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दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर फहराया तिरंगा खेलपथ संवाद पन्ना। जिस दिन हमारा राष्ट्र स्वतंत्रता दिवस मना रहा था उसी दिन पन्ना की बेटी गौरी अरजरिया दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा लहरा-फहरा रही थी, वह भी बेहद कठिन परिस्थितियों में। गौरी के इस साहसी कौतुक से सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं समूचा हिन्दुस्तान गौरवान्वित है। पन्ना जिले की 29 साल की गौरी अरजरिया ने दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो की चढ़ाई कर तिरंगा फहराया। किलिमंजारो की ऊंचाई 19341 फीट है, ये तंजानिया में स्थित है। पर्वतारोही गौरी सिमरिया की रहने वाली हैं। वह 15 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर चोटी पर पहुंची थीं। इसके बाद उसने 16 अगस्त को भी इसी पर्वत पर चढ़ाई की। यह कीर्तिमान हासिल करने के बाद गौरी को दक्षिण अफ्रीका के तंजानिया नेशनल पार्क के कमिश्नर ने उन्हें सर्टिफिकेट जारी किया है। गौरी अरजरिया पन्ना जिले के सिमरिया कस्बे की रहने वाली हैं। एक मध्यवर्गीय परिवार में पली बढ़ी गौरी को बचपन से ही कुछ अलग करने का शौक था। इस बार वह 9 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुईं। उन्होंने 15 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो में चढ़ाई कर तिरंगा फहराने में सफलता हासिल की है। किलिमंजारो चोटी की समुद्र तल से ऊंचाई 19341 फीट है। यहां का तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस रहता है। इसके पहले भी गौरी अरजरिया ने उत्तराखंड की 13500 फीट ऊंची चंद्रशिला की चोटी पर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया था। उन्होंने पश्चिम बंगाल की रेनोक चोटी पर चढ़ाई की है। इसकी ऊंचाई 17000 फीट है। 26 जनवरी, 2021 को गौरी ने उत्तराकाशी की केतार कांठा चोटी पर तिरंगा फहराया था। अक्टूबर 2021 में विधान चंद्र राय पर्वत की 18000 फीट ऊंची चोटी पर चढ़ाई की थी। गौरी के मुताबिक मैंने एक लक्ष्य बनाया था कि दक्षिण आफ्रिका की सबसे ऊंची चोटी पर 15 अगस्त को चढ़ाई करूंगी। इस लक्ष्य को मैंने 6 दिन में हासिल किया। इस पर मैंने दो बार चढ़ाई की है। पहली बार मैंने 15 अगस्त को चढ़ाई की। यह चढ़ाई मैंने साड़ी में की है, इसे महिला सशक्तीकरण के नाम किया है। दूसरी चढ़ाई मैंने 16 अगस्त को की। इसे मैंने भारत के वीर जवानों के नाम किया है।