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एशियाड में टीम इंडिया की स्वर्णिम सफलता खेलपथ संवाद नई दिल्ली। हांगझोऊ में खेले जा रहे 19वें एशियाई खेलों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने स्वर्ण जीत लिया है। टीम इंडिया का यह पहला एशियाई खेल था और उन्होंने उसी में स्वर्ण जीत लिया है। इससे पहले 2010 और 2014 में दो बार महिला क्रिकेट ने एशियाई खेलों में हिस्सा लिया था। हालांकि, तब टीम इंडिया ने अपनी टीम नहीं भेजी थी। 2010 और 2014 में पाकिस्तान की टीम ने स्वर्ण पदक जीता था। इस बार हांगझोऊ में भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर स्वर्ण जीत लिया है। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 116 रन बनाए थे। जवाब में श्रीलंकाई टीम 97 रन ही बना सकी। इस महाद्विपीय प्रतियोगिता में क्रिकेट नौ साल बाद शामिल किया गया है। 2018 के एशियाई खेलों से क्रिकेट को बाहर कर दिया गया था। शीर्ष चार टीमों भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश को सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश दिया गया था। चारों ने ही अपने-अपने मुकाबलों में जीत हासिल की और सेमीफाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में जीतने वाली टीम फाइनल में पहुंची और इस तरह भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मजबूत टीम लेकर उतरा था भारत भारत इस टूर्नामेंट में मजबूत टीम लेकर उतरा था। भारतीय महिला क्रिकेट टीम में ऐसी कई स्टार हैं जो अपने दम पर मैच पलटने का दमखम रखती हैं। स्मृति, जेमिमा रोड्रिग्स, शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा, पूजा वस्त्रकार, ऋचा घोष के अलावा युवा तितास साधू, मिन्नू मणि, कनिका आहुजा भी टीम में थीं। भारतीय टीम की ओर से कुछ मैचों में शानदार और सूझबूझ वाली बल्लेबाजी और तेज गेंदबाजों की विविधता वाली गेंदबाजी ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। भारत की ओर से स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स, पूजा वस्त्राकर और तितास साधु स्टार बनकर उभरे। सबसे खास बात यह रही कि हर मैच में कोई नया स्टार मिला। एशियाई खेलों में शीर्ष वरीयता वाली टीम इंडिया को सीधे क्वार्टर फाइनल मैच खेलने का मौका मिला था। मलयेशिया के खिलाफ मुकाबले में टीम इंडिया ने अच्छा प्रदर्शन किया। टीम की नियमित कप्तान हरमनप्रीत कौर बैन की वजह से यह मैच नहीं खेल सकीं और स्मृति मंधाना ने टीम की कमान संभाली। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार शुरुआत की। हालांकि, स्मृति मंधाना 16 गेंद में 27 रन बनाकर आउट हुईं। बारिश की वजह से मैच 15-15 ओवर का कर दिया गया। ऐसे में शेफाली वर्मा और जेमिमा रोड्रिग्ज ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 86 रन की साझेदारी की। शेफाली 39 गेंद में 67 रन बनाकर आउट हुईं। जेमिमा 29 गेंद में 47 रन बनाकर नाबाद रहीं। अंत में ऋचा घोष ने सात गेंद में नाबाद 21 रन बनाकर भारत का स्कोर 173/2 तक पहुंचा दिया। डकवर्थ लुईस नियम के तहत मलयेशिया के सामने 15 ओवर में 177 रन का लक्ष्य था। मलयेशिया ने दो गेंद में एक रन बनाया था, लेकिन इसके बाद फिर बारिश शुरू हो गई और आगे का खेल नहीं हो सका। अंत में मैच रद्द कर दिया गया और बेहतर रैंकिंग के आधार पर भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई। सेमीफाइनल में भारत ने बांग्लादेश को आठ विकेट से हराकर फाइनल में जगह पक्की की। हरमनप्रीत की गैरमौजूदगी में स्मृति मंधाना की अगुआई में उतरी भारतीय टीम ने इस जीत के साथ कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया था। बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सभी विकेट खोकर 17.5 ओवर में 51 रन बनाए थे। सिर्फ कप्तान निगर सुल्ताना ही दहाई का आंकड़ा पार कर पाईं थी। उन्होंने 12 रन बनाए थे। भारत के लिए सबसे ज्यादा चार विकेट पूजा वस्त्राकर ने लिए थे। भारत ने 8.2 ओवर में दो विकेट खोकर 52 रन बनाए और लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत के लिए जेमिमा रोड्रिग्स ने सबसे ज्यादा 15 गेंद में नाबाद 20 रन बनाए। शेफाली ने 17 रन का योगदान दिया। हांगझोऊ में चल रहे 19वें एशियाई खेलों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने स्वर्ण पदक जीत लिया। फाइनल यानी स्वर्ण पदक के मुकाबले में भारत ने श्रीलंका के सामने 117 रन का लक्ष्य रखा था। भारत ने 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 116 रन बनाए। स्मृति मंधाना ने सबसे ज्यादा 46 रन की पारी खेली। वहीं, जेमिमा रोड्रिग्स ने 42 रन बनाए। जवाब में श्रीलंकाई टीम 20 ओवर में आठ विकेट गंवाकर 97 रन ही बना सकी। भारत के लिए तितास साधु ने तीन विकेट और राजेश्वरी गायकवाड़ ने दो विकेट लिए। इस तरह टीम इंडिया ने फाइनल मुकाबला 19 रन से जीत लिया।