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संभल, चंदौली, हापुड़ व शामली में बनेंगे स्टेडियम
खेलपथ संवाद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खेलों के उत्थान के लिए घोषणाओं का घोड़ा सरपट दौड़ाया जा रहा है। प्रशिक्षकों की समस्या से जूझ रहे प्रदेश को निजात दिलाने की बजाय नित नई-नई घोषणाएं की जा रही हैं। अब जवाबदेह खेल अधिकारी उत्तर प्रदेश में खेल प्राधिकरण बनाने की बातें कर रहे हैं तो गोरखपुर मंडल में स्पोर्ट्स सिटी तैयार करने का शिगूफा छोड़ा गया है।
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने एक बैठक में बताया कि राज्य की खेल नीति का मसौदा तैयार हो गया है। इसे मंजूरी के लिए जल्द ही अंतिम रूप देकर कैबिनेट में रखा जाएगा। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की तरह प्रदेश में राज्य खेल प्राधिकरण बनेगा। इसमें सभी ओलम्पिक खेलों की सुविधाएं होंगी। यह राज्य में उसी तरह काम करेगा जैसे साई के सेंटर काम करते हैं। इसके अलावा राज्य में खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए राजकीय खेल प्रशिक्षण संस्थान का गठन किया जाएगा। खेल नीति में राज्य में पांच हाई परफारमेंस सेंटर और 15 एक्सीलेंस सेंटर बनाकर खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की बात कही गई है। यही नहीं खेल संघों के साथ निजी क्षेत्र को भी सरकारी खेल स्टेडियम संचालित करने का मौका मिलेगा। खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाएंगी। एनआईएस करने वाले राज्य के खिलाड़ियों की फीस सरकार देगी।
बैठक में जानकारी दी गई है कि राज्य सरकार शेष बचे चार और जिलों संभल, चंदौली, हापुड़ व शामली में स्टेडियम जल्द बनवाने जा रही है। संभल के चंदौसी तहसील के भरतरा गांव में युवा कल्याण विभाग और चंदौली में पशुपालन विभाग की जमीन पर स्टेडियम तैयार होगा। अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने बताया कि इसी साल इन चारों स्टेडियम का निर्माण हो जाएगा। अयोध्या में निर्माणाधीन अंतराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, सहारनपुर में खेल छात्रावास व लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में वेलोड्रम ( साइकिल ट्रैक ) आदि पर भी काम चल रहा है।
सहगल ने बताया कि सरकार पहली दफा राज्य खेलों का आयोजन करेगी। यह पांच-छह स्तरों पर होगा। गांवों में खेल प्रतियोगिताएं होंगी। यहां से चुने गए खिलाड़ी ब्लॉक, ब्लॉक से चुने गए खिलाड़ी तहसील, तहसील के चुने गए खिलाड़ी विधान सभा स्तर, यहां से चुने गए खिलाड़ी जिला, जिले से चुने गए मण्डल और मण्डल से चुने गए खिलाड़ी राज्य स्तर पर हिस्सा लेंगे।
खिलाड़ियों को आर्थिक समस्या नहीं होगी
उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रदर्शन करने में अब आर्थिक समस्या आड़े नहीं आयेगी। राज्य सरकार एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत खिलाड़ियों को खेल में उच्चस्तरीय प्रदर्शन एवं संवर्धन हेतु फेलोशिप प्रदान करेगी। बैठक में एकलव्य क्रीड़ा कोष से 35 खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता/फेलोशिप प्रदान करने की बातें भी पूर्व में की गईं थीं। इसके साथ ही बैठक में एकलव्य क्रीड़ा कोष से जनपद व मण्डल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी पंजीकृत खिलाड़ियों, आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों एवं स्पोर्ट्स कॉलेजेज के खिलाड़ियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। बकौल सहगल अब विभिन्न जनपदों एवं मण्डलों से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को एकलव्य क्रीड़ा कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत खेल संघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक विजेता खिलाड़ियो को अपने खेल विधा से संबंधित आवश्यक उपकरणों की खरीद हेतु पांच लाख रुपये तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। सम्बद्धता प्राप्त खेल संघों द्वारा चार वर्षों के अंतराल पर आयोजित होने वाली एशियन चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स, वर्ल्ड कप, विश्व चैम्पियनशिप तथा एशिया कप में पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को शारीरिक विकास एवं संवर्धन हेतु डाइट मनी के रूप में तीन लाख रुपये की धनराशि प्रतिवर्ष देने का प्रावधान है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इसी प्रकार जूनियर एशियन चैम्पियनशिप, जूनियर विश्व चैम्पियनशिप, जूनियर वर्ल्ड कप, एशियन कप, यूथ ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, सैफ गेम्स पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रतिवर्ष दी जायेगी। इसके अलावा ओलम्पिक गेम्स हेतु क्वालीफाई/कोचिंग कैम्प हेतु खिलाड़ियों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। साथ ही खेल प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण के दौरान लगने वाली चोट के उपचार हेतु खिलाड़ी को पांच लाख रुपये वित्तीय मदद दी जायेगी।
सहगल ने बताया कि ओलम्पिक गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, वर्ड चैम्पियन/वर्ल्डकप, एफ्रो एशियन गेम्स, सैफ गेम्स व राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले खिलाड़ी तैयार करना एकलव्य क्रीड़ा कोष का मुख्य उद्देश्य है। इस कोष के तहत खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रदान करना है। खिलाड़ियों का स्वास्थ्य बीमा कराया जायेगा। साथ ही खेल क्लबों तथा अकादमियों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रुप से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजन, ट्रान्सजेण्डर व महिला खिलाड़ियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जायेगा। खिलाड़ियों को आधुनिक खेल उपकरण व सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।