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पुलिस टीम ने उनके परिवार, करीबियों और नौकरों से पूछताछ की खेलपथ संवाद गोंडा। भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा स्थित घर पर दिल्ली पुलिस पहुंची है। पुलिस ने उनके परिवार, करीबियों और नौकरों से पूछताछ की है। यह पूछताछ महिला पहलवानों के यौन शोषण संबंधी आरोपों को लेकर हुई है। भाजपा सांसद के दिल्ली स्थित घर पर भी पुलिस ने पूछताछ की है। पुलिस ने कुछ लोगों के मोबाइल भी जांच के लिए ले लिए हैं। इस मामले में अब तक दिल्ली पुलिस 137 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम सोमवार रात बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा स्थित घर पहुंची। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बृजभूषण के घर पर मौजूद 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। खबर है कि दिल्ली पुलिस की टीम सिर्फ गोंडा ही नहीं लखनऊ स्थित बृजभूषण शरण सिंह के घर भी पहुंची। पुलिस ने सिंह के साथ काम करने वाले लोगों के नाम-पते और पहचान पत्र साक्ष्य के तौर पर जुटाए हैं। बृजभूषण शरण सिंह के घर पुलिस के पहुंचने की खबरों के बीच सांसद के बेटे करन भूषण सिंह ने कहा है कि उनके पिता कल दिल्ली चले गए। दिल्ली या नोएडा से कोई जांच टीम नहीं आई थी। समाचार चैनलों पर चल रही खबर भ्रामक है। भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पूनिया उत्तर रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट आए हैं। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को सामान्य बताते हुए कहा कि पहलवान अपनी मांग पर कामय हैं। उन्होंने आंदोलन से पीछे हटने और नाबालिग द्वारा प्राथमिकी वापस लेने की खबरों को गलत बताया। मलिक ने ट्वीट कर कहा कि "ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में न हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है।" उन्होंने मीडिया से कहा कि पहलवान अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। आंदोलन में कोई हिंसा न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। इस लड़ाई में विनेश व बजरंग भी साथ हैं। फिलहाल धरने पर नहीं बैठेंगी। वह करनैल सिंह स्टेडियम में खेल अधिकारी के पद पर तैनात हैं। इस पद के दायित्व को पूरा करने पर उनका ध्यान है। बजरंग पूनिया ने कहा, " हम आंदोलन से पीछे नहीं हटे हैं। हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए झूठ फैलाई जा रही है।" पूनिया और फोगाट भी उत्तर रेलवे में विशेष कार्य अधिकारी (खेल) के पद पर तैनात हैं। तीनों 30 व 31 मई को अपनी नौकरी पर वापस लौट आए हैं। साक्षी मलिक अंतर मंडल खेल प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर उत्तर रेलवे द्वारा जारी पत्र 31 मई को हस्ताक्षर करने के बाद उसकी तैयारी में जुट गई हैं। पहलावन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। वह एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर संसद का घेराव करने जा रहे पहलवानों को पुलिस ने हिरासत में लेकर धरना समाप्त कराया था। मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि गृह मंत्री से पहलवानों की मुलाकात में कोई हल नहीं निकला है। मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की टीम बृजभूषण शरण सिंह के पुश्तैनी घर विश्नोहरपुर पहुंची। पुलिस टीम ने यहां करीब एक दर्जन लोगों के बयान लिए। इनमें बृजभूषण के परिवार के सदस्यों के अलावा उनके सहयोगी, सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। पुलिस ने इन लोगों के नाम, मोबाइल नम्बर, आईडी वगैरह दर्ज की हैं। महिला पहलवान लगातार बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। हालांकि, सोमवार को आरोप लगाने वाली विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद वे अपनी सरकारी नौकरियों पर लौट गईं। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि उनका आंदोलन खत्म हो गया है। उनके इस कदम के बाद पहलवानों के समर्थन में 9 जून को होने वाली खाप की ओर से जंतर-मंतर पर प्रस्तावित धरना रद्द हो गया है। इस बारे में बीकेयू प्रमुख और बालियान खाप के नेता नरेश टिकैत ने कहा, 'अगर शिकायत करने वाले ने खुद ही समझौता करने का फैसला कर लिया है तो हम क्या कह सकते हैं?