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खेलपथ संवाद चंडीगढ़। छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह को रविवार को खेल विभाग छोड़ दिया है। चंडीगढ़ पुलिस की एफआईआर के बाद मंत्री ने अपना विभाग हरियाणा के सीएम को सौंप दिया है। उन पर हरियाणा की ही एक महिला कोच ने छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उधर, संदीप सिंह ने हरियाणा के डीजीपी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। इसके बाद डीजीपी ने एडीजीपी ममता सिंह के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी। अब यह एसआईटी मंत्री की शिकायत की जांच करेगी। संदीप सिंह पर आरोप लगाने वाली महिला कोच पंचकूला में तैनात है। कोच का आरोप है कि मंत्री ने उन्हें चंडीगढ़ स्थित अपनी कोठी पर बुलाया और गलत तरीके से छुआ। मंत्री ने कहा कि तुम्हारा फिगर और फिटनेस बहुत अच्छी है। तुम मुझे खुश रखो और मैं तुम्हें खुश रखूंगा। कोच का कहना है कि जब मंत्री से इन्कार किया तो उन्होंने जबरदस्ती करने की कोशिश की और टी-शर्ट फाड़ दी। मगर वह मंत्री को धक्का देकर वहां से भाग निकली। इस घटना के बाद महिला की हरियाणा खेल विभाग में नौकरी लग गई। बतौर कोच पंचकूला में तैनाती मिली। मगर आरोप है कि मंत्री के दखल पर झज्जर तबादला कर दिया गया। महिला कोच ने मंत्री पर परेशान करने का आरोप लगाया है। कोच का कहना है कि धमकी भी मिल रही है। ऐसे हुई मंत्री से मुलाकात पंचकूला के एक स्टेडियम के टेक्नो जिम में पीड़िता अभ्यास करती थी। यहां पर अक्सर मंत्री संदीप भी आते-जाते थे। एक दिन उन्होंने उससे बात की। बाद में मंत्री ने उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर मैसेज भेजे। एक रात मंत्री ने सुखना लेक पर बुलाया लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने ओएसपी (आउट स्टैंडिंग स्पोर्ट्स पर्सन) के तहत जूनियर कोच के लिए आवेदन किया। तब दस्तावेज जांच के बहाने मंत्री ने उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर सात स्थित अपनी कोठी पर बुलाया। महिला कोच का आरोप है कि मंत्री ने अपने ऑफिस में बैठने से मना कर दिया, क्योंकि वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। उसे दूसरे केबिन में बैठाया और उनके पैर पर हाथ रखा। आरोप है कि मंत्री ने कई और महिला खिलाड़ियों का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने उनको भी ऊपर लेवल तक पहुंचाया है। इंस्टाग्राम पर मंत्री के साथ चैट के सबूत पर कोच ने कहा कि इंस्टाग्राम पर वेनिश मोड में चैट हुई थी। इसमें 24 घंटे बाद मैसेज खुद ही डिलीट हो जाता है। महिला का आरोप है कि मंत्री संदीप सिंह उसे इंस्टाग्राम पर ब्लॉक-अनब्लॉक करते रहे हैं। महिला कोच का कहना है कि खेल विभाग में उसकी ज्वाइनिंग सितम्बर में हुई थी जबकि खेल मंत्री ने 13 मई को ही स्नैपचैट पर हरियाणा सरकार की गोपनीय रिपोर्ट उसे भेज दी थी। इसमें दावा किया था कि उन्होंने उसका नाम चयन सूची में डलवा दिया है। कोच ने बताया कि मंत्री ने कहा था कि खेल निदेशक ने तुम्हारा नाम लिस्ट से काट दिया था लेकिन मैंने ही सूची में नाम डलवाया है। क्या बोले संदीप सिंह खेल मंत्री संदीप सिंह ने महिला कोच के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री और खिलाड़ी होने के नाते उनके कार्यालय और आवास पर खिलाड़ी व अन्य लोग मिलने आते रहते हैं। महिला कोच सरासर झूठे आरोप लगा रही है। महिला कोच का स्थानांतरण झज्जर हुआ है। शायद इससे उन्हें दिक्कत हुई है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। मंत्री ने कहा कि पूरी कोठी में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिसे भी जांच करनी है कर सकता है। उन्होंने कहा कि वह अपील करेंगे कि एक बार महिला कोच के साथियों, कर्मचारियों और खेल विभाग के अधिकारियों से भी उसके व्यवहार के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। इंस्टाग्राम पर चैट को लेकर भी