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विश्व ट्रायल में हारे तो कटेगा एशियन गेम्स का टिकट खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) द्वारा कुश्ती के संचालन के लिए नियुक्त तदर्थ समिति के एक सदस्य ने कहा कि वह समिति को प्रस्ताव देंगे कि अगर बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट विश्व चैम्पियनशिप के लिए आगामी ट्रायल हार जाते हैं तो उन्हें भारत की एशियाई खेलों की टीम से हटा दिया जाये। बजरंग (फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम) और विनेश (53 किलोग्राम) को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश दिया गया है। अन्य 16 वजन श्रेणियों में खिलाड़ियों का चयन यहां 22 और 23 जुलाई को हुए ट्रायल के नतीजे के आधार पर हुआ। दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देने वाले बजरंग, विनेश और चार अन्य पहलवानों ने ट्रायल की तैयारी के लिए 10 अगस्त तक का समय मांगा था। एशियाई ओलम्पिक परिषद (ओसीए) ने हालांकि कुश्ती की प्रविष्टियां भेजने की सीमा 23 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाई। समिति के एक सदस्य ज्ञान सिंह ने बताया, ‘हम समिति को प्रस्ताव देंगे कि अगर बजरंग और विनेश विश्व चैम्पियनशिप ट्रायल जीतते हैं, तभी उन्हें एशियाई खेलों में भेजा जाए, अन्यथा नहीं। अगर बजरंग ट्रायल हार जाते हैं तो वह स्टैंड-बाय पर होंगे और एशियाई खेलों के ट्रायल के विजेता (विशाल कालीरमन) चीन जाएंगे।’ यह होगा समिति का प्रस्ताव ज्ञान सिंह ने कहा, ‘हम प्रस्ताव कर रहे हैं कि 22 और 23 जुलाई को हुए ट्रायल के सेमीफाइनल में हार का सामना करने वाले पहलवानों के बीच एलिमिनेटर मुकाबला कराया जाये और इसके विजेता ट्रायल के विजेता को चुनौती देगा। छूट प्राप्त पहलवान का ट्रायल के फाइनल में हारने वाले पहलवान से सामना करेगा। इसके बाद इन दोनों मुकाबले के विजेताओं को विश्व चैम्पियनशिप की टीम में जगह बनाने के लिए एक-दूसरे का सामना करना चाहिये।’ बजरंग और विनेश के अलावा, जिन अन्य पहलवानों को इन समूहों में रखा जाएगा उसमें साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान, जितेंद्र किन्हा और बजरंग की पत्नी संगीता फोगाट शामिल हैं। गलत साबित हुए तो कुश्ती छोड़ देंगे बजरंग और विनेश एशियन गेम्स के चयन ट्रायल्स में छूट मिलने पर कुश्ती जगत की नाराजगी का सामना कर रहे बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने इस मामले में चुप्पी तोड़ी। विनेश ने कहा कि हम ट्रायल्स ने नहीं डरते हैं। हमने कुश्ती को 20 वर्ष दिए हैं। बजरंग और विनेश ने कहा कि वे इस बात से आहत हैं कि युवा पहलवानों ने उन्हें कोर्ट में घसीटा, लेकिन इस बात की खुशी भी है कि जूनियर पहलवानों ने अपने अधिकारों के लिए लड़ना शुरू कर दिया है। विदेश में अभ्यास कर रहे विनेश और बजरंग ने इंटनेट मीडिया पर लाइव आकर अपनी बात रखी। बजरंग ने कहा कि हम इस मुद्दे पर ट्रायल और दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय के बाद ही बोलना चाहते थे। पूरे कुश्ती जगत को साथ बैठकर बात करनी चाहिए। आप हमारे सवालों का जवाब दें और हम आपके प्रश्नों का उत्तर देंगे। अगर हम गलत साबित होते हैं तो हम कुश्ती छोड़ देंगे। ट्रायल के बाद कहा जा रहा था कि तीन से चार पहलवान ऐसे हैं जो विनेश को हरा सकते थे। मैं अंतिम पंघाल को बताना चाहता हूं कि विनेश अभी हारी नहीं हैं और न ही हारेंगी। अंतिम ने हमारे विरुद्ध कोर्ट में केस किया। इससे हमें दुख पहुंचा। विनेश ने कहा कि हम ट्रायल से नहीं भागे। हमें तैयारियों के लिए कुछ समय चाहिए था। मैं अंतिम को दोष नहीं दे रही हूं क्योंकि वह गलत नहीं है। वह अपने अधिकार के लिए लड़ रही है। वह अभी बहुत युवा है और हमारी स्थिति नहीं समझेगी। लेकिन हम भी गलत नहीं हैं। हमने सिस्टम के विरुद्ध लड़ाई लड़ी, तब कोई हमारा साथ देने नहीं आया। विनेश ने कहा कि हम ट्रायल्स ने नहीं डरते हैं। हमने कुश्ती को 20 वर्ष दिए हैं। हम धरने के कारण अभ्यास नहीं कर सके थे। हमें तैयारियों के लिए कुछ समय चाहिए था। आप जब चाहे हमारा ट्रायल ले सकते हैं। कोई जीतेगा और कोई हारेगा, लेकिन क्या हमें एक महीने का समय तैयारी के लिए नहीं दिया जा सकता।