News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
फटे जूते चिपकाकर दौड़ी जीता, कांस्य पदक लखनऊ यूनिवर्सिटी ने नहीं दी इनामी राशि खेलपथ संवाद लखनऊ। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में लखनऊ यूनिवर्सिटी के लिए 3000 मीटर स्टिपल चेस में मेडल जीतने पर काजल शर्मा को बधाइयां तो मिल रही हैं लेकिन उसने किन हालातों में मेडल जीता इसकी किसी को फिक्र नहीं है। हकीकत यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन काजल को जूते तक उपलब्ध नहीं करा सका। फटे जूतों को फेवीक्विक से चिपकाकर प्रतियोगिता में भाग लिया और विश्वविद्यालय के लिए कांस्य पदक जीता। जूते तो जूते लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रा को पिछली प्रतियोगिता की इनामी राशि भी नहीं दे सका है। काजल का कहना है कि फरवरी में उन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में यूनिवर्सिटी के लिए सिल्वर जीता था, जिसकी प्राइज मनी 85 हजार रुपए थी। सम्मान देना तो दूर विश्वविद्यालय ने जीती हुई राशि भी नहीं दी है। बकौल काजल खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की स्टिपल चेस इवेंट में भाग लेने के लिए उसने एथलेटिक्स एसोसिएशन से कई बार नए जूते मांगे, लेकिन प्रतियोगिता से पहले ही जिम्मेदारों ने फोन उठाना बंद कर दिया। तैयारी के लिए कोई कोच भी नहीं मिला। उन्होंने स्वयं फटे जूते पहनकर अभ्यास किया। जब मैं प्रतियोगिता में भाग लेने गई तो मेरे साथ लखनऊ यूनिवर्सिटी से कोई नहीं आया। अकेले बस और ऑटो से स्पोर्ट्स कॉलेज पहुंची। काजल लखनऊ यूनिवर्सिटी के जीबी गुप्ता बीएसएस कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा है। ओडिशा में खेले गए नॉर्थ जोन ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में उसने गोल्ड मेडल जीता था। इस मामले में लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि काजल ने जो जूते मांगे थे, वह बाजार में उपलब्ध नहीं थे। अगर पुरस्कार राशि बची है तो तुरंत दे दी जाएगी।