मंत्री ने कहा कि अगर महिला कोच के पास कोई सबूत है तो वह सामने रखे। वह सामान्य तौर पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं और बहुत से लोगों से बात करते हैं। हरियाणा के खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह की बढ़ती मुश्किलों के बीच खेल विभाग की महिला उप-निदेशक कविता खेल मंत्री के बचाव में उतर आई हैं। कविता ने मंत्री पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाने वाली जूनियर एथलेटिक्स कोच शिक्षा डागर को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। कोच ने चंडीगढ़ के एसएसपी को मंत्री के खिलाफ शिकायत दी है। दूसरी तरफ, कविता ने खेल निदेशालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री को क्लीन चिट देते हुए जूनियर एथलेटिक्स कोच को ही संदेह के दायरे में खड़ा कर दिया है। हरियाणा खेल मंत्री पर आरोपों का विवाद बढ़ा हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह और जूनियर महिला कोच का विवाद बढ़ता जा रहा है। खेल मंत्री पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाली महिला कोच पंचकूला पुलिस मुख्यालय पहुंची। जहां उसने बताया कि वह इस मामले में लिखित शिकायत देने आई है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा खेल विभाग की डिप्टी डायरेक्टर कविता खेल मंत्री संदीप सिंह के पक्ष में उतर आई हैं। महिला कोच ने बताया कि मैंने पुलिस में शिकायत दी है। इसके बाद से लगातार मुझे सोशल मीडिया पर धमकियां दी जा रही हैं। महिला कोच ने बताया कि उसके द्वारा मुख्यमंत्री और होम मिनिस्टर के पास भी मदद की गुहार लगाई गई है, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली हैं। खेल मंत्री जो आरोप लगा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं। उसने बताया कि सीआरपीएफ की जॉब वह छोड़ चुकी है, इसको लेकर कोई कंट्रोवर्सी नहीं है। जूनियर महिला कोच ने बताया कि इस पूरे मामले में संदीप सिंह के मैसेज गुरमीत सिंह के द्वारा भेजे जाते थे। इसके साथ ही मुझे वॉट्सऐप कॉल के जरिए खेल मंत्री के यहां से निर्देश जारी होते थे। मुझे डराने के लिए अब खेल मंत्री और उनके लोग मैसेज भेज रहे हैं और जबरन दबाव बना रहे हैं। डिप्टी डायरेक्टर मंत्री के पक्ष में आई खेल विभाग की डिप्टी डायरेक्टर कविता ने इस पूरे मामले में खेल मंत्री का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा है कि वह खेल मंत्री को कई सालों से जानती हैं, वह एक अच्छे स्पोर्ट्सपर्सन हैं। उन्होंने कहा कि छेड़छाड़ मामले में दोनो पक्षों को सुना जाना चाहिए और निष्पक्ष मामले की जांच होनी चाहिए। खिलाड़ी होने के नाते मैं मीडिया में आई हूं। मेरे साथ भी महिला कोच बदतमीजी कर चुकी है। संदीप सिंह बोले- राजनीति से प्रेरित है मामला हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का इस पूरे मामले में कहना है कि जो आरोप महिला कोच लगा रही है वह पूरी तरह से निराधार हैं। इसका अंदाजा इसी से लग रहा है कि एक राजनीतिक दल के ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है। मैं खिलाड़ी हूं, खिलाड़ियों की मदद करता हूं। दुख हो रहा है कि खिलाड़ी होने के नाते यह सब भी देखना पड़ रहा है। संदीप सिंह ने कहा कि वह इस मामले को लेकर सीएम से मिलूंगा। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करूंगा। मेरी साफ छवि काे खराब किया जा रहा है। मैं छोटी उम्र में खिलाड़ी बना, कप्तान बना और अब विधायक बनकर मंत्री बन गया। अब यह दूसरे लोगों को हजम नहीं हो रहा है। हरियाणा के खेल मंत्री ने कहा कि आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच की पुरानी लाइफ की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नौकरी के वक्त उसके पास फेडरेशन का लेटर तक नहीं था। मैंने इसको डिनाय किया। मैं गलत चीज नहीं चाहता हूं। उन्होंने कहा कि वह पंचकूला रहना चाहती है जबकि उसका ट्रांसफर होम डिस्ट्रिक्ट झज्जर में हो चुका है।