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कंधे की वजह से कलाई और पीठ में हो रही समस्या 2016 से अपने भार से चार गुना वजन उठा रही हैं मीरा खेलपथ संवाद नई दिल्ली। विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद मीराबाई चानू अब अगले एक माह भारी वजन को हाथ तक नहीं लगाएंगी। मीरा इस दौरान चीफ कोच विजय शर्मा के संरक्षण में एनआईएस पटियाला में अपने कंधे को मजबूत करने का काम करेंगी। मीरा के मुताबिक उन्हें कंधे की वजह से ही कलाई और पीठ में दर्द की समस्या हो रही है, इस लिए पेरिस ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए कंधों की मजबूती पर काम करना जरूरी हो गया है। मीरा के मुताबिक इस दौरान वह कोई कंपटीशन भी नहीं खेलेंगी। अगले वर्ष मई माह में वह सीधे ओलंपिक क्वालिफाइंग एशियाई चैंपियनशिप में उतरेंगी। ओलम्पिक स्वर्ण के लिए उठाना होगा 210 किलो भार मीरा अमर उजाला से कहती हैं कि विश्व चैंपियनशिप में प्रदर्शन के बाद उन्हें विश्वास हो चला है कि वह पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक के लिए दावेदारी पेश कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कम से कम 210 किलो वजन उठाना ही पड़ेगा। इस वजन को हासिल करने के लिए उन्हें अपने कंधे पर काम करना पड़ेगा। कंधे को मजबूती देने का यह सही समय है। वह कोच विजय शर्मा की निगरानी में कंधे की मजबूती की कई तरह की एक्सरसाइज करेंगी। एक बार कंधे की समस्या ठीक हुई तो फिर कलाई और पीठ की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी। विजय शर्मा के मुताबिक वेटलिफ्टिंग में पुराने वेटलिफ्टरों को चोट की समस्या आती रहती है। उन्हें रोजाना वजन उठाना पड़ता है, जिससे कंधों पर असर पड़ता है। मीराबाई 2016 से लगातार अपने भार का चार गुना से अधिक वजन उठा रही हैं। ऐसे में उनके कंधों पर असर पडना स्वभाविक है। यही कारण है कि उन्होंने फैसला लिया है कि मीरा को छुट्टी दिए बिना वह एक माह तक उन्हें कोई वजन नहीं उठवाएंगे और उनके कंधों की मजबूरी पर ही काम करेंगे। इस दौरान सिर्फ एक बार वह अपने विभागीय कार्य से मणिपुर जाएंगी। मई में एशियाई चैंपियशिप में वह मीरा को उतारेंगे। जहां एक बार फिर उनकी मुकाबला चीनी लिफ्टरों से होगा।