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यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने लिया फैसला अब भारतीय पहलवान नहीं फहरा सकेंगे तिरंगा खेलपथ संवाद नई दिल्ली। जिसका डर था वही हुआ। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ की सदस्यता निलम्बित कर दी है। अब भारतीय पहलवान वैश्विक खेल मंचों पर तिरंगा नहीं फहरा सकेंगे। इसके पीछे अध्यक्ष पद का चुनाव न होने की वजह सामने आई है। बता दें कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हुई थी लेकिन अदालत के चलते अभी तक चुनाव नहीं हुए। फिलहाल कुश्ती महासंघ कई आरोपों में फंसा हुआ है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की सदस्यता अनिश्चितकाल के लिए निलम्बित कर दी है। इसके पीछे अध्यक्ष पद का चुनाव न होने की वजह सामने आई है। कई विवादों में फंसे भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव काफी हद तक स्थगित हो गए हैं। महासंघ को जून 2023 में चुनाव कराने थे। बता दें कि डब्ल्यूएफआई को पहले जनवरी में और फिर मई में निलम्बित कर दिया गया था, जब भारत के शीर्ष पहलवानों ने इसकी कार्यप्रणाली का विरोध किया था और इसके तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। डब्ल्यूएफआई के दैनिक मामलों का प्रबंधन वर्तमान में भारतीय ओलम्पिक संघ द्वारा गठित भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली तदर्थ समिति द्वारा किया जा रहा है। गौरतलब हो कि कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने शोषण का आरोप लगाया था। दिल्ली के रामलीला मैदान से लेकर उत्तराखंड तक हंगामा मचा। पहलवानों के विरोध प्रदर्शन और कई राज्य इकाइयों की कानूनी याचिकाओं के चलते कुश्ती महासंघ को कई बार चुनाव टालना पड़ा। 15 पदों पर होने हैं शासी निकाय चुनाव बता दें कि डब्ल्यूएफआई के शासी निकाय में 15 पदों के लिए चुनाव 12 अगस्त को होने वाले थे। उत्तर प्रदेश से भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह सहित चार उम्मीदवारों ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। वहीं, चंडीगढ़ कुश्ती संस्था के दर्शन लाल को महासचिव पद के लिए नामांकित किया गया था, जबकि उत्तराखंड के एसपी देसवाल को कोषाध्यक्ष के लिए नामांकित किया गया था। अब चुनाव में हुई देरी के चलते युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी है।