News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
90 मीटर की दूरी और स्वर्ण पदक है लक्ष्य टोक्यो का स्वर्ण पेरिस में अच्छा करने की देगा प्रेरणा खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा पिछले वर्ष इस समय तक पूरी तरह फिट नहीं थे। जिसके चलते वह दोहा डायमंड लीग में शिरकत नहीं कर पाए, लेकिन नीरज इस वर्ष न सिर्फ पूरी तरह फिट हैं बल्कि दोहा डायमंड लीग से ही सत्र की शुरुआत करने जा रहे हैं। नीरज ने रविवार को कहा कि इस वर्ष उनका लक्ष्य अपने को पूरी तरह फिट रखते हुए विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण जीतना है। वह कोशिश करेंगे कि इस बार 90 मीटर की दूरी को लेकर चर्चाओं को बंद कर दें। हालांकि वह इस बारे में अपने ऊपर कोई ज्यादा दबाव नहीं ले रहे हैं। नीरज कहते हैं कि अगर पिछले वर्ष से तुलना करें तो वह इस साल ज्यादा अच्छी तरह तैयार हैं। पिछले वर्ष उन्होंने जून में फिनलैंड में हुए पावो नूरमी गेम्स से सत्र शुरू किया। फिटनेस, शक्ति और तकनीकि तीनों रूप से वह पिछले वर्ष इस दौरान तैयार नहीं थे। तैयारियों का भी ज्यादा समय नहीं मिला, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। वह न सिर्फ पूरी तरह फिट हैं बल्कि समय से सत्र की शुरुआत करने जा रहे हैं। यही कारण है कि वह 5 मई को होने वाली दोहा डायमंड लीग में खेलेंगे, जहां ट्रिपल जंपर एल्डोस पॉल भी उनके साथ भाग लेंगे। ग्लोरिया स्पोर्ट्स एरीना, अंताल्या (तुर्किये) में तैयारियां कर रहे नीरज कहते हैं कि वह विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण जीतना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए कोई दबाव नहीं है, चाहें वह यह स्वर्ण इस बारे जीतें या बाद में जीतें। यह सत्र उनके लिए लंबा है, इस लिए वह अपने को इस बार तकनीकि रूप से दक्ष करना चाहते हैं। पेरिस ओलंपिक पर नीरज का कहना है कि उन पर यहां स्वर्ण जीतने का दबाव होगा, इस लिए टोक्यो के मुकाबले उन्हें यहां के लिए ज्यादा तैैयार रहना होगा। हालांकि टोक्यो का स्वर्ण पदक उन्हें पेरिस में अच्छा करने की प्रेरणा देगा। नीरज डायमंड लीग के विजेता हैं। इससे पहले उन्होंने दोहा डायमंड लीग में 2018 में भाग लिया था, जहां वह 87.43 मीटर के साथ चौथे स्थान पर रहे थे। नीरज कहते हैं कि पिछले वर्ष उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के अनुभव से फैसला लिया है कि अगर उन्हें हल्की चोट लगी है तो वह पांचवीं और छठी थ्रो के लिए प्रयास नहीं करेंगे। विश्व चैंपियनशिप में उन्हें चौथी थ्रो में चोट लगी थी, लेकिन उन्होंने बाद में जांघ पर पट्टी बंधवाकर थ्रो की और चोट गहरा गई, जिससे वह राष्ट्रमंडल खेल में अपने स्वर्ण की रक्षा करने नहीं उतर पाए।