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पैरा बैडमिंटन: भारत को दो स्वर्ण, दो रजत और 12 कांस्य 11 पदक अपने नाम कर चुके हैं विश्व चैम्पियनशिप में अब तक प्रमोद भगत खेलपथ संवाद टोक्यो। पैरालम्पिक चैम्पियन प्रमोद भगत और उभरती हुई खिलाड़ी मनीषा रामदास ने रविवार को विश्व चैम्पियनशिप में चैम्पियन बने। इस सफलता के साथ ही भारत ने बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में कुल 16 पदक अपनी झोली में डाले। टोक्यो पैरा ओलम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता भगत ने 53 मिनट चले एसएल3 पुरुष एकल फाइनल में अपने हमवतन नितेश कुमार को 21-19, 21-19 से हराया। दूसरी ओर 17 वर्षीय मनीषा ने आधे घंटे तक चले एसयू5 महिला एकल फाइनल में जापान की मामिको टोयोडा को 21-15, 21-15 से शिकस्त दी। मनीषा ने इस साल मार्च में ही सीनियर अंतरराष्ट्रीय में खेलना शुरू किया था और चेन्नई की इस खिलाड़ी के लिए यह निश्चित रूप से उपलब्धि रही। यह विश्व चैम्पियनशिप में भगत का चौथा एकल स्वर्ण है। भगत अपने पुरुष युगल जोड़ीदार मनोज सरकार के साथ भी दो विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण जीत चुके हैं, हालांकि इस बार भारतीय जोड़ी को रजत से संतोष करना पड़ा। हिकमत रामदानी और उकुन रुकेंदी की इंडोनेशियाई पुरुष युगल जोड़ी ने एसएल3-एसएल4 के स्वर्ण पदक मुकाबले में भगत-मनोज को 21-14, 18-21, 13-21 से हराया। भगत ने एक स्वर्ण और एक रजत जीतने के बाद कहा, यह जीत मेरे लिए बहुमूल्य है क्योंकि मैंने इसके लिए काफी मेहनत की है। अपने करियर की सातवीं विश्व चैम्पियनशिप खेल रहे भगत ने अब तक एकल और युगल में कुल छह स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदक जीते हैं। उन्होंने 2007 और 2017 विश्व चैम्पियनशिप को छोड़कर सभी संस्करणों के फाइनल में जगह बनाई है। शीर्ष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों में बासेल 2019 चैम्पियन रही मानसी जोशी और नित्या ने कांस्य पदक जीते। मनीषा रामदास ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा पल रहा। मुझे इस क्षण का इंतजार था और इसके लिए पिछले कुछ महीनों मैंने काफी कड़ी मेहनत की है। विश्व चैम्पियन बनना शानदार अहसास है। मुझे उम्मीद है कि मैं भविष्य में ऐसे नतीजे हासिल कर देश को गौरवान्वित करना जारी रखूंगी। प्रमोद भगत ने कहा कि फिर से विश्व चैम्पियन बनना शानदार अहसास है। यह साल मेरे लिए अच्छा रहा है और साल का अंत एक और उपलब्धि से करना अद्भुत है।