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भारतीय ओलम्पिक संघ ने बनाई सात सदस्यीय जांच समिति जांच होने तक फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे बृजभूषण नेशनल चैम्पियनशिप छोड़कर लौटे 200 पहलवान खेलपथ संवाद नई दिल्ली। जंतर मंतर में तीन दिन तक चला पहलवानों का दंगल केन्द्रीय खेल मंत्रालय और भारतीय ओलम्पिक संघ के निष्पक्ष जांच आश्वासनों के बाद समाप्त हो गया है। भारतीय कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच जारी विवाद में खेल मंत्री के आवास पर पहलवानों की मंत्री और अफसरों के साथ बैठक हुई। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति के नामों की घोषणा शनिवार को की जाएगी। समिति चार सप्ताह में अपनी जांच पूरी करेगी। जांच पूरी होने तक बृजभूषण शरण सिंह फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। निगरानी समिति भारतीय कुश्ती संघ की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर नजर रखेगी। इस दौरान पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा,'केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं और हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी, इसलिए हम धरना खत्म कर रहे हैं। इधर, भारतीय ओलम्पिक संघ ने भी पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति बना दी है। इस कमेटी में बॉक्सर एमसी मैरीकॉम, तीरंदाज डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, पहलवान योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और दो वकील शामिल हैं। बृजभूषण शरण सिंह की शुक्रवार को 4 बजे से होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई। सूत्रों ने बताया कि ऊपर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कैंसिल करने का प्रेशर था। कॉन्फ्रेंस के लिए मौजूद पत्रकारों को कई बार टाइम बदलने का मैसेज आता रहा। पहले 4.30 बजे का मैसेज आया फिर 5 बजे, 6 बजे, 6.30 बजे और फिर सात बजे मैसेज आया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होगी। इस विवाद का असर यूपी के गोंडा में होने वाली नेशनल चैम्पियनशिप पर भी पड़ा है। चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने गए दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कई पहलवान लौट रहे हैं। इनमें शामिल दिल्ली के रेसलर प्रदीप मीणा ने बताया कि अब तक 200 से ज्यादा रेसलर लौट चुके हैं। इन लोगों ने चैम्पियनशिप में खेलने से इनकार कर दिया है। करीब 15 साल से रेसलिंग कर रहे प्रदीप के मुताबिक, 'अब गोंडा में ज्यादा पहलवान नहीं हैं। हम लोग दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे रेसलर्स के साथ हैं। प्रदीप ने आरोप लगाया- हमें अपने पैसों से आने-जाने की टिकट करानी पड़ती है। रुकने का इंतजाम भी अच्छा नहीं होता। कॉलेज के कमरों में रुकवा देते हैं। यहां पतले-पतले गद्दे होते हैं। हमें खाने को भी कुछ नहीं मिला। सुबह भी अपने पैसों से खाना खाया। बृजभूषण बोले- मुंह खोल दूंगा तो सुनामी आ जाएगी यौन शोषण के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार को इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, 'मैं मुंह खोल दूंगा तो सुनामी आ जाएगी। मेरे समर्थन में भी कई खिलाड़ी हैं।' सूत्रों की मानें तो खेल मंत्रालय भारतीय कुश्ती संघ पर डायरेक्ट एक्शन नहीं ले सकता है, लेकिन इंडियन ओलम्पिक संघ फेडरेशन को भंग कर सकता है। पहलवानों ने आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा को शिकायती पत्र भेजा था, उसके बाद ही सात सदस्यीय जांच समिति बनी है। भारतीय ओलम्पिक संघ को लिखे पत्र में पहलवानों ने अपना पूरा दर्द बयां किया था। पहलवानों ने आरोप लगाया- जब टोक्यो ओलम्पिक में विनेश फोगाट मेडल से चूक गई थीं, तब कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने उन्हें मानसिक तौर पर इतना परेशान किया कि विनेश ने सुसाइड का मन बना लिया था। इधर, तीसरे दिन के धरने के बाद खिलाड़ी खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के घर पहुंचे थे। खिलाड़ियों और ठाकुर के बीच लम्बी बातचीत हुई थी। गौरतलब है कि विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर अनियमितता, तानाशाही तथा यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। विनेश ने कहा था कि हमारे साथ 5 से 6 लडकियां हैं, जिनके साथ शोषण हुआ है। हमने जो इल्जाम लगाए हैं, वे सच हैं। हम झूठ नहीं बोल रहे हैं। अगर सुनवाई नहीं हुई तो हम केस करके आगे बढ़ेंगे। हमें अब तक सुना गया है, लेकिन संतुष्ट जवाब नहीं मिला है। इंडियन ओलम्पिक संघ के पास फेडरेशन भंग करने का अधिकार इंडियन ओलम्पिक संघ के पास नेशनल फेडरेशन को भंग करने का अधिकार है। 2008 और 2009 में ऐसा किया जा चुका है। आईओए ने 2008 में हॉकी फेडरेशन को भंग कर दिया था। उस समय फेडरेशन के सेक्रेटरी ज्योति कुमारन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में खिलाड़ी से पैसे लेने का मामला सामने आया था। तब हॉकी फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष केपीएस गिल थे। उस समय अस्थायी समिति की कमान पूर्व हॉकी खिलाड़ी असलम शेख खान को सौंपी गई थी। इस समिति में पूर्व हॉकी खिलाड़ी अजित पाल सिंह, जफर इकबाल, धनराज पिल्लै और आशोक कुमार इसके सदस्य थे। 2009 में वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को भी आईओए ने भंग कर दिया था। उस समय वेटलिफ्टिंग में डोप के कई मामले आ रहे थे। उस समय अध्यक्ष हरभजन सिंह थे। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल मार्च तक खत्म हो रहा है। कुश्ती संघ के नियमों के अनुसार वे अब आगे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।