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राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान परिवहन विशेषाधिकार (टी2) को रद्द कर दिया गया था खेलपथ संवाद नई दिल्ली। आनंदेश्वर पांडेय पर एक के बाद एक आरोप लग रहे हैं लेकिन वे उन्हें झुठलाते हुए क्या सिद्ध करना चाहते हैं यह हर किसी की समझ से परे है। दुराचार के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय ओलम्पिक संघ के कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडेय पर बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी एक महिला चालक के साथ अनुचित व्यवहार का आरोप लगा जिसकी वजह से इन खेलों के दौरान पांडेय के परिवहन विशेषाधिकार (टी2) को रद्द कर दिया गया था। बर्मिंघम मामले पर भी पांडेय अपने आपको निर्दोष बता रहे हैं। इनका कहना है कि अगर मैंने कुछ संगीन किया होता, तो इन खेलों के लिए जारी मेरी मान्यता रद्द कर दी जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहां केवल मेरे परिवहन विशेषाधिकार वापस लिये गये थे। बर्मिंघम खेलों ‘फैमिली सर्विसेज’ के प्रमुख अश्विन लोखरे ने पांच अगस्त को आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल खन्ना को इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने अपने पत्र में कहा, ‘‘आनंदेश्वर पांडे के अनुचित व्यवहार के कारण इन खेलों से जुड़ी वॉलंटियर चालक ने असहज महसूस किया। बर्मिंघम 2022 ने शेष खेलों के लिए उनके ‘परिवहन विशेषाधिकार’ को रद्द करने का निर्णय लिया है।’’ उत्तर प्रदेश ओलम्पिक संघ के महासचिव पांडेय पर हाल में दुराचार का आरोप लगा है और इस संबंध में राजस्थान के भिवाड़ी थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पांडेय के खिलाफ यह आरोप सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की पूर्व राष्ट्रीय स्तर की हैंडबॉल खिलाड़ी सीमा शर्मा ने लगाया है। पांडेय ने 2013 से 2020 तक भारतीय हैंडबॉल महासंघ (एचएफआई) के महासचिव के रूप में कार्य किया है और वह अभी भी उत्तर प्रदेश ओलम्पिक एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश हैंडबॉल एसोसिएशन के सचिव हैं।