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37 साल बाद उत्तर प्रदेश की टीम को मिला राष्ट्रीय खेलों में पदक खेलपथ संवाद राजकोट। गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में पुरुष हॉकी के फाइनल में उत्तर प्रदेश को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इन खेलों के फाइनल में 37 साल बाद पहुंची उत्तर प्रदेश टीम को कर्नाटक ने पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 गोल से हराया। कर्नाटक ने बेशक गोल्ड मेडल जीता हो लेकिन उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने अपने जोरदार खेल से हॉकीप्रेमियों का दिल जरूर जीता। पुरुष हॉकी के फाइनल में रोमांचक मुकाबले में कर्नाटक ने उत्तर प्रदेश की टीम को पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 गोल से हराया। मैच में कर्नाटक की ओर से एसवी सुनील ने खेल के 25वें मिनट में उत्तर प्रदेश के डिफेंस को भेदते हुए गोल दागकर टीम का खाता खोला। इसके बाद उत्तर प्रदेश की डिफेंस ने शानदार खेल दिखाया और कर्नाटक के खिलाड़ियों के हर अटैक को विफल किया। दूसरी ओर गोल दागने के लिए भी यूपी के खिलाड़ियों ने कोशिश जारी रखी। हालांकि वे भी प्रतिद्वंद्वी के डिफेंस को भेदने में नाकाम रहे। निर्धारित समय में उत्तर प्रदेश व कर्नाटक की टीमें 2-2 गोल से बराबर रहीं। इसके बाद शूटआउट में उत्तर प्रदेश से राजकुमार पाल, राहुल राजभर, विशाल सिंह व सुमित कुमार ने गोल दागे जबकि राजू पाल गोल न कर सके। दूसरी ओर कर्नाटक की टीम ने भी 4 गोल दागे जिससे टाईब्रेकर में स्कोर 4-4 से बराबरी पर रहा। इसके बाद सडेनडेथ में कर्नाटक के खिलाड़ी ने सफल शॉट खेला जबकि उत्तर प्रदेश के राजकुमार पाल का शॉट गोलपोस्ट से टकराकर बाहर निकल गया जिससे कर्नाटक ने खिताब अपनी झोली में डाल लिया। उत्तर प्रदेश इससे पूर्व 37 साल पहले नेशनल गेम्स हॉकी के फाइनल में पहुंचा था। उत्तर प्रदेश ने 1985 में दिल्ली में हुए नेशनल गेम्स में पंजाब को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा वुशू में उत्तर प्रदेश के अपिल नागर को कांस्य पदक मिला।