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व्यक्तिगत पूमसे स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत फहराया तमिलनाडु का परचम
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती इसे सिद्ध किया है हावरंग ताइक्वांडो एकेडमी के होनहार खिलाड़ी लोकप्रदीप ने। लोकप्रदीप ने के.एस.आर. शैक्षणिक संस्थान, तमिलनाडु के नामक्कल जिले में 19 से 21 जनवरी तक आयोजित सब जूनियर और कैडेट नेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में पूमसे स्पर्धा का व्यक्तिगत खिताब अपने नाम किया। लोकप्रदीप का चयन चौथी विश्व कैडेट चैम्पियनशिप के लिए भी किया गया है।
गौरतलब यह कि क्योरुगी और पूमसे की नेशनल स्पर्धा में 24 से अधिक राज्यों ने अपने-अपने राज्य चैम्पियनों को उतारा था। सब जूनियर और कैडेट नेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में हावरंग एकेडमी के चार होनहार खिलाड़ियों ने तमिलनाडु टीम का प्रतिनिधित्व किया। इनमें सब जूनियर गर्ल्स में बी. जलहासिनी (24 किलो से कम) और प्राची सुल्तानिया (32 किलो से कम) शामिल रहीं। इन लड़कियों ने भी संतोषजनक प्रदर्शन किया।
चैम्पियनशिप में कैडेट बॉयज में मास्टर के. लोकप्रदीप ने 41 किलोग्राम से कम व्यक्तिगत पूमसे में तथा आदित्य कंसुजिया ने 49 किलोग्राम से कम में भाग लिया। मास्टर के. लोकप्रदीप ने व्यक्तिगत पूमसे स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और हावरंग एकेडमी के साथ ही तमिलनाडु राज्य को गौरवान्वित किया। लोकप्रदीप का चयन चौथी विश्व कैडेट चैम्पियनशिप के लिए किया गया है।
होनहार के. लोकप्रदीप की प्रतिभा और सफलता से अंतरराष्ट्रीय कोच डॉ. अशोक कुमार लेंका बहुत प्रसन्न हैं। डॉ. लेंका का कहना है कि हावरंग एकेडमी के बच्चों ने खेल में व्यावसायिकता का प्रदर्शन किया है। कुछ जीते और कुछ सीखे लेकिन चैम्पियन बनने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है। डॉ. लेंका ने कहा कि एक दशक से भी अधिक समय से हावरंग एकेडमी के प्रबंधक किरुबाकरन द्वारा अनुकरणीय समर्थन किया जा रहा है। अंतत: उनके बेटे लोकप्रदीप ने राष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल हावरंग एकेडमी बल्कि समूचे तमिलनाडु का गौरव बढ़ाया है।