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अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप में पहलवान बेटियों की बल्ले-बल्ले सविता ने भी लगाया स्वर्णिम दांव खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय पहलवान बेटियों ने वह कर दिखाया जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था। जी हां अंतिम से पहले कोई और भारतीय पहलवान लगातार दो बार विश्व चैम्पियन नहीं बनी। इस वैश्विक खेल मंच पर सविता का स्वर्णिम दांव भी इतिहास का ही हिस्सा बना है। अंडर-20 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में बेटियों ने इतिहास रच दिया। हिसार (हरियाणा) की अंतिम पंघाल लगातार दूसरी बार अंडर-20 विश्व चैम्पियन बनने वाली देश की पहलवान बेटी बनीं, वहीं रोहतक की सविता ने 62 किलो भार वर्ग में स्वर्ण जीता। अंतिम कुंडू 65 किलो भार वर्ग में दुर्भाग्यशाली रहीं और फाइनल में नहीं जीत पाईं। उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा। रीना (57), आरजू (68) और हर्षिता (72) ने कांस्य पदक जीते। कुश्ती के इतिहास में पहली बार बेटियों ने अंडर-20 विश्व टीम चैंपियनशिप भी अपने नाम की। अंतिम ने ने शुक्रवार को 53 भार वर्ग के फाइनल में यूक्रेन की मारिया येफरेमोवा को 4-0 से परास्त कर स्वर्ण जीता। वह बीते वर्ष पहली बार अंडर-20 विश्व चैंपियन बनी थीं। वहीं सविता ने वेनेजुएला की पाओला मेंटोरो चिरिनोस को तकनीकि दक्षता के आधार पर पराजित किया। अंतिम गुरुवार को लगातार तीन बाउट जीतकर फाइनल में पहुंची थीं। उन्होंने स्वर्ण पदक के सफर में सिर्फ दो अंक गंवाएं। अंतिम वही पहलवान हैं जिन्होंने विनेश फोगाट को एशियाड में सीधे प्रवेश दिए जाने का विरोध करते हुए धरना दिया था। हालांकि, बाद में विनेश ने घुटने के आपरेशन के चलते एशियाड से नाम वापस ले लिया। अंतिम विनेश को एशियाड टीम में सीधे चुने जाने पर अदालत भी गई थीं। उन्होंने अप्रैल माह में एशियाई चैम्पियनशिप में इसी भार में रजत भी जीता। सविता ने पाओला के खिलाफ आक्रामक खेल दिखाते हुए पहले ही दौर में 9-0 की बढ़त ले ली। दूसरे दौर की शुरुआत में ही एक अंक हासिल कर रेफरी ने बाउट रोककर सविता को विजेता घोषित कर दिया। अंतिम कुंडू का फाइनल में स्थानीय पहलवान एनिको एलेकेस से मुकाबला था, जिसमें उन्हें 2-9 से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले रीना ने कांस्य पदक की लड़ाई में कजाखस्तान की शुगायला ओमिरबेक को 9-4 से पराजित किया। आरजू और हर्षिता ने कांस्य पदक जीतकर भारत को महिलाओं की टीम चैंपियनशिप दिलाई।