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4×400 मीटर रिले में 61 साल बाद दिलाया सोना खेलपथ संवाद हांगझोऊ। हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारतीय पुरुषों की 4×400 मीटर रिले टीम ने 61 साल बाद सोने के पदक से अपना गला सजाया है। मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल वारियाथोड़ी और राजेश रमेश की चौकड़ी ने पिछड़ने के बाद अपने दमखम का नायाब उदाहरण पेश किया। 19वें एशियाई खेलों में भारतीय एथलीट्स का जलवा जारी है। शूटिंग के बाद एथलेटिक्स में भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल कर दिया है। 11वें दिन तक ट्रैक एंड फील्ड में भारत 29 पदक जीत चुका है और कुल पदकों की संख्या 82 हो गई है। इस बार भारतीय एथलीट्स 100+ पदक का लक्ष्य लेकर उतरे हैं और उसके करीब भी पहुंच गए हैं। यह किसी एक एशियाई खेलों में भारत के सबसे ज्यादा पदक भी हैं। 11वें दिन पुरुषों के चार गुणा 400 मीटर रिले स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक मिला। मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल वारियाथोड़ी और राजेश रमेश की चौकड़ी ने कमाल कर दिया और चार गुणा 400 मीटर रिले में भारत को 61 साल बाद स्वर्ण दिलाया। चार गुणा 400 मीटर रिले में प्रत्येक देश के चार धावक शामिल होते हैं, जो हाथ में एक बैटन के साथ समान दूरी की दौड़ लगाते हैं। एक सर्कल के बाद वह दूसरे एथलीट को बैटन पास करते हैं और फिर वह एथलीट सर्कल पूरी करता है। चार एथलीट ऐसा करते हैं और आखिरी वाले एथलीट की दौड़ निर्णायक साबित होती है। इस स्पर्धा की शुरुआत में सबसे पहले अनस याहिया दौड़े और वह एक सर्कल के बाद पांचवें स्थान पर चल रहे थे। उन्होंने 43.60 सेकेंड का समय लिया। जैसे ही उन्होंने बैटन अमोज जैकब को पास किया, जैकब कमाल दिखाते हुए सबसे आगे पहुंच गए और कतर के धावक को पीछे छोड़ दिया। जैकब ने 47.01 सेकंड में सर्कल पूरा किया और बैटन अजमल को पास किया। अजमल ने कतर पर बढ़त बनाए रखी और पहले स्थान पर ही रहे। अजमल ने 45.61 सेकंड में सर्कल पूरा किया और बैटन राजेश को पास किया। राजेश ने बढ़त बनाए रखा और 45.36 सेकंड का समय लिया। इस तरह भारत ने 3:01:58 मिनट का समय लेकर पहला स्थान हासिल किया। वहीं, कतर की टीम 3:02:05 मिनट का समय लेकर दूसरे स्थान रही। उन्होंने भारत से 0.205 सेकंड ज्यादा समय लिया। श्रीलंका की टीम 3:02:55 मिनट का समय लेकर तीसरे स्थान पर रही। चार गुणा 400 मीटर रिले 1951 से एशियाई खेलों का हिस्सा रहा है। 1951 दिल्ली एशियाई खेलों में भारत ने स्वर्ण जीता था। तब एएस बख्शी, गोविंद सिंह, बलवंत सिंह और करण सिंह भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। 1954 मनीला एशियाई खेलों में भारत ने रजत पदक जीता था। तब जोगिंदर सिंह धनौड़, इवान जैकब, हरजीत सिंह और जेबी जोसेफ भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। 1962 जकार्ता एशियाई खेलों में भारत ने स्वर्ण जीता था। दलजीत सिंह, जगदीश सिंह, माखन सिंह और मिल्खा सिंह उस टीम का हिस्सा रहे थे। 1970 बैंकॉक एशियाई खेलों में भारत ने चार गुणा 400 मिटर रिले में रजत पदक जीता था। तब भोगेश्वर बरुआ, पीसी पुनप्पा, सुचा सिंह और अजमेर सिंह भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। 1974 तेहरान एशियाई खेलों में भारत ने रजत जीता था। लेहमबर सिंह, श्रीराम सिंह, सुचा सिंह और पीसी पुनप्पा तब टीम का हिस्सा रहे थे। 1978 बैंकॉक एशियाई खेलों में भारत ने रजत जीता था। तब मुरली कुट्टन, हरकमलजीत सिंह, उदय कृष्ण प्रभु और श्रीराम सिंह भारतीय टीम का हिस्सा थे। इसके बाद 1998 बैंकॉक एशियाई खेलों में भी भारत ने रजत पर कब्जा जमाया। लिजो डेविड थोट्टन, पुरुकोट्टम रामचंद्रन, परमजीत सिंह और जटा शंकर भारतीय टीम का हिस्सा थे। 2002 बुसान एशियाई खेलों में पुरुकोट्टम रामचंद्रन, मनोज लाल, सतवीर सिंह और भुपिंदर सिंह की टीम ने रजत जीता था। वहीं, 2006 दोहा एशियाई खेलों में अबू बकर, जोसेफ अब्राहम, भुपिंदर और केएम बिनू की चौकड़ी ने रजत पर कब्जा किया था। 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में कुन्हू मोहम्मद, धरुन अय्यासामी, मोहम्मद अनस, अरोकिया राजीव, केएस जीवन और जिथु बेबी की टीम ने रजत जीता था। अब 2023 हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारत ने चार गुणा 400 मीटर रिले में स्वर्ण जीता है।