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जब जांच गोपनीय तो बृजभूषण को सब कैसे पता? बजरंग पूनिया ने कहा- लड़कियों को धमकाया जा रहा है खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से नई दिल्ली का जंतर-मंतर चर्चा में है। बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत भारत के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। ये पहलवान उनकी गिरफ्तारी और पद से इस्तीफे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पहलवानों के मुताबिक, वे तब तक धरने से नहीं उठेंगे, जब तक बृजभूषण को जेल नहीं भेज दिया जाता है। अब तक बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से एक एफआईआर पॉक्सो एक्ट के तहत और दूसरी एफआईआर बाकी छह पहलवानों के आरोपों पर दर्ज की गई है। हालांकि, बृजभूषण ने आरोपों को खारिज कर दिया है। आओ जानें बजरंग पूनिया क्या कहते हैं 1. प्रदर्शन के बाद से पहलवानों की दिनचर्या कितनी बदली है? पहले आप प्रैक्टिस से लेकर खान-पान पर ध्यान देते थे, लेकिन अब कैसे चीजें प्रभावित हुई हैं? बजरंग: देख लीजिए आप खुद ही। दिल्ली पुलिस लाइट काट रही है। पानी नहीं आने दे रही। टॉयलेट में पानी नहीं है। रोड पर सो रहे हैं। गद्दे भी नहीं आने दिए। खाना नहीं आने दे रहे। हर तरीके से टॉर्चर किया जा रहा है। देखिए मुश्किल समय आता है, पर उसके बाद अच्छा समय भी आता है। हम उसी के लिए लड़ रहे हैं, क्योंकि यह भारत की बेटियों को न्याय दिलाने की बात है। 2. जिस शख्स से आपकी लड़ाई है, वह तकरीबन 30 साल से राजनीति में हैं। आप जानते हैं कि उनका दबदबा है। अभी मीडिया का समर्थन भी आपको मिल रहा है, लेकिन एक बार सुर्खियों से बाहर होने के बाद के लिए आपकी तैयारी कैसी है? बजरंग: मुझे लगता है कि जनता जनार्दन से बड़ा कुछ नहीं है। सोशल मीडिया जैसा एक प्लेटफॉर्म है लोगों के पास, जो एक मिनट में जानकारी पूरे देश में फैला सकता है। बहुत सारे मीडियाकर्मी ऐसे हैं, जो सच्चाई को दिखाने की हिम्मत रखते हैं। मुझे नहीं लगता कि वो उन्हें खरीद सकते हैं। देश में मीडिया को चौथा स्तम्भ बोलते हैं, जो न्याय दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। सबसे बड़ी न्यायपालिका है, उनसे बड़ा कोई भी नहीं है, चाहे 'वो' अपनी ताकत का कितना भी दुरुपयोग कर लें। अभी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने खिलाड़ियों के फेवर में बोला कि एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? उन्होंने कुछ किया है तभी माननीय न्यायालय ने यह बात कही। 3. ये भी बातें सामने आ रही हैं कि कुश्ती के नियमों में बदलाव की वजह से पहलवानों में आक्रोश है और आंदोलन के पीछे यह भी एक वजह है। ट्रायल्स को लेकर भी बातें सामने आई हैं। इस पर आपका क्या कहना है? बजरंग: यह सिर्फ इस आंदोलन को भटकाने की और दूसरा रूप देने की साजिश है। कभी राजनीति की बात कर रहे हैं, कभी ट्रायल का बोल रहे हैं। वो (बृजभूषण) अपने शब्दों का पता नहीं किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें ट्रायल का मुद्दा नहीं है। इसमें यौन शोषण का मुद्दा है। आप उस पर बात करिये न। आप बोल रहे हैं कि एक खिलाड़ी (नाबालिग) तो ऐसी है, जिसने और कमिटी में बयान नहीं दिए और पुलिस में शिकायत कर रखी है। तो उनको यह सब चीजें पता कहां से चलती हैं? यह तो देश पूछ रहा है कि ये सब बातें आपको कहां से पता चल रही हैं, क्योंकि ये तो कॉन्फिडेंशियल मामला है कि लड़कियों के नाम उजागर नहीं किए जाएंगे। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी यह चीज बोली है कि उन लड़कियों के नाम कभी बाहर नहीं आएंगे। इसके बावजूद भी जानकारी उनके (बृजभूषण) तक पहुंच रही है तो यह बहुत बड़ा सवाल है। 