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एसोसिएशन ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र दो बच्चों की मां प्रिया सिंह की उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा खेलपथ संवाद जयपुर। आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। बॉडी बिल्डिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमेशा से पुरुषों का दबदबा रहा है लेकिन कुछ दिनों पहले ही थाईलैंड में हुई 39वीं अंतरराष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में राजस्थान की प्रिया सिंह ने गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से मुकाम को हासिल किया है लेकिन कुछ लोग उस पर उंगली उठा रहे हैं जोकि उचित नहीं है। गौरतलब है कि प्रिया सिंह दो बच्चों की मां हैं बावजूद इनका खेल के प्रति जुनून काबिलेतारीफ है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग में स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाली राजस्थान की बेटी महिला बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह सुर्खियों में है। राजस्थान सरकार के मंत्री टीकाराम जूली ने प्रिया को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिलवाया, लेकिन अब इसी मुलाकात पर सवालिया निशान खड़े होते हुए दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, इस पूरे मामले को लेकर अब विवाद उठ रहे हैं, जिसे लेकर राजस्थान स्टेट बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। यह पत्र फर्जी खिलाड़ी और खेल संघों की जांच के संबंध में लिखा गया पत्र है, जिसमें कहा गया है कि जिस तरह से फर्जी खेल संगठनों और फर्जी लोगों की ओर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ लोगों से पैसा लेकर मेडल बांटने का खेल हो रहा है, उसके कारण वर्षों से मेहनत करके अपना मुकाम बनाने की कोशिश करने वाले खिलाड़ियों पर विपरीत असर पड़ रहा है। राजस्थान बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन ने पंजाब के एनजीओ द्वारा राजस्थान की महिला प्रिया सिंह को मिस वर्ल्ड बॉडीबिल्डर घोषित करने के मामले की जांच की मांग की,कहा इस मामले में जो माहौल बनाया गया है कि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल लेकर आई है। प्रतियोगिता की जांच किए बिना सम्मान समारोह आयोजित किए जा रहे। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जितनी भी प्रतियोगिताएं होती हैं या जितने भी खेल संगठन मान्यता प्राप्त हैं। उनके बारे में पूरी जांच कराई जाए। किसी भी खिलाड़ी को आगे बढ़ाना अच्छी बात है, लेकिन यह जांच भी आवश्यक है कि वह खिलाड़ी किस जिला संघ, किस प्रदेश खेल संघ या किस राष्ट्रीय स्तर के खेल से जुड़ा है। एसोसिएशन का कहना है कि मंत्री टीकाराम जुली को यह सोचना चाहिए कि आप बिना किसी पुख़्ता प्रमाण के एक खिलाड़ी को सीएम से मिलवाने ले गए इससे बाकी खिलाड़ियों में एक गलत मैसेज गया है। साथ ही खिलाड़ियों का मनोबल कमजोर हुआ है। मंत्री जूली को ऐसा करने से पहले सोचना चाहिए कि इससे मेहनत करने वाले खिलाड़ियों पर इसका क्या असर पड़ेगा। सबसे पहले आपको बता दें कि प्रिया बीकानेर की रहने वाली हैं और वह सामान्य ग्रामीण परिवार से हैं। प्रिया ने कक्षा 5वीं तक पढ़ाई की थी क्योंकि उनके बाद उनकी शादी हो गई थी। आपको बता दें कि उनकी शादी सिर्फ 8 साल में ही कर दी गई थी। शादी के बाद उनके सिर पर अपने ससुराल और दो बच्चों की जिम्मेदारी आ गई थी। प्रिया सिंह ने एक इंटरव्यू में यह भी बताया है कि वह जिस जगह रहती हैं वहां पर महिलाओं को हमेशा घूंघट में ही रहना होता है और जिस कल्चर में वह रहती हैं उसमें साड़ी और सूट की परम्पराओं को निभाना बहुत जरूरी होता है। जब वह अपने क्षेत्र में बॉडी बिल्डिंग वाली कॉस्ट्यूम पहनकर जाती थीं तो लोग उन्हें ताने भी मारते थे। प्रिया ने अपनी परम्पराओं को निभाने के साथ-साथ लक्ष्य पर भी निशाना साधा है। राजस्थान की पहली महिला बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह मेघवाल ने थाईलैंड में हुई अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने दूसरे लोगों से प्रेरणा लेकर जिम में ट्रेनिंग लेना शुरू किया था और फिर वह राजस्थान की पहली सफल महिला बॉडी बिल्डर बनीं। बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह ने एक इंटरव्यू में यह भी बताया था कि वह नौ घंटे की ड्यूटी के साथ-साथ अपने बच्चों को भी संभाल लेती थीं। इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनका मानना है कि महिलाओं को किसी दूसरे व्यक्ति पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।