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राष्ट्रपति ने पद से हटाया खेलपथ संवाद नई दिल्ली। श्रीलंका में क्रिकेट को लेकर बवाल जारी है। आईसीसी द्वारा निलम्बित होने के बाद वहां कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है। खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने सोमवार को दावा किया कि देश के अराजक क्रिकेट प्रशासन में भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण उनका जीवन खतरे में है। अगर उन्हें कुछ होता है तो राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और उनके चीफ ऑफ स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इस बयान के बाद राष्ट्रपति ने उन्हें पद से हटा दिया। संसद को संबोधित करते हुए रणसिंघे ने कहा कि विक्रमसिंघे उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के लिए फंसाने की कोशिश कर रहे हैं और एक वाहन से संबंधित गलत तथ्यों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा आयातित एक वाहन को अधिकारियों ने उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने के लिए टैक्स हेरफेर के बहाने जब्त कर लिया था। रणसिंघे ने श्रीलंकाई क्रिकेट प्रशासन को चलाने के लिए एक अंतरिम समिति नियुक्त करने के अपने कदम का जिक्र करते हुए कहा, ''क्या क्रिकेट में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए मुझे यही इनाम मिला है? मैंने ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की।'' रणसिंघे ने आगे सवाल किया कि राष्ट्रपति राजनीतिक बदला क्यों ले रहे हैं, जबकि खेल मंत्री के रूप में उन्होंने केवल भ्रष्टाचार को उजागर किया था। रणसिंघे ने कहा, "मेरी जान खतरे में है, आज या कल मेरी हत्या हो सकती है। अगर मुझे कुछ होता है, तो राष्ट्रपति और उनके सलाहकार सागला रत्नायके (राष्ट्रपति स्टाफ के प्रमुख) को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।" दूसरी ओर, खेल मंत्री के बर्खास्त होने के बाद निलंबित श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) को बल मिला है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि रणसिंघे को तत्काल प्रभाव से खेल और युवा मामलों के मंत्री और सिंचाई मंत्री के विभागों से हटा दिया गया है।