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बोले- जल्दी और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने का आज 28वां दिन है। खापों द्वारा महापंचायत कर सरकार को दिए गए अल्टीमेटम के अब सिर्फ एक ही दिन बचा है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में 21 मई के बाद इस धरने व आंदोलन को बड़ा रूप दिया जा सकता है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी शुक्रवार को खिलाड़ियों से मिलने व उनका समर्थन करने पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 21 मई को महम चौबीसी पर खाप पंचायत होगी। जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा के सभी खापों के जन प्रतिनिधि आएंगे। आगे का फैसला वहां लिया जाएगा। जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होगी, जब तक पुलिस पूछताछ नहीं करती, धरना जारी रहेगा। आगे की रणनीति खाप पंचायतों की होगी। महम में आगे का फैसला लिया जाएगा। कुछ पत्रकार भी उल्टे सवाल पूछकर मुद्दे को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले जातियों में बांटा आंदोलन, फिर स्टेट का मुद्दा बनाया। हम उन लड़कियों के साथ में हैं। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, हम उनके साथ रहेंगे। बृजभूषण ने मेडल पर की टिप्पणी वहीं, एक यू-ट्यूबर को दिए इंटरव्यू में बृजभूषण ने खिलाड़ियों को लेकर कई तरह की बातें कही हैं। बृजभूषण ने खिलाड़ियों के मेडल लौटाए जाने की बात पर कड़ी टिप्पणी की ही है। उन्होंने कहा है कि मेडल की कीमत तो 15 रुपए है। अगर वापस करना ही है तो करोड़ों रुपए का नकद पुरस्कार करें। उन्होंने कहा कि जो पैसा फेडरेशन, सरकार, जनता ने उन्हें दिया है। गांव-गांव में मान-सम्मान हुआ है। जिसकी कीमत कई करोड़ रुपए है। ये वापस करें, तब मेडल वापस माने जाएंगे। इस खेल के बदौलत नौकरी मिल गई है, मेडल लौटा भी देंगे तो क्या होगा। सारा पैसा ब्याज समेत वापस लौटाएं। पहलवानों के मेडल को 15 रुपए का बताने पर इस पर साक्षी मलिक ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि गुड्डे-गुड़िया से खेलने की उम्र से अखाड़े की मिट्टी को दोस्त बनाया। जिस मेडल को 15 रुपए का बताया, उसके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। शर्म की बात है हमारे देश में चैम्पियंस का ये हाल हो रहा है। मैंने ये मेडल देश के लिए जीता है, कोई इसकी कीमत नहीं लगा सकता। बजरंग पूनिया ने ये दिया जवाब वहीं बजरंग पूनिया ने कहा कि ये मेडल सालों की मेहनत और करोड़ों देशवासियों की दुआओं की वजह से आया है। जब हम मैदान में उतरते हैं तो देशवासी काम छोड़कर हमारे लिए प्रार्थना करते हैं। हमारे गले में मेडल डलता है तो हर देशवासी का सीना चौड़ा होता है। ये मेरे भारत देश का मेडल है, इसकी कीमत कोई क्या लगाएगा भाई! बबिता फोगाट ने फिर छेड़ा ट्वीट वार उधर, भाजपा नेत्री एवं दंगल गर्ल बबिता फोगाट ने फिर से ट्वीट वार छेड़ दिया है। उन्होंने ट्विटर पर 3 ट्वीट किए हैं। पहला ट्वीट- एक किसान पिता द्वारा सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 6 बेटियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के अखाड़े तक पहुंचाने का सफर और संघर्ष कितना कठिन होता है इसका मुझे अच्छी तरह से ज्ञात है इसलिए मैं सभी महिला खिलाड़ियों के संघर्ष के साथ थी, हूं और रहूंगी। दूसरा ट्वीट- और भारतीय न्याय व्यवस्था में विश्वास होने के नाते न्यायिक तौर पर उनके लिए हमेशा लड़ती रहूंगी। जो मुझ पर राजनीतिक आरोप लगा रही है उन्हें बताना चाहूंगी कि मुझे गर्व है कि मैं एक राष्ट्रवादी विचारधारा भाजपा से जुड़ी हूं और जुड़ी रहूंगी। तीसरा ट्वीट- परंतु मुझे लगता है कि आप जरूर जंतर-मंतर से अपनी राजनीति करियर की तलाश कर रही हैं। जहां पर आपने खिलाड़ियों के मंच को सभी विपक्षी राजनेताओं का मंच बना दिया है। प्रियंका गांधी का गले लगाना आपके भविष्य की राजनीतिक मंशा की कहानी कह रहा है। अब पढ़िए धरने में अब तक क्या हुआ... दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 जनवरी 2023 को विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना देना शुरू कर दिया। आरोप लगाया कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। विनेश ने आरोप लगाया कि बृजभूषण होटल के उसी फ्लोर पर रुकते थे, जहां महिला पहलवान ठहरती थीं। विवाद बढ़ने के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से पहलवानों की मुलाकात हुई और 21 जनवरी को धरना खत्म हो गया। भरोसा मिला कि चार हफ्ते के अंदर कमेटी की जांच रिपोर्ट आएगी, तब तक बृजभूषण सिंह के अधिकार छीने जाते हैं। जांच की मियाद को दो हफ्ते बढ़ाया गया। लेकिन यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। इसके बाद पहलवान एक बार फिर 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंच गए। उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ नहीं मिला है और जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती है धरना जारी रहेगा। पहलवानों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है। एक एफआईआर नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न की जिसमें पॉक्सो ऐक्ट भी लगा है। दूसरी एफआईआर वयस्क महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के संबंध में है। 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई है। झड़प में पहलवान राकेश यादव और विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत को चोटें आई हैं। वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि रेसलर पर बल प्रयोग नहीं किया गया, 5 पुलिसवाले घायल हुए हैं। 7 मई को जंतर-मंतर पर खापों की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हल न निकलने पर 21 मई को फिर महापंचायत होगी, जिसमें बड़े से बड़ा निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के भी बयान दर्ज कर लिए हैं। वहीं जनवरी में महिला बॉक्सर और राज्यसभा सदस्य मैरी कॉम की अध्यक्षता में बनाई गई ओवरसाइट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बृजभूषण शरण सिंह पर पहली बार जब आरोप लगा तो उन्होंने कहा कि अगर आरोप सही पाए गए तो वह फांसी पर लटकने को तैयार हैं। बृजभूषण ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि एक अपराधी की तरह त्यागपत्र देने के लिए वह तैयार नहीं हैं। बृजभूषण ने यह भी कहा है कि 12 साल तक यह पहलवान क्यों नहीं कुछ बोले? बीजेपी सांसद ने सफाई में कहा है कि आरोपों के पक्ष में इन पहलवानों के पास अगर कोई ऑडियो या वीडियो सबूत हो तो उसे पेश करें। बृजभूषण ने कहा है कि दीपेंद्र हुड्डा और बजरंग पुनिया ने साजिश रची है और इसे साबित करने के लिए उनके पास एक ऑडियो है।