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नीरज चोपड़ा का बड़ा बयान, कहा- भारत 2027 में कर सकता है मेजबानी खेलपथ संवाद नई दिल्ली। ओलम्पिक और विश्व चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने बुधवार को ज्यूरिख में दावा किया कि भारत 2027 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की मेजबानी के लिए बोली लगाएगा। डायमंड लीग मीट की पूर्व संध्या पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 2027 में विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी की भारत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर नीरज ने कहा, "भारत बोली लगाने जा रहा है। मैं फैंस अनुरोध करूंगा और उम्मीद है कि भारी क्षमता में उस टूर्नामेंट को देखने आएंगे।" नीरज ने कहा, "अब, जेवलिन थ्रो भारत में प्रसिद्ध खेल है। मैंने हमेशा इंटरव्यू में कहा है कि हमें एथलेटिक्स को समझने और इसके बारे में जानकार होने की आवश्यकता है क्योंकि एथलेटिक्स केवल जेवलिन थ्रो नहीं है। इसमें (एथलेटिक्स में) बहुत सारी प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इसलिए , अगर फैंस नहीं आते हैं, तो मैं उन्हें आने के लिए प्रेरित करूंगा। भारतीय लोग बहुत समर्थन करते हैं और वे अब एथलेटिक्स का अनुसरण कर रहे हैं और एथलेटिक्स में रुचि ले रहे हैं। भारत के तीन जेवलिन थ्रोअर बुडापेस्ट में शीर्ष छह में रहे हैं।" घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) 2027 विश्व चैंपियनशिप के लिए बोली लगाने की योजना बना रहा है, लेकिन पहले उसे सरकार से मंजूरी लेनी होगी। फिलहाल, एएफआई ने सरकार से संपर्क नहीं किया है। बोली आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि दो अक्तूबर है। बीजिंग ने पहले ही 2027 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए अपनी बोली की घोषणा कर दी है। नीरज टोक्यो ओलंपिक में अपने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के प्रयास के बाद से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले साल स्टॉकहोम डायमंड लीग के दौरान उन्होंने 89.94 मीटर थ्रो के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने ज्यूरिख डायमंड लीग में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के दौरान रजत पदक भी जीता था। इस साल की शुरुआत में नीरज ने दोहा डायमंड लीग में शीर्ष स्थान हासिल किया, जिसने उन्हें इस महीने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने से पहले ही जेवलिन थ्रो वर्ल्ड रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचा दिया। हालांकि, टोक्यो ओलंपिक के बाद से नीरज को चोट का सामना करना पड़ा था, लेकिन इससे उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा- मेरी कमर की चोट के कारण, मैंने इस साल बहुत अधिक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया। मई से लेकर विश्व चैंपियनशिप तक मैंने केवल पांच या छह थ्रोइंग सत्र किए और वह भी पूरे रन-अप में भी नहीं। विश्व चैंपियनशिप मेरे लिए चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन मैं मन से तैयार था। विश्व चैंपियनशिप न केवल शरीर के लिए बल्कि दिमाग के लिए भी कठिन थी। मेरे देश में बहुत सारे लोगों को मुझसे उम्मीद थी और मुझ पर बहुत अधिक द