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अंडर-23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिपः पहली बार जीते तीन पदक नितेश-विकास को मिले कांस्य खेलपथ संवाद नई दिल्ली। स्पेन द्वारा 21 भारतीय पहलवानों को वीजा न देने के बावजूद हमारे जांबाजों ने अंडर-23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में अब तक तीन कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। भारत पहली बार तीन पदक अपने नाम करने में सफल रहा है। बुधवार को नितेश ने 97 किलोग्राम भारवर्ग और विकास ने 72 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीते। इससे पहले साजन भानवाला ने भी कांस्य पदक जीतकर अपनी शक्ति और कौशल का शानदार आगाज किया था। भारत ने अंडर-23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में अपना विजयी क्रम जारी रखते हुए बुधवार को ग्रीको-रोमन वर्ग में दो और कांस्य पदक जीत लिए। इसके साथ ही उसने टूर्नामेंट में इतिहास रच दिया। भारत पहली बार तीन पदक अपने नाम करने में सफल रहा है। नितेश ने स्पेन में ब्राजील के इगोर फर्नांडो अल्वेस डी क्विरोजिन को हराकर 97 किलोग्राम का कांस्य पदक जीता। भारतीय पहलवान ब्राजील के पहलवान पर पूरी तरह हावी रहा और भारत को तीसरा पदक दिलाते हुए 10-0 से जीत हासिल की। दूसरी ओर, विकास ने 72 किलोग्राम भारवर्ग में जापान के डाइगो कोबायाशी को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। विकास ने 6-0 से जीत हासिल की और भारत को दूसरा पदक दिलाया। इससे पहले साजन ने अंडर-23 कुश्ती विश्व चैम्पियनशिप में भारत का पहला ग्रीको-रोमन पदक जीता था। इस पहलवान ने रेपेचेज दौर में यूक्रेन के दिमित्रो वासेत्स्की को हराकर ऐतिहासिक पदक अपने नाम किया था। स्पेन के दूतावास द्वारा 30 सदस्यीय दल में से 21 खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार के बाद भारत को अंडर-23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप से पहले बड़ा झटका लगा था। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने विश्व चैम्पियनशिप के लिए 30 सदस्यीय टीम चुनी थी, लेकिन स्पेन के दूतावास द्वारा 21 पहलवानों को वीजा देने से इनकार करने के बाद केवल नौ पहलवानों को ही मंजूरी दी गई थी। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।