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महिला हॉकी में हरियाणा की बादशाहत पर लगी लगाम
चीन की दीवार साबित हुई ग्वालियर की गोलकीपर याशिका
श्रीप्रकाश शुक्ला
ग्वालियर। अब महिला हॉकी में हरियाणा नहीं बल्कि मध्य प्रदेश चैम्पियन है। गोवा राष्ट्रीय खेलों में मध्य प्रदेश की स्वर्णपरियों ने रानी रामपाल की अगुआई में खिताब जीतने उतरी हरियाणा टीम को 3-0 से शूटआउट कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मध्य प्रदेश की इस स्वर्णिम सफलता में ग्वालियर की गोलकीपर बेटी याशिका भदौरिया का सबसे बड़ा योगदान है।
राष्ट्रीय खेलों में पहली बार स्वर्णिम सफलता हासिल करने में वैसे तो मध्य प्रदेश की हर बेटी का योगदान है लेकिन इस खेल के जानकारों की कही सच मानें तो गोलकीपर याशिका भदौरिया की जांबाज पहरेदारी का हरियाणा के पास कोई जवाब नहीं था। याशिका सेमीफाइनल में जहां झारखंड के सामने पेनाल्टी शूटआउट में चीन की दीवार साबित हुई वहीं फाइनल में उस हरियाणा को गोल करने से रोका जिसकी महिला हॉकी में लम्बे समय से तूती बोलती रही है।
37वें राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा पर मध्य प्रदेश की यह खिताबी जीत तुक्का नहीं बल्कि उसके बेजोड़ प्रदर्शन का नतीजा है। इससे पहले इसी साल मध्य प्रदेश की हॉकी बेटियों ने महाराष्ट्र को 5-1 से हराकर आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा में हुई 13वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप अपने नाम की थी। गोवा में हरियाणा के खिलाफ मध्य प्रदेश की तरफ से ऐश्वर्या, प्रीति दुबे और ललिता ने गोल दागे जबकि गोलकीपर याशिका भदौरिया ने बड़ी चपलता से हरियाणा के सभी पेनाल्टी शूटआउट नाकाम कर दिए। दर्पण फीडर सेण्टर ग्वालियर से हॉकी की शुरुआत करने वाले याशिका वर्तमान में महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर की सदस्य है।
गोवा में मध्य प्रदेश की हरियाणा पर शानदार खिताबी जीत में टीम खिलाड़ियों के साथ ही प्रमुख प्रशिक्षक परमजीत सिंह बरार तथा सहायक प्रशिक्षक वंदना उइके के सूझबूझ की भी प्रशंसा होनी चाहिए। गौरतलब यह कि मध्य प्रदेश की हॉकी बेटियों ने पिछले साल गुजरात में हुए 36वें राष्ट्रीय खेलों में कांस्य पदक जीता था। इस खिताबी जीत पर प्रमुख प्रशिक्षक परमजीत सिंह बरार का कहना है कि यह सफलता समूचे मध्य प्रदेश की है। हरियाणा को खिताब जिताने में असफल साबित हुईं रानी रामपाल का कहना है कि मध्य प्रदेश की टीम शानदार खेली, उनकी टीम चुस्त-मुस्तैद गोलकीपर याशिका भदौरिया से हार गई।