News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
प्रयोगों के बावजूद मध्यक्रम की गुत्थी अनसुलझी खेलपथ संवाद नई दिल्ली। विश्व कप को ध्यान में रखकर वेस्टइंडीज दौरे पर किए गए प्रयोग भारतीय टीम मैनेजमेंट की उलझनों को दूर नहीं कर पाए। खासतौर पर मध्यक्रम की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। यही कारण है कि कोच राहुल द्रविड ने 31 अगस्त से होने वाले एशिया कप में पुनर्वास से गुजर रहे श्रेयस अय्यर, केएल राहुल समेत जसप्रीत बुमराह की वापसी के संकेत दिए हैं। एशिया कप में इन दोनों को आजमाया जा सकता है। अगर दोनों फिटनेस पर खरे उतरे तो यहां से विश्वकप की टीम के लिए अपना दावा पेश करेंगे। हालांकि वनडे विश्वकप को लेकर वेस्टइंडीज दौरे के सकारात्मक पहलू ईशान किशन, कुलदीप यादव, मुकेश कुमार और कुलदीप यादव रहे हैं। इन चारों ने विश्वकप की टीम के लिए अपना दावा जबरदस्त रूप से ठोका है। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में रोहित शर्मा और राहुल द्रविड ने नंबर चार पर संजू सैमसन, अक्षर पटेल और हार्दिक पंड्या को आजमाया। सैमसन ने जरूर 41 गेंद में 55 रन बनाए, लेकिन अक्षर, हार्दिक नहीं चले। हालांकि इन दोनों का नंबर चार पर दावा भी नहीं बनता है। असली दावेदार टी-20 के हीरो सूर्यकुमार यादव थे, लेकिन उन्होंने इस सीरीज में मध्यक्रम मेंं निराश किया। उन्होंने 35, 19, 24 की पारियां खेलीं और एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए। सूर्यकुमार अगर वनडे सीरीज में चलते तो हो सकता है नंबर चार की गुत्थी को सुलझा देते, लेकिन अब श्रेयस और राहुल उपलब्धता पर निर्भर रहना पड़ेगा। टी-20 सीरीज में वेस्टइंडीज से मिली 2-3 की हार के बाद कोच राहुल द्रविड ने कहा भी कि एशिया कप में घर में होने वाले मैचों में फोकस विश्वकप पर रहेगा। द्रविड ने संकेत दिए कि चोटिल बुमराह, राहुल और श्रेयस को एशिया कप में आजमाया जा सकता है। बुमराह तो 18 अगस्त से शुरू होने जा रही आयरलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज से वापसी भी कर रहे हैं। द्रविड ने कहा कि हमारे पास कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी स्थिति में चोट से उबरकर वापसी करने में सक्षम हैं। उन्होंने इन तीनों के नाम लिए बिना कहा कि हमें उन्हें एशिया कप में खेलने का मौका देना होगा। एशिया कप की तैयारियों के लिए 23 अगस्त से बंगलूरू में एक सप्ताह का शिविर भी लगने जा रहा है। तिलक हैं मजबूत दावेदार द्रविड के मुताबिक इस दौरे पर यशस्वी जायसवाल, मुकेश कुमार और तिलक वर्मा का पदार्पण शानदार रहा। तिलक ने मध्यक्रम में जबरदस्त प्रदर्शन किया। द्रविड ने कहा कि तिलक टी-20 सीरीज में ऐसे मौकों पर बल्लेबाजी करने आए जब स्थिति दयनीय थी, लेकिन उन्होंने बेहद सकारात्मक बल्लेबाजी की। फिर वह बाएं हाथ के बल्लेबाजी हैं जो मध्यक्रम में काफी लचीलापन देता है। तिलक ने टी-20 में पदार्पण किया, लेकिन वह अपने प्रदर्शन से वनडे टीम में आने के दावेदार बन गए हैं। उन्होंने पांच टी-20 मैचों में 27, 7*, 49*, 51, 39 की पारियां खेलीं। उन्होंने 140.65 की स्ट्राइक रेट और 57.66 की औसत से 173 रन बनाए। ओपनर का विकल्प बने ईशान वैसे तो वनडे विश्वकप में कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ओपनिंग जोड़ी मानी जा रही है, लेकिन ईशान किशन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों में 52, 55, 77 रन की पारियां खेलकर टीम मैनेजमेंट के सामने अपने को ओपनर के विकल्प के रूप में पेश किया है। ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में ईशान विश्वकप में नंबर एक विकेट कीपर केदावेदार भी माने जा रहे हैं। बल्लेबाजी में गहराई नहीं होने से हारे कोच राहुल द्रविड ने विंडीज से टी-20 सीरीज में मिली 2-3 की हार पर कहा कि हमें क्रिकेट से इस प्रारूप में बल्लेबाजी में गहराई लाना जरूरी है। इस सीरीज में भारत अर्शदीप, कुलदीप, युजवेंद्र चहल, मुकेश कुमार पुछल्ले बल्लेबाज के तौर पर खेले, जिसकेचलते भारतीय टीम डेथ ओवर में ज्यादा रन नहीं बना सकी। अंतिम टी-20 में भारत नौ विकेट पर 165 रन बना सका, इसका कारण पुछल्ले बल्लेबाजों का रन नहीं बनाना था। द्रविड ने कहा कि जो हमारे पास टीम थी, उससे हमको टीम के संयोजन में लचीलापन लाने का मौका नहीं मिला।