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फाइनल हारते ही स्टेडियम से भागा, अधिकारी फोन करते रहे खेलपथ संवाद नई दिल्ली। रेसलिंग के नेशनल ट्रायल के दौरान नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के अधिकारियों को सैम्पल कलेक्ट करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। क्योंकि कई रेसलर्स ट्रायल हारने के बाद बिना डोप टेस्ट दिए ही चले गए। ताजा मामला रविवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुए मेंस रेसलिंग ट्रायल्स में देखने को मिला। 125 किलोग्राम वेट कैटेगरी का फाइनल हारने वाले रेसलर आशीष बिना डोप टेस्ट दिए ही चले गए। इतना ही नहीं, उन्होंने डोप टेस्ट के फॉर्म पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। ऐसे में नाडा के अधिकारी खिलाड़ी को फोन करते रह गए, लेकिन पहलवान ने अपना मोबाइल बंद कर दिया। अब नाडा संबंधित रेसलर को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है। आशीष ने 125 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन फाइनल में सुमित मलिक से हार कर एशियन गेम्स के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके। फाइनल हारने के बाद आशीष डोप टेस्ट दिए बिना ही चले गए। उन्होंने स्टेडियम से जाने की जानकारी न तो नाडा के अधिकारियों को दी और न ही ट्रायल ले रहे कर्मचारी को। नाडा के अधिकारी उनके मोबाइल पर फोन करते रहे। फाइनल दोपहर करीब 3:50 बजे खत्म हो गया था, लेकिन 6:30 बजे तक भी आशीष नाडा के अधिकारियों के सामने नहीं आए और न ही उन्होंने किसी के फोन का जवाब दिया। सैम्पल ले रहे नाडा के अधिकारी ने बताया कि फाइनल खत्म होने के बाद 125 किलो वेट कैटेगरी में पहले और दूसरे नम्बर पर रहने वाले पहलवानों को सैम्पल देने के लिए कहा गया। पहले नम्बर पर रहे पहलवान सुमित ने टेस्ट दे दिया, लेकिन दूसरे स्थान पर रहने वाले पहलवान ने कुछ देर रुकने के लिए कहा। उसके बाद वह कागज पर बिना साइन किए हुए और डोप के लिए सैम्पल दिए बिना चले गए। उनके कोच से बात की गई, पहलवान से मोबाइल पर सम्पर्क भी किया गया, लेकिन फोन बंद मिला। अधिकारी ने बताया, 'सीनियर अधिकारियों को तुरंत इसकी जानकारी दी गई। हमने 6.30 बजे तक पहलवान का इंतजार किया, लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला। अब जैसे ही सीनियर्स के आदेश होंगे, वैसा ही किया जाएगा।' पहलवान ने अगर नाडा के कागज पर साइन किया होता और बताते कि वह घर जा रहे हैं तो सैम्पल लेने के लिए अधिकारी उनके घर तक चले जाते, लेकिन रेसलर साइन किए बिना ही चले गए। ऐसे में पहलवान को उनके घर पर नोटिस भेजकर सैम्पल न देने का कारण पूछा जा सकता है। नोटिस के बाद अगर नाडा उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो उन्हें डोप टेस्ट में पॉजिटिव मानकर कार्रवाई भी की जा सकती है। चैम्पियनशिप या ट्रायल में हिस्सा लेने के बाद सभी खिलाड़ियों को डोप सैम्पल देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर नाडा के नियमानुसार एक्शन लिया जाता है।