News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
कहा- मुझे ऐसी जिंदगी ताउम्र कचोटती रहेगी, पद्मश्री लौटाएंगे खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने का विरोध बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को टोक्यो ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया। पूनिया ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘मैं अपना पद्श्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं।’ गौर हो कि बृहस्पतिवार को महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान किया था। पत्र में बजरंग पूनिया ने बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से लेकर उनके करीबी के चुनाव जीतने तक तथा सरकार के एक मंत्री से हुई बातचीत और उनके आश्वासन के बारे में बताया और अंत में पद्श्री लौटाने की बात कही। बजरंग पूनिया ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस व्यस्तता के बीच आपका ध्यान देश की कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं। आपको पता होगा कि इस साल जनवरी में महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाये थे। सरकार ने जब ठोस कार्रवाई की बात की तो आंदोलन रुक गया था। लेकिन 21 दिसंबर को हुए चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया और उसने बयान दिया कि ‘दबदबा है और दबदबा रहेगा’। उन्होंने लिखा, ‘हम सभी की रात रोते हुए निकली। समझ नहीं आ रहा था कि कहां जायें, क्या करें। सरकार ने और लोगों ने इतना मान सम्मान दिया। क्या इसी सम्मान के बोझ तले दबकर घुटता रहूं। साल 2019 में मुझे पद्मश्री से नवाजा गया। खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। जब ये सम्मान मिले तो मैं बहुत खुश हुआ। लगा था कि जीवन सफल हो गया। ‘लेकिन आज उससे कहीं ज्यादा दुखी हूं और ये सम्मान मुझे कचोट रहे हैं। हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानों को अपमानित किये जाने के बाद मैं ‘सम्मानित’ बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाऊंगा। मुझे ऐसी जिंदगी ताउम्र कचोटती रहेगी इसलिये ये ‘सम्मान’ आपको लौटा रहा हूं।’ इस बीच, खेल मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला व्यक्तिगत है, लेकिन फिर भी बजरंग पूनिया को दोबारा विचार करने के लिए समझाने का प्रयास किया जाएगा।