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बोलीं- डीन को नहीं मिली थी कोई चेतावनी लंदन। भारत की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने सोमवार को पहली बार मांकडिंग मामले पर बयान दिया। दीप्ति ने कहा कि उन्होंने कई बार चार्लोट डीन को चेतावनी दी थी। साथ ही अम्पायरों को भी आगाह किया था। इसके बाद उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ प्लान कर चार्लोट को रनआउट किया। अब उनके बयान पर इंग्लैंड की कप्तान हीदर नाइट का बयान सामने आया है। इंग्लैंड की कप्तान हीदर नाइट का कहना है कि भारतीय क्रिकेटर झूठ बोल रही हैं। चोटिल होने के चलते इस मैच में नहीं खेल रहीं हीदर ने ट्वीट किया कि मैच खत्म हो चुका है। चार्लोट नियमों के तहत आउट की गई हैं। भारत इस मैच और सीरीज का योग्य विजेता है, लेकिन चार्लोट को आउट किए जाने से पहले कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। ऐसा किया जाना भी जरूरी नहीं था। भारतीय क्रिकेटरों को चेतावनी दिए जाने का झूठ बोलकर इसे तर्कसंगत नहीं करना चाहिए। हीदर के बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उधर इंग्लिश पत्रकार पीटर डेला पेन्या ने ट्वीट किया कि चार्लोट डीन ने नॉन-स्ट्राइकर के रूप में 73 बार जल्दी क्रीज छोड़ी, जिसमें वह गेंद भी शामिल थी, जिस पर वह आउट हुई थीं। यानी डीन ने 85 प्रतिशत से गेंदों के डिलीवर होने से पहले ही नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर क्रीज छोड़ दिया। मूल रूप से एक ओवर में वह लगभग 5 बार क्रीज से जल्दी निकल रही थीं। दीप्ति ने मांकडिंग को लेकर क्या कहा था? इससे पहले भारतीय ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने खुलासा किया कि उन्होंने चार्ली डीन को विवादास्पद मांकडिंग (रन आउट) करने से पहले कई बार चेतावनी दी थी। उन्होंने चेतावनी को नहीं माना तो टीम ने उन्हें नियमों के तहत इस तरह से आउट करने की योजना बनाई। अम्पायर को भी पहले बोल दिया था- दीप्ति इंग्लैंड से 3-0 से सीरीज जीतकर भारतीय टीम के साथ कोलकाता पहुंचीं दीप्ति ने यह भी कहा कि डीन को इस तरह से रन आउट करने से पहले उन्होंने अंपायर को भी बोला था। दीप्ति ने कहा कि हमने अंपायर को भी बोला था, लेकिन वह वहीं पर ही खड़ी रहीं। हम लोग कुछ नहीं कर सकते थे। यह झूलन गोस्वामी की अंतिम सीरीज थी। दीप्ति कहती हैं कि हर टीम को जीतना होता है और अंतिम मैच में हम चाहते थे कि झूलन दी को जीत तोहफे में दें। उसके हिसाब से हम जीत के लिए जो प्रयास डाल सकते थे हमने दिया। लॉयड ने कहा पहले चेतावनी हो अनिवार्य इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर रहे डेविड लॉयड भी इस बहस में कूद पड़े हैं। लॉयड का कहना है कि एमसीसी को इस मामले में हस्तक्षेप करना होगा। उनके ख्याल से एमसीसी को चाहिए कि मांकडिंग किए जाने से पहले यह नियम होना चाहिए कि गेंदबाज बल्लेबाज को चेतावनी देगा। चेतावनी के बावजूद बल्लेबाज ऐसा करता है तो गेंदबाज को मांकडिंग करने का अधिकार होगा।