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पाकिस्तान को आखिरी गेंद में दो विकेट से हराया खेलपथ संवाद कोलम्बो। एशिया कप का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच होना तय हो गया। सुपर चार राउंड में श्रीलंका ने अपने आखिरी मुकाबले में पाकिस्तान को दो विकेट से हरा दिया और चार अंक के साथ फाइनल में जगह बना ली। श्रीलंकाई टीम रिकॉर्ड 12वीं बार एशिया कप के फाइनल में पहुंची है। 10वीं बार फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम इस सूची में दूसरे स्थान पर है। एशिया कप जीतने के मामले में भी श्रीलंकाई टीम भारत के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत ने सात बार एशिया कप जीता है, जबकि श्रीलंका ने छह बार यह टूर्नामेंट अपने नाम किया है। बारिश से बाधित इस मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 42 ओवर में सात विकेट खोकर 252 रन बनाए थे। डकवर्थ लुईस नियम के तहत श्रीलंका के सामने 252 रन का ही लक्ष्य था। ऐसे में श्रीलंकाई टीम ने आठ विकेट खोकर आखिरी गेंद में लक्ष्य हासिल कर लिया। पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा नाबाद 86 रन मोहम्मद रिजवान ने बनाए। वहीं, इफ्तिखार अहमद ने 47 रन का योगदान दिया और रिजवान के साथ शतकीय साझेदारी कर अपनी टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया। अब्दुल्लाह शफीक ने भी 52 रन का योगदान दिया। श्रीलंका के लिए मथीशा पाथिराना ने तीन, प्रमोद मदुशन ने दो विकेट लिए। तीक्ष्णा और वेलालगे को एक-एक विकेट मिला। श्रीलंका के लिए सबसे ज्यादा 91 रन कुसल मेंडिस ने बनाए। असालंका ने नाबाद 49 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। समरविक्रमा ने भी 48 रन का योगदान दिया। पाकिस्तान के लिए इफ्तिखार अहमद ने तीन विकेट और शाहीन अफरीदी ने दो विकेट लिए। शादाब खान को एक विकेट मिला। अब एशिया कप का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच 17 सितंबर को इसी मैदान पर खेला जाएगा। इससे पहले टीम इंडिया 15 सितंबर को बांग्लादेश के साथ खेलेगी। हालांकि, इस मैच का टूर्नामेंट पर कोई असर नहीं होगा। क्योंकि, बांग्लादेश की टीम सुपर चार में अपने शुरुआती दो मैच हारकर फाइनल की रेस से बाहर हो चुकी है और भारतीय टीम शुरुआती दो मैच जीतकर पहले ही फाइनल में पहुंच गई है। पाकिस्तान की पारी में क्या हुआ? बारिश की वजह से मैच काफी देरी से शुरू हुआ। ओवरों की संख्या घटाकर 50 से 45 कर दी गई थी। पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। कई खिलाड़ियों की चोट के चलते पाकिस्तान की टीम में काफी बदलाव हुए थे। पाकिस्तान की शुरुआतत अच्छी नहीं रही और फखर जमान सिर्फ चार रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद अब्दुल्लाह शफीक और बाबर ने अर्धशतकीय साझेदारी कर टीम को संभाला, लेकिन बाबर भी 29 रन बनाकर वेलालगे का शिकार बने। इस समय टीम का स्कोर 73 रन था। शफीक भी अर्धशतक लगाने के बाद आउट हो गए और मोहम्मद हारिस भी छोटे स्कोर पर पवेलियन लौट गए। नवाज भी सिर्फ 12 रन ही बना सके। 130 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद पाकिस्तान की टीम मुश्किल में थी। ऐसे में मोहम्मद रिजवान ने इफ्तिखार अहमद के साथ शतकीय साझेदारी मैच में पाकिस्तान की वापसी कराई। इस बीच बारिश की वजह से खेल रुका और ओवरों की संख्या घटकर 42 हो गई, लेकिन ये दोनों जमे रहे। इफ्तिखार 47 रन बनाकर आउट हुए। वहीं, रिजवान ने नाबाद 86 रन बनाए और पाकिस्तान का स्कोर 42 ओवर में 252/7 तक पहुंचा दिया। श्रीलंका की पारी में क्या हुआ? डकवर्थ लुईस नियम के तहत श्रीलंका के सामने 252 रन का ही लक्ष्य था। इसका पीछा करते हुए कुसल परेरा और निसांका ने तेज शुरुआत की, लेकिन परेरा आठ गेंद में 17 रन बनाकर रन आउट हो गए। शादाब खान के सटीक थ्रो ने उन्हें पवेलियन भेजा। मेंडिस ने निसांका के साथ अर्धशतकीय साझेदारी कर श्रीलंकाई पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन निसांका 29 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद सदीरा समरविक्रमा और मेंडिस के बीच शतकीय साझेदारी हुई और श्रीलंका की जीत तय दिख रही थी। तभी समरविक्रमा 48 रन के निजी स्कोर पर इफ्तिकार का शिकार बने। इसके बाद असालंका और मेंडिस ने श्रीलंका का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया। इफ्तिखार ने 91 रन के निजी स्कोर पर मेंडिस को आउट कर पाकिस्तान की वापसी के दरवाजे खोल दिए। इसके बाद उन्होंने शनाका को भी आउट किया और श्रीलंका की टीम दबाव में आ गई। शाहीन अफरीदी ने अपने आखिरी ओवर में धनंजय डे सिल्वा और दुनिथ वेलालगे को आउट कर श्रीलंका को मुश्किल में डाल दिया। आखिरी ओवर में जीत के लिए श्रीलंका को आठ रन चाहिए थे। अपने करियर का पहला वनडे मैच खेल रहे जमान खान ने आखिरी ओवर की शुरुआती चार गेंदों में सिर्फ दो रन दिए और मदुशन को रन आउट भी कर दिया। हालांकि, पांचवीं गेंद असालंका के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर चार रन के लिए चली गई और आखिरी गेंद में उन्होंने आसानी से दो रन लेकर अपनी टीम को रोमांचक जीत दिलाई और रिकॉर्ड 12वीं बार फाइनल में पहुंचा दिया।