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इस एथलीट पर प्रदेश सरकार ध्यान दे तो बहुत कुछ कर सकता है खेलपथ संवाद पुणे। उत्तर प्रदेश के सुविधा विहीन दिव्यांग एथलीट आदित्य छौक्कर ने महाराष्ट्र के पुणे में हुई 21वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स स्पर्धा में गोला फेंक इवेंट में चांदी का पदक जीतकर समूचे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। इस एथलीट पर प्रदेश सरकार यदि ध्यान दे तो बहुत कुछ कर सकता है। 16 से 20 मार्च तक महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित 21वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में आदित्य छौक्कर ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए गोला फेंक में चांदी का पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया है। आदित्य छौक्कर के पिता राकेश मजदूरी करते हैं। छोटे से गांव सैडभर जिला बागपत निवासी आदित्य छौक्कर में प्रतिभा तो है लेकिन उसका आर्थिक मददगार कोई नहीं है। आदित्य ने बिना किसी सुविधा और प्रोत्साहन के जीतोड़ मेहनत की और राष्ट्रीय स्पर्धा में चांदी का पदक जीत दिखााया। आदित्य छौक्कर अपनी कामयाबी का श्रेय अपने कोच योगेश यादव की बेहतरीन कोचिंग को देता है। आदित्य छौक्कर भविष्य में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहता है। उसने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है। आदित्य का कहना है कि यदि उसे सुविधाएं मिल जाएं तो वह अपने देश का प्रतिनिधित्व कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता हासिल कर सकता है। पुणे से पहले आदित्य दो बार और भी राष्ट्रीय स्पर्धा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुका है। प्रदेश स्तर पर आदित्य की सफलताएं 2019 में दो गोल्ड मेडल भाला फेंक और गोला फेंक में जीते, 2020 कोरोना कोई प्रतियोगिता नहीं खेली। 2021 में गोला फेंक मे 1 गोल्ड और भाला फेंक मे 1 सिल्वर मेडल जीता, 2022 मे 2 सिल्वर मेडल भाला फेंक और गोला फेंक में जीते, 2023 में 2 सिल्वर मेडल भाला फेंक और गोला फेंक में जीते।