4. ऐसा भी कहा जा रहा है कि नए नियम से कुश्ती पर हरियाणा का दबदबा भी खत्म होगा और दूसरे राज्यों को बढ़ावा मिलेगा। आंदोलन के पीछे भी सिर्फ एक राज्य का हाथ बताया जा रहा है। इस दृष्टिकोण को लेकर आपका क्या कहना है? बजरंग: यहां पर जो आंदोलन हो रहा है उसमें आप देख रहे हैं कि ये कहां के लोग हैं? पूरे देश के लोग हैं और आ रहे हैं। ये तो आप लोग भी देख रहे हैं। इतना तो आप भी समझ रहे हैं कि बृजभूषण अपनी राजनीति बचाने के लिए ये सब बोल रहे हैं। अब सानिया मिर्जा हैं, वे टेनिस में अच्छी हैं, तो उनको कोई हरियाणा वाला हरा सकता है? अगर वे मेहनत करके आगे निकल रही हैं तो उन्हें कोई नहीं हरा सकता। 5. बृजभूषण 2011 से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। ये मामले पहली बार कब सामने आए? अगर ये पहले से चलता आ रहा है तो आपने पहले क्यों नहीं मामला उठाया? बजरंग: देखिये जब से वे आए हैं न, तब से ही ये चीजें चल रही हैं। लेकिन आपने देखा होगा बाहर पोस्टर लगा हुआ है, बृजभूषण पर कई मुकदमे हैं। खिलाड़ी डरे हुए थे, किसी के पास भी बोलने की हिम्मत नहीं थी। अभी भी बहुत सी लड़कियां उनसे डरी हुई हैं। जिन सात लड़कियों ने शिकायत दर्ज कराई, उन पर दबाव बनाया गया पैसे का या फिर डराया-धमकाया गया कि पीछे हट जाओ। बृजभूषण अगर बोल रहे हैं कि मैं साफ-सुथरा हूं तो उन लड़कियों को क्यों परेशान किया जा रहा है? अगर आप साफ छवि के हैं तो हम मानते हैं, लेकिन अगर हम दोषी हैं तो हमें सजा दो। पर आप उन लड़कियों को क्यों परेशान कर रहे हो, जिन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। उनको मारने की धमकी जा रही है, मां-बाप को परेशान किया जा रहा है। पैसे का लालच देकर उनको तोड़ने गए कि आप पीछे हट जाइए, ये काम क्यों कर रहे हो आप? अब खिलाड़ियों में एकजुटता हुई है। और वो बोल रहे थे न कि ये एक ही परिवार है। मैं कहना चाहता हूं कि पूरा कुश्ती जगत एक परिवार है और मैं उस परिवार का हिस्सा हूं। 6. बहुत से ऐसे स्टार एथलीट हैं या फिर क्रिकेटर्स हैं, जिनका इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है, जबकि यह खेल जगत का बड़ा मामला है? इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? बजरंग: देखिये, यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि वे बोलना चाहते हैं या नहीं। पर बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमारे समर्थन में हैं। इस देश को ओलम्पिक में दो इंडिविजुअल गोल्ड मिले हैं (अभिनव बिंद्रा और नीरज चोपड़ा), दोनों हमारे समर्थन में खड़े हैं। उनको खिलाड़ी होने का दर्द पता है। कुछ हमारे भी खिलाड़ी हैं, जो बृजभूषण की साइड खड़े हैं, लेकिन वो सबकी अपनी-अपनी सोच है। अगर कोई इन बहन-बेटियों को देखकर यह सोचता है कि अगली बार इनकी जगह हमारी बहन-बेटी हो सकती है तो वो हमारे साथ खड़े हैं। आज पूरा देश खिलाड़ियों के साथ खड़ा है। 7. ये आंदोलन कब तक जारी रहेगा? बजरंग: जब तक खिलाड़ियों को, भारत की बेटियों को जो न्याय के लिए लड़ाई लड़ रही हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और बृजभूषण को अरेस्ट नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। 8. देश के नाम क्या संदेश देना चाहेंगे? बजरंग: मैं सभी देशवासियों को और 140 करोड़ हिंदुस्तानियों को यही बोलना चाहूंगा आज भारत की बेटियां मुश्किल समय में हैं। एक नारा है- 'बेटी बचाओ, बेटी खेलाओ'। बेटी खेल तो रही हैं, लेकिन उसका शोषण हो रहा है। सभी इकट्ठे हो जाइए। जो ऐसे-ऐसे लोग हमारी बेटियों का शोषण करते हैं, बहनों का शोषण करते हैं, अगर आज हम एकजुट नहीं हुए, तो जो आज पर्दे के पीछे हो रहा है, वो कल पर्दे के सामने होगा। जो लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं, वो एकबार अपनी घर की तरफ देखें। ये अगर आप लोगों की बहन-बेटियां होतीं तो क्या फिर भी आप ऐसे लोगों को सपोर्ट करते?