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मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं खिलाड़ियों को 400 करोड़ रुपये से अधिक के नकद पुरस्कार मिले श्रीप्रकाश शुक्ला चण्डीगढ़। कहने को भारत का हर राज्य खेल रहा है। हर राज्य का मुख्यमंत्री खेलों के उत्थान का सब्जबाग दिखाता है लेकिन मनोहर लाल खट्टर जो कहते हैं उसे कर दिखाने में कोई कोताही नहीं बरतते। हरियाणा के मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर नहीं है इसीलिए वहां की जमीनी खेल योजनाओं के सुफल भी देखने को मिल रहे हैं। देश की आबादी के दो फीसदी हिस्से से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जितने मेडल आते हैं उतने तो समूचे देश से भी नहीं मिलते। एक समय था, जब खेल को करियर के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता था। एक कहावत भी प्रचलित थी, ‘खेलोगे कूदोगे होगे खराब, पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब'। वर्तमान हरियाणा सरकार ने इस कहावत को बदलने का काम किया है। खेल और खिलाड़ियों को दिए जा रहे प्रोत्साहन की बदौलत अब खेल मात्र खेल तक ही सीमित न होकर हरियाणा के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी बन गया है। हरियाणा में सदैव ही खेल प्रतिभाओं की भरमार रही है। जरूरत केवल इन प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल-सुविधाएं और अवसर प्रदान करने की थी। राज्य सरकार ने इस बात को समझते हुए खिलाड़ियों को अनेक सुविधाएं और प्रोत्साहन देने का काम किया। इससे हरियाणा में एक नई खेल संस्कृति का जन्म हुआ। खेल के क्षेत्र में हरियाणा का प्रदर्शन बेमिसाल है। हर खेल में यहां के खिलाड़ी कमाल कर रहे हैं। इसका श्रेय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की ओर से खिलाड़यों के लिए बनाई गई बेहतरीन खेल नीति को जाता है। सरकार ने खिलाड़ियों को तराशने के लिए स्कूल स्तर से ही उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हरियाणा के खिलाड़ियों की तारीफ कर चुके हैं। टोक्यो ओलम्पिक में देश के 7 में से 3 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। हरियाणा के तीन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में स्वर्ण, रवि दहिया ने कुश्ती में रजत तो बजरंग पूनिया ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता। हॉकी के कांस्य में भी हरियाणा की हिस्सेदारी रही। पुरुष हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में दो खिलाड़ी हरियाणा के थे। चौथे स्थान पर रहने वाली देश की महिला हाॅकी टीम में हरियाणा की नौ बेटियां थीं। पैरालम्पिक में भी देश को मिले 19 में से 6 पदक हरियाणवी खिलाड़ियों के नाम रहे। वर्ष 2016 में हुए रियो ओलम्पिक में देश को मिले दो पदकों में से एक पदक हरियाणा का था। वर्ष 2012 में हुए लंदन ओलम्पिक में भारत को मिले 6 पदकों में से 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते थे। वर्ष 2010 से लेकर 2018 तक हुए एशियाई तथा राष्ट्रमंडल खेलों में भी हरियाणा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। खेलो इंडिया-2020 प्रतियोगिताओं में भी हरियाणा के 677 खिलाड़ियों ने भाग लिया और 200 पदक जीतकर देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। प्रदेश में विकसित हो रही खेल संस्कृति व खेलों के आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के दृष्टिगत ही ‘खेलो इंडिया’ की मेजबानी पहली बार हरियाणा को मिली। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए स्कूल स्तर से ही खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जाता है। खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए खेल कलेंडर तैयार किया जाता है और उसके अनुसार सालभर सब-जूनियर, जूनियर और सीनियर स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। सोनीपत में खुलेगा खेलकूद विश्वविद्यालय सोनीपत जिले के राई में हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। देश को पहला क्रिकेट विश्व कप दिलाने वाले क्रिकेटर कपिल देव को इस खेल विश्वविद्यालय का चांसलर मनोनीत किया गया है। खिलाड़ियां को खेलों से संबंधित जानकारी देने के लिए खेलो