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बर्मिंघम में खेलने गई थी, नहीं जीती कोई पदक इस साल नौ नामी भारतीय एथलीट डोप में फंसे खेलपथ संवाद नई दिल्ली। एथलेटिक्स में एक के बाद एक नामी एथलीटों के डोप में फंसने का सिलसिला जारी है। अब गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य जीतने वाली और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल का हिस्सा रहीं देश की टॉप डिस्कस थ्रोअरों में शुमार नवजीत कौर ढिल्लो के डोप में फंसने का मामला सामने आया है। उन्हें विश्व एथलेटिक्स की एथलीट इंटिग्रिटी यूनिट (एआईयू) की टेस्टिंग में शक्तिवर्धक हार्मोन टेस्टोस्टोरॉन के लिए पकड़ा गया है। उन पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया है। एआईयू ने उनका सैम्पल राष्ट्रमंडल खेलों से पहले लिया था, लेकिन टेस्टिंग में देर लगने के कारण उनकी रिपोर्ट अब आई है। राष्ट्रमंडल खेलों से स्प्रिंटर धनलक्ष्मी, एमवी जिल्ना और जम्पर बी ऐश्वर्या डोप में फंसी थीं। धनलक्ष्मी भी एआईयू की टेस्टिंग में पकड़ी गई थीं। सूत्र बताते हैं कि नवजीत का भी सैम्पल एआईयू ने राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों के दौरान अल्माटी (कजाखस्तान) में लिया था। यह सैम्पल आउट ऑफ कम्पटीशन था। नवजीत बर्मिंघम में डिस्कस थ्रो के फाइनल में पहुंची थीं और वह आठवें स्थान पर रही थीं। उन्होंने 2014 में जूनियर विश्व एथलेटिक्स में भी कांस्य जीता था। अगर बर्मिंघम में नवजीत पदक जीततीं तो उनका यह पदक छिन जाता। इस साल कई नामी एथलीट डोप में फंसे हैं। इनमें ज्यादातर राष्ट्रीय शिविर में शामिल थे। सबसे पहले एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण जीतने वाली एमआर पूवम्मा, स्प्रिंटर तरनजीत कौर, जेवलिन थ्रोअर राजेंदर सिंह, टोक्यो ओलम्पियन शिवपाल सिंह, इसी ओलम्पिक में छठे स्थान पर रहने वाली डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर नाडा और एआईयू की टेस्टिंग में डोप में फंसे हैं। डोप के लिए पकड़े जाने वालों में नामी महिला एथलीटों की संख्या ज्यादा है।