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45 देश, 40 खेल और 61 स्पर्धाएं होंगी 481 स्वर्ण पदक होंगे दांव पर 16 दिन तक चलेगा खेलों का महाकुंभ खेलपथ संवाद हांगझोऊ। भारत अबकी बार, सौ पार (इस बार 100 पदक पार करना) की कैचलाइन के साथ हांगझोऊ एशियाई खेलों में उतरेगा जिसका आधिकारिक आगाज आज (शनिवार) से होगा। इस बार भारतीय प्रशंसकों की 100 के पार पदक जीतने की उम्मीदें लगी हैं क्योंकि जकार्ता और पालेमबांग में पिछले चरण में देश ने 70 पदक जीते थे। हांगझोऊ खेल में भारत अपना सबसे बड़ा दल भी भेज रहा है जिसमें 39 स्पर्धाओं में 655 खिलाड़ी शिरकत करेंगे। शनिवार को ही उद्घटन समारोह होगा जिसमें हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ध्वजावाहक होंगे। वैसे यह खेल पिछले साल आयोजित होने थे, लेकिन कोरोना के कारण इनका आयोजन इस बार हो रहा है। भारत 1986 सियोल चरण के बाद से पदक तालिका में शीर्ष पांच में नहीं रह पाया है और वह इसमें पहुंचने की कोशिश में लगा है। हालांकि 100 पदक भले ही संभव नहीं हो, लेकिन भारत पिछले चरण के पदकों से आगे बढ़ना चाहेगा जिसमें एक बार फिर एथलेटिक्स से सबसे ज्यादा योगदान की उम्मीद है। पिछली बार ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते थे और इस बार उनके 25 पोडियम स्थान हासिल करने की उम्मीद है। पहली बार पांच ओलम्पिक पदक विजेता एशियाई खेलों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि ओलंपिक के पांच पदक विजेता भारतीय दल में शामिल हैं जिसकी अगुवाई ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा कर रहे हैं। उनके अलावा ओलंपिक पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, पहलवान बजरंग पूनिया और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन हैं। स्वर्ण पदकों में हो सकता है नुकसान भारत ने 2018 एशियाड में 16 स्वर्ण पदक जीते थे जो उसका इन खेलों में अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन था। लेकिन इस बार स्वर्ण की संख्या कम हो सकती है। बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू लय में नहीं हैं, जबकि भारोत्तोलक मीराबाई चानू अपनी फिटनेस से परेशान रही हैं। वहीं, पहलवान बजरंग पूनिया पहलवानों के विरोध में हिस्सा लेने के कारण कुछ महीने पहले ही ट्रेनिग शुरु की है। स्वर्ण की सबसे ज्यादा उम्मीदें नीरज और मुक्केबाज लवलीना से ही है। ये टीमें करेंगी स्वर्ण पदक में इजाफा महिला क्रिकेट टीम : भारतीय महिला टीम पहली बार इन खेलों में शिरकत कर रही है और सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। टीम से स्वर्ण पदक की आस है। वहीं, ऋतुराज गायकवाड़ की कप्तानी वाली पुरुष क्रिकेट टीम भी पीला तमगा पाने का दमखम रखती है। पुरुष-महिला हॉकी टीमें: मौजूदा फॉर्म को देखते हुए भारतीय पुरुष और महिला दोनों हॉकी टीमों का स्वर्ण जीतना माना जा रहा है। कबड्डी टीमें : पुरुष और महिला कबड्डी टीम से भी स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें हैं। पिछली बार पुरुष टीम ने कांस्य और महिला टीम ने रजत पदक जीता था। निशानेबाजी: निशानेबाजों ने 2018 में दो स्वर्ण सहित नौ पदक जीते थे, लेकिन इस बार वे शायद इस संख्या को पार नहीं कर पाएं। मुक्केबाजी: निकहत जरीन और बोरगोहेन स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदार हैं। कुश्ती : अंतिम पंघाल से स्वर्ण की आस है। उन्होंने हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक कोटा दिलाया है। 12,000 से ज्यादा खिलाड़ी लेंगे हिस्सा 12,000 से ज्यादा खिलाड़ी हांगझोऊ एशियाई खेलों में हिस्सा लेंगे। 11,000 से ज्यादा एथलीट पिछले एशियाई खेलों में खेले थे। दो साल पहले तोक्यो ओलंपिक में 11,000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। अगले साल पेरिस ओलंपिक में 10,500 खिलाड़ियों के खेलने की उम्मीद है। हांगझोऊ के साथ पांच अन्य शहरों में आयोजित आठ अक्तूबर तक चलने वाले इस 19वें एशियाड का आयोजन सितंबर 2022 में कराया जाना था, लेकिन चीन में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के कारण इन्हें एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया जिससे अब ये हांगझोऊ के साथ पांच अन्य शहर हुझोउ, निंग्बो, शाओजिंग, जिन्हुआ और वेंझोउ में आयोजित होंगे। ये खेल करेंगे पदार्पणः ईस्पोर्ट्स इस चरण में पदार्पण कर रहा है। ब्रेकडांसिंग को भी जगह दी गई है। इन खेलों की वापसीः 2018 में एशियाई खेलों में क्रिकेट, बोर्ड गेम्स और शतरंज को जगह नहीं मिली थी और इस बार इन खेलों की वापसी हो रही है। इन खेलों की पहले ही गई शुरुआतः फुटबाल, वॉलीबाल, क्रिकेट, रोइंग, सेलिंग (नौकायन), टेबल टेनिस, आधुनिक पेंटाथलन आदि खेल उद्घाटन समारोह से पहले ही शुरू हो गए। ये भी जानेंः एशिया के 45 देश 40 खेलों और 61 स्पर्धाओं में 481 स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। चीन के राष्ट्रपति शि जिनपिंग एशियाड शुरू करने की घोषणा करेंगे। चीन उतार रहा दूसरा सबसे बड़ा दल चीन अपने एशियाई खेलों के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा दल उतार रहा है जिसमें उसके 886 एथलीट हिस्सा लेंगे जिसमें 437 महिलाएं होंगी। 2010 ग्वांग्झू एशियाड में चीन के 977 खिलाड़ी उतरे थे। चीन 1982 के बाद से प्रत्येक चरण में पदक तालिका में शीर्ष स्थान पर रहा है और इस बार भी उसके दबदबे के जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि उसके कई ओलंपिक विजेता इन खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। स्वर्ण पदक के दावेदार नीरज चोपड़ा : (भाला फेंक, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : 2018 में स्वर्ण) तेजिंदरपाल सिंह तूर: (गोला फेंक, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : 2018 में स्वर्ण) निकहत जरीन : (मुक्केबाज, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : कोई पदक नहीं) लवलीना बोरगोहेन : (मुक्केबाज, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : कोई पदक नहीं) मनु भाकर : (निशानेबाज, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : कोई पदक नहीं) सौरव घोषाल : (स्क्वॉश, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : स्वर्ण पदक) दीपिका पल्लीकल : (स्क्वॉश, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : रजत पदक) मनिका बत्रा : (टेबल टेनिस, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : कांस्य पदक) अंतिम पंघाल : (कुश्ती, पहली बार खेलेंगी)