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विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में पाकिस्तानी अरशद देंगे चुनौती खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक विजेता नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को एक ही थ्रो में न सिर्फ पेरिस ओलम्पिक का टिकट हासिल कर लिया बल्कि विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में भी प्रवेश कर लिया। सिर्फ नीरज ही नहीं देर से वीजा मिलने के चलते अंतिम क्षणों में बुडापेस्ट पहुंचने वाले किशोर जेना और डीपी मनु ने भी भाला फेंक के फाइनल में जगह बना ली है। यह पहली बार है जब विश्व एथलेटिक्स की किसी एक इवेंट में तीन भारतीय एक साथ फाइनल में पहुंचे हैं। नीरज ने अपनी पहली ही थ्रो में 88.77 मीटर भाला फेंका। यह सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। नीरज फाइनल में पहुंचने वाले 12 थ्रोअरों में शीर्ष पर रहे। फाइनल में पहुंचने के लिए स्वत: क्वालिफिकेशन मानक 83 मीटर रखा गया था, जबकि 85.50 मीटर पेरिस ओलम्पिक का क्वालीफाइंग मानक था। नीरज ने दोनों ही लक्ष्य एक ही थ्रो में पार कर लिए। टोक्यो ओलम्पिक में भी नीरज एक थ्रो के दम पर फाइनल में पहुंचे थे। वहां उन्होंने 86.65 की थ्रो लगाई थी। फाइनल में वह 87.58 मीटर के साथ विजेता बने। यूगेन (अमेरिका) में बीते वर्ष हुई विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए भी नीरज ने सिर्फ एक थ्रो का सहारा लिया था। वहां उन्होंने 88.39 मीटर की थ्रो लगाई थी। नीरज यहां रजत पदक जीते थे। अब वह 27 अगस्त को फाइनल में उतरेंगे और अपना पहला विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण जीतने की कोशिश करेंगे। भारत के लिए उपलब्धि की बात डीपी मनु और किशोर जेना का फाइनल में पहुंचना रहा। मनु ने अपनी अंतिम थ्रो में 81.31 मीटर भाला फेंका। वह फाइनल में पहुंचे 12 थ्रोअरों में छठे स्थान पर रहे। वहीं किशोर जेना ने 80.55 मीटर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो लगाई। वह नौवें स्थान पर रहकर फाइनल में पहुंचे। जेना का इस चैम्पियनशिप में खेलना संभव नहीं लग रहा था। उनका हंगरी दूतावास की ओर से वीजा जारी नहीं किया गया था। नीरज चोपड़ा ने खुद ने उनका वीजा जारी करने की गुहार लगाई थी, जिससे वह पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में खेल सके। इसके बाद खेल मंत्रालय और साई के प्रयासों से उन्हें तत्काल वीजा जारी किया और वह विश्व चैम्पियनशिप शुरू होने से ठीक पहले बुडापेस्ट पहुंचे। फाइनल में पहुंचने वाले 12 थ्रोअरों में सिर्फ तीन ऐसे रहे जिन्होंने 83 मीटर के स्वत: क्वालिफिकेशन को पार किया। इनमें नीरज चोपड़ा के अलावा पाकिस्तान के अरशद नदीम (86.79) और टोक्यो ओलम्पिक में रजत जीतने वाले चेक गणराज्य के जैकब वादलेज्चे (83.50 मीटर) शामिल हैं। बाकी नौ थ्रोअरों ने 83 मीटर से नीचे का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई। क्वालिफिकेशन दौर में तीन थ्रो करने को मिलते हैं। गत विजेता ग्रेनाडा के एंडर्सन पीटर्स क्वालिफिकेशन दौर में ही बाहर हो गए। उन्होंने 78.49 मीटर की थ्रो लगाई। जकार्ता एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम लम्बे समय से चोटिल चल रहे थे। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में 90 मीटर से अधिक दूरी भाला फेंककर स्वर्ण जीतने वाले अरशद ने इस सत्र में किसी बड़ी इवेंट में शिरकत नहीं की, लेकिन यहां उन्होंने 70.63 मीटर की थ्रो से शुरुआत की, लेकिन अंत में उन्होंने 86.79 मीटर की बड़ी थ्रो लगाकर फाइनल में प्रवेश किया। यह नीरज के बाद सर्वश्रेष्ठ थ्रो थी। वह ग्रुप बी में शीर्ष पर रहे। फाइनल में नीरज और अरशद के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है। फाइनल में पहुंचने वाले जेवलिन थ्रोअर 1-नीरज चोपड़ा (भारत)-88.77 (सत्र का सर्वश्रेष्ठ), 2-अरशद नदीम (पाकिस्तान)-86.79 (सत्र का सर्वश्रेष्ठ), 3-जैकब वादलेज्च (चेक गणराज्य)-83.50 (सत्र का सर्वश्रेष्ठ, 4-जूलियन वेबर (जर्मनी)-82.39 मीटर, 5-एडिस मैटसेविसियस (लिथुआनिया)-82.35, 6-डीपी मनु (भारत)-81.31, 7-डेविड वेगनर (पोलैंड)-81.25, 8-इहाब अब्देलरहमान (मिस्र)-80.75, 9-किशोर जेना (भारत)-80.55, 10-ओलिवर हेलांडर (फिनलैंड)-80.19, 11-टिमोथी हरमन (बेल्जियम)-80.11, 12-एंड्रियन मारदारे (माल्डोवा)-79.78 मीटर। नीरज चोपड़ा की उपलब्धियांः 2016 जूनियर विश्व चैम्पियनशिप-स्वर्ण, 2016 दक्षिण एशियाई खेल-स्वर्ण, 2018 एशियाड-स्वर्ण, 2018 राष्ट्रमंडल खेल-स्वर्ण, 2020 टोक्यो ओलम्पिक-स्वर्ण, 2022 डायमंड लीग-स्वर्ण।