News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
उच्चतम न्यायालय ने दिए दिशा-निर्देश, जस्टिस एल. नागेश्वर राव की प्रशंसा खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ की कार्यकारी समिति के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने रिटायर जस्टिस एल. नागेश्वर राव समिति की तारीख को बरकरार रखते हुए कहा कि चुनाव 10 दिसम्बर को ही होंगे। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और हिमा कोहली की बेंच ने आईओए के सदस्यों को नए संविधान के प्रचार की अनुमति भी दे दी है। इससे सभी सदस्यों को नए संविधान के बारे में जानकारी मिलेगी और आमसभा की बैठक के दौरान नए संविधान को मंजूरी मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायमूर्ति राव की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में गजब की तत्परता दिखाई और देशहित में काम करते हुए दो नवम्बर तक सभी दस्तावेज जुटा लिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति, आईओए और राज्य संघों सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत की। डीवाई चंद्रचूड और हिमा कोहली की बेंच ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव ने जो दस्तावेज दिया हैं, उसे लेकर अधिकतर लोग 10 दिसम्बर 2022 को चुनाव कराने पर सहमत हैं और यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है। आईओए के संविधान में जो भी बदलाव होने हैं, उनके बारे में आज ही सभी हितधारकों को सूचित किया जाना जरूरी है, तभी 10 दिसम्बर को बैठक के दौरान इस पर सहमति या असहमति बनेगी। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव संविधान के प्रसार के लिए तौर-तरीकों को तैयार करने के लिये स्वतंत्र हैं।’’ अदालत ने आईओए का नया संविधान बनाने वाले जस्टिस राव को 20 लाख रूपये देने का भी फैसला किया है। उन्हें आईओए के सदस्यों को नए संविधान के बारे में बताने की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि इस मामले से जुड़ी किसी भी याचिका पर सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी। स्थानीय या राज्य की अदालतें इस पर कोई सुनवाई नहीं कर सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई सात दिसम्बर को करेगा। न्यायालय ने दस अक्टूबर को आईओए के चुनाव पर रोक लगा दी थी। ये चुनाव तीन दिसम्बर को होने थे। इसकी वजह यह थी कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के कार्यकारी बोर्ड की बैठक पांच दिसम्बर को होनी है।