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पिछले साल बढ़े थे 305.58 करोड़ रुपये खेलपथ संवाद नई दिल्ली। आज राष्ट्रीय आम बजट पेश होने वाला है। हर खिलाड़ी, खेलप्रेमी को उम्मीद है कि इस बार भी खेल बजट का सेंसेक्स उपर होगा। देखा जाए तो देश में अब चरणबद्ध तरीके से खेल गतिविधियां बहाल हो गई हैं और ह्वांगझू एशियाई खेलों के रूप में वैश्विक प्रतियोगिताओं को देखते हुए 2023 काफी महत्वपूर्ण साल है। ऐसे में सरकार की तरफ से खेल बजट में की गई बढ़ोत्तरी से खेल सुविधाओं में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इस साल भारत को एशियन गेम्स के अलावा कई विश्व चैम्पियनशिप में भी हिस्सा लेना है, ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खेल बजट में इजाफा कर सकती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में आम बजट पेश करेंगी। इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय खिलाड़ियों ने पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेरी है। चाहे वह ओलम्पिक हो या राष्ट्रमंडल खेल, भारत के पदकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। केंद्र सरकार द्वारा खेल और खिलाड़ियों पर किए जा रहे खर्च का इसमें अहम योगदान रहा है। ऐसे में इस साल भी खेल बजट में बढ़ोत्तरी हो सकती है। पिछले साल भी स्पोर्ट्स बजट में 305.58 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की गई थी। खेल बजट की बात करें तो कोरोना के दौरान इसमें भारी कटौती देखने को मिली थी। साल 2020-21 में खेल बजट 2826.92 करोड़ रुपये का था। 2021-22 में इसमें 230.78 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी यानी 2021-22 में खेल बजट 2596.14 करोड़ रुपये का था, जिसे रिवाइज कर 2757.02 करोड़ रुपये का कर दिया गया था। 2021 में ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखते हुए इसमें 305.58 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की गई। पिछले साल कुल खेल बजट रुपये 3062.60 करोड़ का था। भारत ने 2021 में टोक्यो ओलम्पिक में कुल सात पदक जीते थे। कोरोना की वजह से तमाम कठिनाइयों और पाबंदियों के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद 2022 में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन शानदार रहा था। भारत ने कुल 61 पदक जीते थे। देश में अब चरणबद्ध तरीके से खेल गतिविधियां बहाल हो गई हैं और हांगझू एशियाई खेलों के रूप में वैश्विक प्रतियोगिताओं को देखते हुए 2022 काफी महत्वपूर्ण सत्र है। ऐसे में सरकार की तरफ से खेल बजट में की गई बढ़ोत्तरी से खेल सुविधाओं में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इस साल भारत को एशियन गेम्स के अलावा कई विश्व चैम्पियनशिप में भी हिस्सा लेना है। ओलम्पिक समेत तमाम मल्टीस्पोर्ट्स की तैयारियों के लिए विदेश में प्रतिस्पर्धा और अभ्यास का खर्च खेल मंत्रालय ही वहन करता है। खेलो इंडिया के लिए वर्ष 2020-21 के बजट में 890.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके बाद 2021-22 के खेल बजट में खेलो इंडिया के लिए 232.71 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। वर्ष 2021-22 में इस मद को घटाकर 657.71 करोड़ रुपये कर दिया गया था। वहीं, 2022-23 में खेलो इंडिया कार्यक्रम में 316 करोड़ 29 लाख रुपये का इजाफा किया गया और इसे बढ़ाकर 974 करोड़ रुपये कर दिया गया था। राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए बजट में क्या? राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए 2020-21 के बजट में 245 करोड़ रुपये की राशि थी, जिसे 2021-22 में संशोधित किया गया और राशि में 32 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी। 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए बजट को बढ़ाकर 280 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2022-23 के खेल बजट में भी इसे इतना ही रखा गया था। भारतीय खेल प्राधिकरण के लिए ये था बजट पिछले साल भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को मिलने वाले आवंटन में कटौती की गई थी। साई के बजट में सात करोड़ 41 लाख रुपये की कटौती की गई है जो 653 करोड़ रुपये का हो गया था। 2021-22 में 660.41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि 2020-21 के बजट अनुमान में आवंटन 500 करोड़ रुपये था। खेल प्रोत्साहन राशि में हुआ था इजाफा पिछले साल खिलाड़ियों के कुल प्रोत्साहन और पुरस्कार राशि में भी इजाफा किया गया था, जो 245 करोड़ से बढ़कर 357 करोड़ रुपये हो गई थी। जहां तक खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की बात है तो बजट 53 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 55 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2020-21 में यह राशि 70 करोड़ रुपये थी, जिसे 2021-22 में घटाकर 53 करोड़ रुपये कर दिया गया था। वहीं, साई स्टेडियमों की मरम्मत के बजट को 30 करोड़ रुपये से घटाकर 16 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इस साल भारतीय खिलाड़ियों को कई अहम प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेना है। इसमें 23 सितम्बर से आठ अक्टूबर तक ह्वांगझू में होने वाले एशियन गेम्स शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स जारी है। ऐसे में खेल बजट में पिछली बार की तुलना में इजाफा किया जा सकता है।