात को उन्होंने गीता जयंती के पावन अवसर पर आयोजित श्लोक वाचन, गीता क्विज, मॉडल मेकिंग, पोस्टर कोलाज आदि प्रतियोगिताओं में अनेकों ट्रॉफियां तथा मेडल जीतकर साबित किया है।
भावी पीढ़ी का संस्कृत भाषा की तरफ रुझान पैदा करने के लिए चंद्रोदय मंदिर वृंदावन द्वारा गीता जयंती पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिनमें राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने श्लोक वाचन, गीता क्विज, मॉडल मेकिंग, पोस्टर कोलाज आदि में अपनी बौद्धिक क्षमता का शानदार प्रदर्शन करते हुए अनेक ट्रॉफियां तथा मेडल जीतकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया।
चंद्रोदय मंदिर वृंदावन द्वारा गीता जयंती पर संस्कृति भाषा से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिनमें मथुरा जनपद के नामचीन विद्यालयों के एलकेजी से कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इसमें राजीव इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने अपनी बौद्धिक क्षमता का नायाब उदाहरण पेश करते हुए न केवल शानदार सफलता हासिल की बल्कि यह साबित किया कि उन्हें संस्कृत भाषा के साथ ही अपने धर्म ग्रंथों का भी ज्ञान है। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर जहां आयोजकों द्वारा उन्हें ट्रॉफियां और मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया वहीं विद्यालय के संगीत शिक्षक विशाल सैनी भी सम्मानित किए गए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने राजीव इंटरनेशनल के छात्र-छात्राओं की शानदार सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि नई पीढ़ी को संस्कृत भाषा पढ़ने व सीखने के लिए जरूर प्रेरित करना चाहिए ताकि वह अपने धर्म ग्रंथों व संस्कृति का गहराई से अध्ययन कर सकने में सक्षम हो सकें। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थी अपनी सभ्यता और संस्कृति से जुड़े रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गीता व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाती है। गीता कर्म की प्रधानता बताने वाला पवित्र ग्रंथ है, इसलिए हमें अपने जीवन में कर्म को महत्व देना चाहिए। गीता से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। बेशक आज बच्चे आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं परंतु उन्हें आधुनिकता के साथ संस्कारी शिक्षा भी लेनी जरूरी है। गीता जैसे ग्रंथ हमारे जीवन में पथ प्रदर्शक का काम करते हैं। आज हमारे देश की सभ्यता व संस्कृति का पूरे विश्व में अनुसरण किया जा रहा है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि अपने धार्मिक ग्रंथों से परिचय कराने के लिए इस तरह की प्रतियोगिताएं समय-समय पर आयोजित होनी चाहिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि गीता के सिद्धांत किसी धर्म विशेष, जाति विशेष, क्षेत्र विशेष व सम्प्रदाय विशेष के लिए नहीं बल्कि सभी का कल्याण करने वाले हैं। इस प्रकार के आयोजन हमारी भावी पीढ़ी को संस्कृति, सभ्यता का ज्ञान कराने के अलावा नई ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।
विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने हर्ष व्यक्त करते हुए छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में छात्र-छात्राओं को हर भाषा में पारंगत करने की कोशिश की जाती है। विद्यालय का उद्देश्य छात्र-छात्राओं का सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास करना है।