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चीन में सोने और चांदी का तमगा जीत बढ़ाया यूपी का मान खेलपथ संवाद मेरठ। फिनिश लाइन पार करते ही दोनों हाथ हवा में ऊपर। उन्हें अपने आप पर पूरा यकीन था। उन्हें जीत का भरोसा था। तभी तो आखिरी 30 मीटर में वह चेतक की तरह दौड़ीं। आखिरी 10 सेकेंड तो इतिहास बनने का पल था। क्या सरपट दौड़ रही थीं वो। बिजली की रफ्तार शायद इसे ही कहते होंगे। हर सेकेंड के साथ अपने विरोधी को पीछे छोड़ने की जिद। हर सेकेंड के साथ फासला घटता जा रहा था। हर सेकेंड वहां बैठे और टीवी पर चिपके दर्शकों में जोश भर रहा था। वाह क्या खूब दौड़ी भारत की बेटी पारुल चौधरी। इस इतिहास को बनाने के लिए भारत की बेटी पारुल चौधरी को काफी मेहनत करनी पड़ी। उसने इस जिद को पूरी करने लिए अपना सबकुछ झोंक दिया। उनकी जीत से पूरा देश झूम उठा। दरअसल, चीन के हांगझोऊ में आयोजित 19वें एशियाई खेल में भारत की बेटी पारुल चौधरी ने जो करिश्मा किया वो अद्भुत है। ये कहानी रोमांच, जज्बे की है। ये कहानी आखिरी 30 मीटर में कैसे अपना सबकुछ झोंक देने की है। ये कहानी लक्ष्य पर ध्यान लगाने वाली एक ऐसी बेटी की है जिसकी आंखें निशाने पर थीं। पैर में तो मानों पंख लग गए थे। ये फाइनल स्ट्रेज है। पारुल ने रफ्तार पकड़ी है। वो गोल्ड की तरफ जा रही है। वो अपना सबकुछ झोंक चुकी है। उसके पास जितनी ताकत है वो झोंक चुकी है और पारुल चौधरी ने सोने पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद पारुल ने दोनों हाथ हवा में उठाते हुए जंग जीतने का ऐलान कर दिया। स्टेडियम में बैठे दर्शक तालियां बजा रहे थे। भारत की इस बेटी की जीत से पूरा देश झूम उठा। पारुल 5000 मीटर की रेस में पहले तीसरे स्थान पर चल रही थी। पहले उन्होंने दूसरे नंबर पर चल रही अपने प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ा और फिर वह दूसरे नंबर पर आ गईं। इस दौरान लक्ष्य बमुश्किल 30 मीटर दूर रह गया था। पारुल के आगे जापान की रिरीका हिरोनका भाग रही थीं। वो बड़े आराम से खरगोश वाली स्टाइल में भाग रही थीं। लेकिन इसके बाद तो पारुल ने सबकुछ झोंक दिया। 30 मीटर की दूरी से पारुल ने चेतक वाली रफ्तार पकड़ी। खरगोश की रफ्तार से दौड़ रहीं जापानी धावक को अंतिम 20 मीटर में उन्होंने पीछे छोड़ा और फिर जीतकर ही दम लिया। आखिरी 20 मीटर में तो पारुल ने अपने शरीर की पूरी ताकत को झोंकना शुरू किया। उन्होंने लम्बे-लम्बे पग भरते हुए जापानी धावक को पीछे छोड़ दिया। जापान की धावक जो अपनी जीत तय मान चुकी थी वह पिछड़ती चली गई। जैसे ही उन्हें ये अहसास हुआ कि पारुल तो उनसे आगे निकल गई है तो उन्होंने ताकत तो झोंकी लेकिन पारुल उनसे 5 मीटर आगे निकल चुकी थीं। इसके बाद भारत की बेटी ने इतिहास रच दिया।