हरियाणा ऐप लांच किया गया है। खिलाड़ियों को देश में सर्वाधिक पुरस्कार हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार के रूप में सर्वाधिक नकद राशि देता है। राज्य सरकार ने ओलम्पिक व पैरालम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को 2.5 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार का प्रावधान किया है। इन खेलों के सब प्रतिभागी खिलाड़ियों को भी 15-15 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। एशियाई, कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले पैरा खिलाड़ियों को भी सामान्य खिलाड़ियों के समान नकद पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 1.50 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को 75 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 1.50 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता हैं। प्रदेश में पदक विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार व अन्य सुविधाएं देने के लिए ‘हरियाणा स्टेट डेवलपमेंट फंड‘ का गठन किया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 14 हजार से अधिक खिलाड़ियों को 400 करोड़ रुपये से अधिक के नकद पुरस्कार दिए गए हैं। इसके अलावा, स्कूल-काॅलेजों के 28 हजार 643 खिलाड़ियों को 50 करोड़ 38 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने ओलम्पिक व पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करते ही खिलाड़ी को तैयारी के लिए पांच लाख रुपये की एडवांस राशि देने का प्रावधान किया है। अवॉर्ड का मानदेय 4 गुना बढ़ाया मनोहर लाल सरकार ने अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार जीतने वाले खिलाड़ियों के मानदेय में चार गुना तक बढ़ोत्तरी की है। सरकार ने इसे पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया है। खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं को भी अब 20 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। हरियाणा ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार विजेताओं को 20 हजार रुपये प्रतिमाह और भीम पुरस्कार विजेताओं को पांच हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की शुरुआत की है। राज्य स्तर के स्कूली खिलाड़ियों की खुराक राशि 125 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिदिन तथा राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की डाइट मनी 200 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये प्रतिदिन की गई है। खिलाड़ियों को नौकरियां प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी देने का भी प्रावधान किया है। इसके लिए ‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम-2021’ बनाए गए हैं। अब तक 85 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई है। इसके खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में प्रथम श्रेणी से लेकर तृतीय श्रेणी तक के 550 नए पद सृजित किए गए हैं। विभिन्न पदों की भर्ती में योग्य खिलाड़ियों के लिए प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के पदों में तीन प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी के पदों में 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाता है। खेलो इंडिया के पदक विजेता खिलाड़ियों की ईनामी राशि दोगुनी हरियाणा सरकार ने खेलो इंडिया में हरियाणा के मेडल विजेता खिलाड़ियों को मिलने वाली ईनाम राशि को दोगुना कर दिया है। गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को एक लाख, सिल्वर मेडल विजेता को 60 हजार और कांस्य पदक लाने वाले खिलाड़ी को 40 हजार रुपये नकद पुरस्कार मिलेगा। खेलों में हिस्सा लेने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के रूप में 5 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। पर्वतारोहियों को पांच लाख का पुरस्कार विश्व की 10 सबसे ऊंची पर्वत चोटियों की चढ़ाई करने वाले प्रदेश के पर्वतारोहियों के लिए नई नीति लागू की गई है। अब पर्वतारोहियों को पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार और खेल श्रेणी का ग्रेड-सी प्रमाण-पत्र दिया जाता है। इससे