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परीक्षा समाप्त होते ही देशभर के हजारों खो-खो खिलाड़ी जंतर मंतर घेरेंगे
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। एक तरफ भारत सरकार और खेल मन्त्रालय खेल और खिलाड़ियों के सुनहरे भविष्य के लिए खेल संगठनों को तमाम तरह की सुविधाएं और आर्थिक मदद उपलब्ध कराते हैं तो दूसरी तरफ खेल संगठन पदाधिकारी खेल विरोधी कृत्यों को अंजाम देने से परहेज नहीं करते। अब खो-खो फेडरेशन पदाधिकारियों की कार्यशैली से परेशान खिलाड़ी जंतर मंतर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का मन बना रहे हैं।
खेल संगठन पदाधिकारियों की अनैतिक कार्यशैली और उत्पीड़न से न केवल खिलाड़ी परेशान होते हैं बल्कि जब पानी सिर से ऊपर पहुंच जाता है तब उन्हें विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ता है। ताजा मामला खो-खो फेडरेशन आफ इंडिया का है। कहने को यह भारतीय पारम्परिक खेल है लेकिन इसमें काबिज रसूखदार खेल संगठन पदाधिकारी मनमानी करते हैं। पटना बिहार के राष्ट्रीय स्तर के खो-खो खिलाड़ी मन्सूर आलम का कहना है कि खो-खो फेडेरेशन ऑफ इण्डिया इस समय करप्शन का अड्डा बन गया है जहां पर खो-खो खेल के खिलाड़ियों के लिए नहीं बल्कि खो-खो फेडेरेशन पदाधिकारियों के आर्थिक लाभ और ऐशो आराम के लिए काम हो रहा है।
राष्ट्रीय खो-खो खिलाड़ी मन्सूर आलम का कहना है कि उनके पास खो-खो फेडरेशन के भ्रष्टाचार से सम्बंधित, विभिन्न राज्यों के खो-खो एसोसिएशन और खिलाड़ियों तथा आरटीआई से प्राप्त डाक्यूमेंट्रियल प्रूफ हैं जिनसे भ्रष्टाचार की बू आती है। मन्सूर आलम का कहना है कि खो-खो फेडरेशन आफ इंडिया पर तत्काल एडमिनिस्ट्रेटर बैठाकर सीबीआई जांच कराने की आवश्यकता है।
मन्सूर आलम का कहना है कि खो-खो फेडेरेशन ऑफ इण्डिया के भ्रष्टाचार की सूचना प्रमाण सहित प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली, खेल मंत्रालय और साई को भी दिया है। इस समय साई से रिटायर्ड होने के बाद कुछ लोग खो-खो फेडेरेशन ऑफ इण्डिया के ऑफिस, धवन दीप बिल्डिंग में विभिन्न पदों पर ऑफिस स्टाफ के रूप में नियुक्त हैं जो केकेएफआई के इस भ्रष्टाचार के खेल में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
मन्सूर ने इंग्लैण्ड में आयोजित इंटरनेशनल खो-खो टूर्नामेंट के लिए भारतीय ओलम्पिक संघ को खो-खो फेडरेशन द्वारा 58 लाख रुपये के डोनेशन दिए जाने, बिहार, हरियाणा, गुजरात, झारखण्ड, पॉन्डिचेरी के स्टेट खो-खो एसोसिएशन के चुनाव में अनियमितता से सम्बन्धित प्रूफ उपलब्ध कराए हैं जो अपने आपमें गम्भीर प्रतीत हो रहे हैं।मन्सूर आलम ने यह भी बताया है कि उनकी बात हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पॉन्डिचेरी और अन्य राज्यों के खिलाड़ियों से भी चल रही है। खिलाड़ियों की परीक्षा समाप्त होते ही देश भर के हजारों खो-खो खिलाड़ी जन्तर मन्तर दिल्ली में खो-खो फेडेरेशन ऑफ इण्डिया के पदाधिकारियों के इस भ्रष्टाचार और तानाशाही के विरुद्ध धरने पर बैठेंगे।