News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
खेलो इंडिया यूथ गेम्सः पहले पिता ने जताया था विरोध खेलपथ संवाद नई दिल्ली। कुछ करने की चाह हो तो अभाव आपके रास्ते की बाधा कभी नहीं बन सकते। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है दिल्ली की जूडो खिलाड़ी निधि ने। निधि शाहाबाद डेयरी के पास स्थित स्लम एरिया में रहती है और उसका जीवन बेहद अभाव में बीत रहा है, लेकिन उसने कभी इसे अपनी सफलता की राह में बाधा नहीं बनने दिया। जूडो खेल के प्रति अपने जुनून और मेहनत के दम पर उसने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 में दिल्ली के लिए 44 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। निधि ने कहा कि जब वह 10 साल की थी तब उसने जूडो खेलना शुरू किया था। जब मैं स्कूल में थी तब हमें गर्मी की छुट्टियों में जूडो सिखाई जाती थी और इसे देखकर मैंने सोचा कि मुझे भी यह सीखना चाहिए। पहले यह हमें अपनी सुरक्षा के लिए सिखाई जा रही थी, लेकिन बाद में मुझे इस खेल में आनंद आने लगा और मैंने इसमें आगे बढ़ने का फैसला किया। जब मैंने खेलना शुरू किया था तब घर वालों का सपोर्ट मुझे नहीं मिला था। ड्रेस ही उस वक्त 500 रुपये की थी, जिसे हमारा परिवार खरीद पाने में समर्थ नहीं था, लेकिन नेशनल लेवल पर जब मेडल आया तब उनका सपोर्ट मिलना शुरू हुआ। मेरे पिता फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं और मां हाउस वाइफ हैं, लेकिन उन्होंने बहुत सारे अभाव के बाद भी मुझे सपोर्ट किया और कर रहे हैं। अपनी डायट के बारे में उसने बताया कि उसकी कमी तो रहती थी, लेकिन मेरे पिता से जितना होता था वो करते थे। वैसे मेरे टीचर्स काफी अच्छे थे जो मुझे काफी सहयोग करते थे और मेरे लिए अच्छे डायट का इंतजाम करते थे। निधि ने बताया कि जब में कक्षा छह में थी और मुझे जूडो सीखते हुए सिर्फ तीन या चार महीने ही हुए थे कि उस वक्त नेशनल गेम्स के ट्रायल हुए। मैंने उसमें हिस्सा लिया और दूसरे नंबर पर रही। इसके बाद मुझे नेशनल गेम्स में अंडर-14 में खेलने का मौका मिला और मैंने सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद मैंने निश्चय किया कि मैं इस खेल में और आगे जा सकती हूं। उस वक्त मैंने 23 किलोग्राम भारवर्ग की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल निधि नेशनल लेवल पर गोल्ड, सिल्वर व ब्रांज तीनों ही मेडल जीत चुकी है जबकि कॉमनवेल्थ जूडो चैम्पियनशिप 2018 में उसने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में मैंने पहली बार दिल्ली के लिए सिल्वर मेडल जीता है। 2019 खेलो इंडिया गेम्स में वो पदक नहीं जीत पाई थी। निधि की इस वक्त की कोच रेना ने बताया कि वो हमारे पास 2015 में आई थी और मैंने देखा कि उसमें काफी टैलेंट है। इसके बाद हमने उसके माता-पिता से बात की उसे जूडो में आगे बढ़ाने की बात कही और अब वो इसमें काफी सफल हो रही है। वहीं खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान निधि के कोच रहे शिलक राम ने बताया कि वो काफी प्रतिभाशाली है और आगे देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने का दम रखती है।