उन्हें खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी प्राप्त करने में मदद मिलती है। जिलों में खोले 22 खेल स्टेडियम राज्य सरकार ने ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर पर खेलों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया है। राज्य में दो राज्यस्तरीय खेल परिसर, 22 जिलास्तरीय खेल स्टेडियम, 12 उपमंडल स्टेडियम और 160 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर बनाए गए हैं। शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा भी 10 स्टेडियम बनाए गए हैं। इनके अलावा, सात तैराकी तालाब, 9 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 13 हाॅकी एस्ट्रोटर्फ मैदान तथा एक फुटबाल सिंथेटिक सरफेस है। दो तैराकी तालाब, दो सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक तथा एक फुटबाल सिंथेटिक सरफेस निर्माणाधीन है। वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम अम्बाला में 48.57 करोड़ रुपये की लागत से फुटबाल एस्ट्रोटर्फ तथा एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रैक बनाया गया। भीम स्टेडियम, भिवानी में एथलेटिक्स ट्रैक, महावीर स्टेडियम हिसार में हॉकी एस्ट्रोटर्फ, फतेहाबाद में फुटबाल सिन्थेटिक ट्रैक तथा फरीदाबाद में हॉकी एस्ट्रोटर्फ बनाया गया है। राज्य के 13 जिलों में खेल सुविधा केंद्रों का निर्माण किया गया है तथा 4 जिलों में इनका निर्माण कार्य चल रहा है। पंचकूला, गुरुग्राम, जींद, भिवानी, सिरसा व यमुनानगर जिलों में आवासीय खेल अकादमियां खोली गई हैं। इसके अलावा, भिवानी, कुरुक्षेत्र, हिसार, अम्बाला व रोहतक में 9 डे-बोर्डिंग खेल अकादमियां खोली गई हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा महम, कुरुक्षेत्र, हिसार तथा भिवानी में स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं। खिलाड़ियों की सुविधा के लिए प्रदेश में चार पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें से मुख्य पुनर्वास केंद्र पंचकूला में स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा, 4 खेल छात्रावास भी बनाए जाएंगे। खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण व सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में पांच स्पोर्ट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोले जाएंगे। इनमें प्रतिभावान खिलाड़ियों को मुफ्त कोचिंग दी जाएगी। ‘लघु खेल केंद्र योजना’ के तहत मैदानों के रख-रखाव, खेल उपकरणों व खेल-किट के लिए खेल केंद्रों को एकमुश्त 5 लाख रुपये की राशि देने का प्रावधान किया गया है। राज्य के खिलाड़ियों को आधुनिक खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ‘हरियाणा स्पोर्ट्स एण्ड फिजिकल फिटनेस अथॉरिटी' का गठन किया गया है। प्रदेश में खेलों के विकास एवं प्रसार के लिए ‘खेल परिषद' का गठन किया गया है। एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए ‘‘हरियाणा एकेडमी ऑफ एडवेंचर स्पोर्ट्स‘‘ का गठन किया गया है। प्रदेश में 1100 खेल नर्सरियां खोली जा रही हैं। इससे प्रदेश के लगभग 25000 नवोदित खिलाड़ी लाभान्वित होंगे। योग को बढ़ावा, प्रदेश में खुलेंगी 6500 व्यायामशालाएं योग को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा योग आयोग का गठन किया गया है। सरकार का लक्ष्य 6500 गांवों में योग एवं व्यायामशालाएं खोलने का है। अब तक लगभग 650 से अधिक व्यायामशालाएं शुरू की जा चुकी हैं तथा 320 निर्माणाधीन हैं। योग के प्रोत्साहन के लिए 1000 आयुष सहायक तथा 22 आयुष कोच के पद स्वीकृत किए गए हैं। विभिन्न स्कूलों में वर्तमान में 297 खेल नर्सरियां चल रही हैं। प्रदेश में बनेगी खेल अकादमी, देशभर के खिलाड़ी ले सकेंगे प्रशिक्षण मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा खेल अकादमी बनाने की घोषणा की है। इसमें देशभर के खिलाड़ी प्रशिक्षण ले सकेंगे। इसके अलावा, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए पंचकूला में एक हॉस्टल खोला जाएगा, जिसमें 200 खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था होगी। इसके जरिए खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देने के साथ ही उन्हें खेल में पारंगत करेंगे।